Authors
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Viral News
हमें देशभक्ति टैग के साथ रानी लक्ष्मीबाई का एक कथित फोटो सोशल मीडिया पर मिला। इस फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये फोटो झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की असली तस्वीर है जिसे ब्रिटिश फोटोग्राफर हॉफमैन ने खींचा था।
Investigation
इस तस्वीर को देखकर ही शक होता है कि क्या ये रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर हो सकती हैं? क्या उस वक्त कैमरे इतने अडवांस हो चुके थे कि इतनी साफ़ पोटरेट तस्वीर ले सकें? हमने इस फोटो को क्रॉप कर गूगल रिवर्स सर्च पर खोजना शुरू किया। रिवर्स सर्च के साथ ही हमारे सामने वो तमाम प्रोफाइल्स आईं जिन्होने ये तस्वीर इसी दावे के साथ पोस्ट की थीं।
@MEAIndia Please find enclosed with the original Photo of Jhansi ki Rani Laxmibai.@satyaprakashty1 @Miss_SimranKaur pic.twitter.com/R0Jsdg60Xo
— ChowkidarYogesh Jani (@YogeshKumarMJan) November 18, 2014
खोज के दौरान हमें एक ट्वीट मिला जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
This pic is of Jhansi ki Rani Laxmibai. It was clicked almost 159 yrs ago . pic.twitter.com/iZkRYMNqvt
— Chowkidar Amrita Kaushalya (@KaushalyaAmrita) June 18, 2018
अब बारी थी गूगल को खंगालने की। हमने कई कीवर्ड्स का प्रयोग इस चित्र को खोजने में किया। सर्च के दौरान कई ब्लॉग, स्टोरी सहित कल्पनाओं पर आधारित लेख दिखे लेकिन किसी भी जगह इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि ये चित्र रानी लक्ष्मीबाई का है। इसके अलावा किसी भी ऑथेंटिक जगह पर हमें लक्ष्मीबाई का असली चित्र नहीं दिखाई दिया। अब हमने फोटोग्राफर हॉफमैन के बारे में जानकारी ढूंढनी शुरू की, बहुत खोजने पर हमारे सामने एक तस्वीर आई जो ब्रिटिश फोटोग्राफर द्वारा ली गई तस्वीर हो सकती है। हमें मिले ब्लॉग के मुताबिक ये तस्वीर अहमदाबाद के अमित अंबालाल नाम के पेंटर ने 1,50,000 रुपये में खरीदी थी। इस तस्वीर के पहनावे और आभूषणों को देखकर कहा जा सकता है कि ये तस्वीर रानी लक्ष्मीबाई की हो सकती है।
हमारी रिसर्च में ये तो साफ हो गया कि वायरल हो रही तस्वीर रानी लक्ष्मीबाई की नहीं है।
Result: Fake
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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.