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कर्नाटक में हुई साल 2019 की घटना की तस्वीर को लॉकडाउन से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim

देश के एक परिवार को कोरोना ने नहीं बल्कि लॉकडाउन से घर में राशन-पानी की व्यवस्था न होने के कारण भूख ने मार डाला।   

जानिए क्लेम क्या है– पूरे विश्व में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने वायरस के कहर से बचने के लिए 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। जिसके बाद काम की तलाश में अपने राज्यों से बाहर रह रहे दिहाड़ी मज़दूरों और ग़रीब तबके के लोगों में अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया। ग़ौरतलब है की इस स्थिति से निपटने तथा ग़रीब और मज़दूर तबके के लोगों की सहायता करने के लिए केंद्र सरकार ने 1 लाख 70 हजार करोड़ की आर्थिक मदद देने की योजना बनाई है। लेकिन इसी बीच एक परिवार के लोगों की मृत अवस्था में पड़े होने की एक तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर एक ग़रीब परिवार की है। लॉकडाउन के चलते इस परिवार के राशन-पानी की व्यवस्था न हो पाने के कारण इन्होंने आत्महत्या कर ली।

Verification

सोशल मीडिया पर एक परिवार  की मृत अवस्था वाली तस्वीर को खूब शेयर किया जा रहा है। तस्वीर में एक महिला को फांसी पर लटकते हुए तथा 3 बच्चों को अस्त-व्यस्त स्थिति में मृत देखा जा सकता है। इस परिवार की यह तस्वीर, उपरोक्त दावे के साथ हमें शेयर चैट  पर प्राप्त हुई। तस्वीर को फेसबुक और ट्विटर पर भी कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।  

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वायरल इस दावे पर कांग्रेस नेता ‘अलका लाम्बा’ ने भी रिप्लाई किया है।  

वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर खंगाला। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर kannadnet.com नामक वेबसाइट पर 18 जून 2019 को प्रकाशित प्राप्त हुई।  लेकिन वेबसाइट पर तस्वीर का कोई उल्लेख नहीं दिया गया है।

तस्वीर की कोई जानकारी न प्राप्त होने के कारण हमने Google पर अपनी पड़ताल जारी रखी। इस दौरान हमें sakshi news नामक वेबसाइट पर दूसरी भाषा में प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। Google Translator की सहायता से हमने जाना कि साल 2019 में कर्नाटक के कोप्पल जिले में एक महिला ने पहले अपने 3 बच्चों को डुबोकर मार दिया बाद में उसने स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

Google पर कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से हमने और बारीकी से खोज की। इस दौरान हमें Times of India की वेबसाइट पर साल 2019 में प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। जहां इस मामले की जानकरी दी गयी है।

मामले की पुष्टि के लिए हमने एक बार और Google की मदद ली, जहां हमें The Hindu पर प्रकाशित लेख प्राप्त हुआ। लेख के मुताबिक महिला के परिजनों ने उसके शराबी पति ‘उमेश बरकेरा’ पर अपने पत्नी और बच्चों को मारने का आरोप लगाया है, पड़ोसियों ने बताया कि उमेश शराब पी कर अपनी पत्नी को परेशान करता था। पुलिस ने इस मामले में उमेश के खिलाफ FIR भी दर्ज की थी।

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमें पता चला कि यह तस्वीर साल 2019 की है, जिसे इन दिनों सोशल मीडिया पर शेयर कर सामाजिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। यह भी साफ होता है कि इसका कोरोनावायरस के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है।

 

Tools Used 

  • Google Search 

 

Result: False Connection

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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