Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर कुछ तस्वीरें तेजी से शेयर की जा रही हैं। तस्वीरों में सैकड़ों ट्रैक्टरों को एक लम्बी कतार में खड़े हुए देखा जा सकता है। इन्हीं तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जर्मनी की राजधानी बर्लिन में भी भारतीय किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए ट्रैक्टर रैली निकली गई थी।
फेसबुक पोस्ट का लिंक यहाँ देखें
Fact Check / Verification
मौजूदा भारतीय किसान आंदोलन को लेकर इंटरनेट पर वायरल हो रही ट्रैक्टर रैली की तस्वीरों के साथ, शेयर किए जा रहे दावे की सत्यता जानने के लिए पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान सबसे पहले यह पता लगाने के लिए खोजा कि क्या किसान आंदोलन के समर्थन में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में कोई ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी?
इस दौरान हमें Tv9 की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख मिला। लेख के मुताबिक जर्मनी में एंजेला मार्केल सरकार द्वारा पारित किए गए ‘नए पर्यावरण नियमों’ को लेकर हाल ही में जर्मनी के किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था।
खोज के दौरान Ruptly नामक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो में नए पर्यावरण नियमों का विरोध करने के लिए आयोजित की गयी ट्रैक्टर रैली के वीडियो को दिखाया गया है।
उपरोक्त मिले लेख और वीडियो से हमें यह पता चला कि अभी हाल ही में एंजेला मार्केल सरकार द्वारा पारित किये गए नए पर्यावरण नियमों को लेकर जर्मनी की राजधानी बर्लिन में किसानों द्वारा नियमों का विरोध करने के लिए रैली आयोजित की गई थी।
पड़ताल के दौरान हमें एक तस्वीर guernsey press नामक वेबसाइट पर 28 नवंबर साल 2019 को प्रकाशित एक लेख में मिली। लेख में जानकारी दी गई थी कि जर्मनी की सरकार द्वारा पारित नयी कृषि नीतियों को लेकर साल 2019 में जर्मनी के किसानों ने राजधानी बर्लिन में ट्रैक्टर रैली का आयोजन कर विरोध जताया था।
इसके साथ ही हमें यह वायरल तस्वीर www.independent.ie नामक वेबसाइट पर भी साल 2019 को छपे एक लेख में मिली। जहां जानकारी दी गई है कि साल 2019 में जर्मनी के 10,000 किसानों ने 5000 हज़ार ट्रैक्टर्स के साथ बर्लिन में विरोध प्रदर्शन किया था।
पड़ताल के दौरान हमें fwi.co.uk नामक वेबसाइट पर 27 नवंबर साल 2019 को छपा एक और लेख मिला। जहां साल 2019 में जर्मनी सरकार की नयी कृषि नीतियों का विरोध करने के लिए वहाँ के किसानों द्वारा आयोजित की गई ट्रैक्टर रैली की के बारे में जानकारी दी गई है।
Conclusion
हमारी पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमें पता चला कि वायरल पोस्ट में शेयर की जा रही जर्मनी की ट्रैक्टर रैली की तस्वीरों का मौजूदा भारतीय किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीरें साल 2019 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में आयोजित हुई ट्रैक्टर रैली की हैं। इस तरह यह साफ हो गया कि जर्मनी के किसानों ने भारतीय किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली का आयोजन नहीं किया।
Result- Misleading
Our Sources
https://www.fwi.co.uk/news/environment/photos-farmers-block-berlin-to-protest-government-policies
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.