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सोशल मीडिया फेक खबरों को फैलाने का बड़ा माध्यम है। यहाँ हर ट्रेंडिंग ख़बरों से सम्बंधित फेक दावे शेयर किए ही जाते हैं। मौजूदा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए खालिस्तान समर्थकों की कई पुरानी वीडियोज सहित पाकिस्तान समर्थित कुछ कंटेंट आंदोलन का हिस्सा बताकर तेजी से शेयर किए गए। इसके अलावा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को टारगेट करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा इस हफ्ते फैलाए गए कई फेक दावों का फैक्ट चेक हमारी टीम द्वारा किया गया है।
क्या देश के नए संसद भवन का नाम होगा नेताजी सुभाष चंद्र भवन?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि देश के नए संसद भवन का नाम नेता जी के नाम पर रखा जाएगा। हमारी पड़ताल में साफ़ हो गया कि वायरल हो रहा दावा पूरी तरह से झूठा है।
क्या सचिन तेंदुलकर सहित कई दिग्गज खिलाड़ियों ने किसान आंदोलन के समर्थन में दी अवार्ड वापसी की धमकी?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि देश के मौजूदा किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए क्रिकेट के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अवार्ड वापसी की धमकी दी है। हमारी पड़ताल में साफ़ हो गया कि वायरल हो रहा दावा पूरी तरह से झूठा है।
क्या किसान आंदोलन से ठीक पहले पंजाब के सीएम ने की थी मुकेश अम्बानी से मुलाक़ात?
एक तस्वीर के साथ सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मौजूदा किसान आंदोलन से ठीक पहले पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने उद्योगपति मुकेश अम्बानी से मुलाक़ात की थी। हमारी पड़ताल में वायरल हो रहा दावा भ्रामक साबित हुआ।
मसाला किंग धर्मपाल गुलाटी की पुरानी वीडियो क्लिप गलत दावे के साथ हुई वायरल
मसाला किंग के नाम से मशहूर MDH के मालिक महाशय धर्मपाल की एक वीडियो क्लिप के साथ दावा किया गया था कि यह उनकी आखिरी वीडियो है। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा झूठा साबित हुआ।
क्या मौजूदा किसान आंदोलन की है तिरंगे का अपमान करती यह तस्वीर?
सोशल मीडिया पर एक सरदार की तस्वीर के साथ दावा किया गया था कि उसने किसान आंदोलन के दौरान भारतीय ध्वज का अपमान किया है। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा झूठा साबित हुआ।
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