Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए पैसे दे रहें हैं। वायरल वीडियो में योगी बैठे नजर आ रहें हैं और उनके बगल में खड़ा एक व्यक्ति कुछ नाम पढ़ रहा है। एक तीसरा व्यक्ति जो की योगी के बगल में खड़ा है, वह जिन लोगों का नाम बुलाया जा रहा है, उन लोगों को पैसे दे रहा है।
एक फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ भारत का चुनाव आयोग कहां है?”
वहीं, एक अन्य फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “कहां_मर_गया_चुनाव_आयोग। उत्तरप्रदेश में वोटों के लिए #खुलेआम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ #नोट बांट रहे हैं।”
(उपरोक्त पोस्ट को अक्षरश: लिखा गया है।)
Instagram पर भी एक यूजर ने वायरल वीडियो शेयर किया है जिसे अभी तक 9600 से अधिक लोग देख चुके हैं।
इसके अलावा Newschecker के अधिकारिक WhatsApp नंबर पर भी कई पाठकों द्वारा वायरल वीडियो का सच जानने की अपील की गई है।
Fact check/Verification
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए पैसे दे रहें हैं, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो के प्रारम्भ में 16 सैकेंड से लेकर 20 सेकेंड तक, नाम पढ़ने वाले और जिसका नाम बुलाया जा रहा है उनके बीच एक संवाद होता है। जो कि इस प्रकार है:
(यह बातचीत मूलतः पूर्वांचल में बोली जाने वाली भोजपुरी मिश्रित हिंदी में हो रही है। हमने भोजपुरी के जानकार से ये संवाद ट्रांसलेट कराया है)
नाम पढ़ने वाला व्यक्ति: फागूलाल ….. दो जगह बोये थे क्या आप?
फागूलाल: उसीमे ….. एक ही में बोये थे दो जगह।
यह वार्तालाप सुनकर हमें यह अंदेशा हो गया कि यहाँ फसल बर्बाद होने के बाद मुआवजा दिया जा रहा है।
हमने अपनी पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें Shaik Khaja नामक यूट्यूब चैनल द्वारा 05 अप्रैल 2019 को अपलोड किया एक वीडियो प्राप्त हुआ। Shaik Khaja नामक यूट्यूब चैनल से प्राप्त वीडियो में वायरल वीडियो देखा जा सकता है।
इसके अलावा पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से यूट्यूब पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें यूट्यूब पर 21 अप्रैल 2012 को अपलोड किया एक वीडियो प्राप्त हुआ। ये वीडियो और वायरल वीडियो दोनों एक जैसे हैं।
अब हमने यह जानने की कोशिश की कि यह वीडियो जिन्होंने 2012 में यूट्यूब पर अपलोड की थी उन्हें कहां से मिली और इस वीडियो में वर्णित घटनाक्रम की सच्चाई क्या है।
इसी प्रयास में हमने वीडियो अपलोड करने वाले विनय कुमार गौतम से बात की तो उन्होंने बताया कि, “2012 में पूर्वांचल के कई जिलों में तमाम फसलें आगजनी का शिकार हो गई थी। इसी क्रम में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवारों को कुछ सहायता राशि प्रदान की थी तभी यह वीडियो बनाया गया था और उसी समय इसे यूट्यूब पर अपलोड भी किया था।”
अपडेट- इस लेख को नए दावे के साथ 11 फरवरी 2022 को अपडेट किया गया है।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए पैसे दे रहें हैं, दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 2022 के विधानसभा चुनावों में मतदाताओं को पैसे देने से सम्बंधित नहीं है।वायरल वीडियो करीब 10 साल से अधिक पुराना है जिसे भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
Result: False Connection/Partly false
Sources
Self Analysis
Direct Contact With Youtuber
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.