रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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क्या नया जनधन खाता खोलने पर सरकार देगी 10 हजार रुपये? जानिए क्या है वायरल दावे की हकीकत

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

लॉकडाउन में खुशखबरी,जनधन खाता खोलें और 6 महीने में पाएं 10 हजार रुपये।  

  

भारत सरकार ने कोरोना माहमारी के चलते गरीब और मजदूर तबके के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। एक तरफ जहाँ लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया में वायरल दावों की भरमार है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जन-धन के माध्यम से देश की महिलाओं को अगले 3 महीने तक 500 रुपये देने का प्रावधान किया गया है। जन-धन खाते को लेकर ही दावा किया गया है कि, अभी धन खाता खोलने पर 6 महीने बाद 10 हजार रुपये का लाभ मिलेगा।   वायरल सन्देश से मिलता जुलता एक दावा फेसबुक पर भी शेयर किया गया है।      

फैक्ट चेक: कोरोना संक्रमण के बीच जन-धन खाता खुलवाने पर 10 हजार रूपये का लाभ अगले 6 महीने में प्राप्त होगा इसकी सत्यता जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स  की मदद से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आयी।    

नई दुनिया में प्रकाशित लेख के मुताबिक केंद्र सरकार महिलाओं के जन-धन, खाते में एक किश्त भेज चुकी है। यदि किन्हीं कारणों से यह खाता बंद हो गया हो तो इसको दोबारा एक्टीवेट करके लाभ पाया जा सकता है, यह भी बताया गया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार कोरोना संक्रमण के इस संकट काल में महिलाओं के खाते में अगले 3 महीने तक 500 रूपये प्रति माह भेजने की बात कर चुकी है।    

क्या आपको भी नहीं मिल रहे जनधन खाते में 500 रुपए जानें बंद खाते को कैसे करें एक्टिवेट

केंद्र सरकार द्वारा जन धन खाताधारकों के खाते में 500 रुपए की एक और किस्त जमा कर दी गई है। इसी के साथ अब लोग बैंकों में जाकर पैसे निकाल सकेंगे। ऐसा करने के लिए उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा जो 4 मई से लागू हुए हैं। लेकिन  गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा जन-धन योजना की शुरुआत साल 2014 में हुई थी, जिसके तहत सरकार ने सभी गरीब लोगों से बैंक में खाता खोलने का निवेदन किया था। सरकार द्वारा दी जाने वाली किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता की राशि लाभार्थियों के इसी बैंक खाते में ट्रान्सफर की जाती थी। पिछले 3 से 4 सालों में बड़ी संख्या में जन-धन खातों में किसी भी तरह की धनराशि का आदान- प्रदान नहीं हुआ है। इसी कारण बैंकों द्वारा उन खातों को निष्क्रिय या बंद कर दिया गया है। बंद पड़े खातों को दोबारा एक्टिवेट कराकर सरकार द्वारा दी जा रही सहायता राशि को प्राप्त किया जा सकता है।   खोज के दौरान यूट्यूब पर डीडी न्यूज़ की एक क्लिप मिली जिसमें बताया गया है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में गरीबों की आर्थिक मदद के लिए सरकार जनधन खाता धारक महिलाओं को अगले 3 महीने तक 500 रूपये का लाभ देगी।    जनधन खाता खुलवाने पर क्या 6 महीने में 10 हजार रुपये प्राप्त होंगे। इसकी आधिकारिक जानकारी प्राप्त करने के लिए PIB की वेबसाइट पर प्रेस रिलीज ढूँढना शुरू किया। इस दौरान वित्त मंत्रालय द्वारा 6 मई को जारी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा वाली रिलीज प्राप्त हुई।   

  रिलीज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत जन-धन खातों में दूसरी क़िस्त 500 रूपये के रूप में भेजे जाने की सूचना के साथ कई अन्य योजनाओं के लिए भेजी गयी धनराशि का जिक्र किया गया है। रिलीज को यहाँ देखा जा सकता है।   

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: प्रगति की वर्तमान स्थिति

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: प्रगति की वर्तमान स्थिति लगभग 39 करोड़ गरीब लोगों कोपीएमजीकेपी के तहत 34,800 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग करते हुए, लगभग 39 करोड़ गरीब लोगों को 5 मई, 2020 तक प्रधान मंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 34,800 दावे की सत्यता जानने के लिये उस खबर के मुख्य माध्यम को YouTube पर खोजना शुरू किया जहाँ से वायरल दावा किया गया है। इस दौरान Sarkari Today News नामक चैनल प्राप्त हुआ। इस चैनल पर मौजूद कई वीडियोज के शीर्षक बेहद भ्रम पैदा करने वाले हैं।   

 

कई मीडिया रिपोर्ट्स को पढ़ने और PIB की वेबसाइट पर मौजूद वित्त मंत्रालय की प्रेस रिलीज देखने के बाद पता चला कि सरकार ने महिलाओं के जन-धन खाते में 500 रुपये की दूसरी किश्त भेजी है। सरकार द्वारा पुराने या फिर नए खोले जाने वाले जन-धन खातों में फिलहाल 10 हजार रुपये भेजने की कोई योजना नहीं है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।  

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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