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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक पक्षी के वीडियो को शेयर कर दावा किया जा है कि यह एक ऐसा सफ़ेद गिद्ध है, जिसका दर्शन कलयुग में पहली बार हुआ है. कई सोशल मीडिया यूजर इस वीडियो को रामायण के पात्र जटायु का दर्शन होने के नाम पर शेयर कर रहे हैं। 13 सेकंड लम्बे इस वीडियो में एक बड़ा पक्षी दिखायी देता है, जिसके आस-पास भीड़ इकट्ठा है. वीडियो में कुछ लोग इस पक्षी के पंख भी पकड़े हुए दिखायी दे रहे हैं.
गोपाल सनातनी नाम के एक फेसबुक यूजर वीडियो को शेयर करते हुए लिखते है, “कलयुग में पहली बार जिंदा सफेद गिध्द के दर्शन हुए कानपुर में इनके पंखों की लंबाई भी पांच पांच फुट है.”
सोशल मीडिया पर ये वीडियो चर्चा का केंद्र बना हुआ है और लोग इसे ट्विटर पर जमकर शेयर कर रहे हैं.
पोस्ट के आर्काइव को यहाँ देखा जा सकता है.
दावे की पड़ताल के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से जब इंटरनेट खंगाला तो घटना से जुड़ी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं. अंग्रेजी के अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी इसी घटना से सम्बंधित एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कानपुर ज़िले के कर्नलगंज स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में हिमालयन प्रजाति का यह दुर्लभ गिद्ध मिला है. स्थानीय लोगों द्वारा जब इस गिद्ध को पकड़ा गया तब ये घायल अवस्था में था, बाद में इसे पुलिस की निगरानी में वन विभाग को सौंप दिया गया. बतौर रिपोर्ट, यह एक हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध है”.
इंडियन एक्सप्रेस के अलावा, हमें द हिन्दू, नवभारत टाइम्स और अमर उजाला में भी घटना से सम्बंधित रिपोर्ट्स मिली, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि ये दुर्लभ गिद्ध कानपुर ज़िले के कर्नलगंज स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में घायल अवस्था में मिला था.
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के बाद अब हमने यह जानने का प्रयास किया कि क्या ये दुर्लभ पक्षी पहली बार भारत में दिखाई दिया है या इससे पहले भी इसे देश में देखा गया है? गूगल पर जब हमने”हिमालयन ग्रिफॉन इन इंडिया” कीवर्ड के साथ सर्च किया तो हमें दैनिक भास्कर अख़बार की वेबसाइट पर छपी 10 महीने पहले की एक खबर मिली, जिसके अनुसार, हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध को आगरा शहर में भी देखा गया था. ख़बर के मुताबिक़, गिद्धों की इस प्रजाति को वर्ष 2016 में भी आगरा एयरफ़ोर्स छावनी के पास देखा जा चुका है.
दैनिक भास्कर के अलावा, अंग्रेजी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर 5 जून 2016 में प्रकाशित हिमालयन ग्रिफॉन से सम्बंधित एक रिपोर्ट के अनुसार, तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा के पिंजौर में जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र से दो हिमालयन ग्रिफॉन गिद्धों की रिहाई की गई थी. मीडिया रेपोर्ट्स से यह बात साफ़ होती है कि हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध समय-समय पर देश के कई शहरों में नज़र आते रहे हैं.
न्यूज़चेकर ने इस मामले में अधिक जानकारी के लिए पक्षी विशेषज्ञ अनंदा बनर्जी से बात की. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि “हिमालयन ग्रिफॉन का ठण्ड के मौसम में उत्तर भारत के इलाकों में दिखना एक सामान्य घटना है. ये पक्षी हिमालय के इलाकों में रहते हैं. इन्हें ठण्ड की आदत होती है, ऐसे में जब उत्तर भारत के मौसम और हिमालयन इलाकों के मौसम में बहुत अधिक फ़र्क़ नहीं रहता तो ये अक्सर घूमते फिरते खाने की तलाश में नीचे के इलाकों का रूख कर लेते हैं.”
आनंदा बनर्जी आगे कहते है कि “हिमालयन ग्रेफॉन पक्षी की यह मौसमी प्रवास प्रक्रिया है, उत्तर भारत का तापमान जैसे ही बढ़ने लगेगा ये पक्षी फिर से हिमालय की और लौट जाएँगे.”
इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट है कि देश में दुर्लभ गिद्ध के पहली बार देखे जाने का दावा झूठा है.
Our Sources
Media Reports Dainik Bhaskar, Hindustan times, Indian Express
Conversation with Bird specialist Ananda Banerjee
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