Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim
भारत में एक मुस्लिम महिला के साथ की गई बदसलूकी
Verification
सोशल मीडिया में एक महिला पर कुछ लोगों द्वारा अत्याचार किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है, कि भारत में एक मुस्लिम महिला क्रूरता का शिकार हो रही है।
ये हो क्या रहा है इस देश मे इतनी नफरत मुसलमानों से इस तरह से जीतोगे सबका विश्वास क्या यही है आपका न्यू इंडिया @narendramodi @myogiadityanath @PMOIndia @naqvimukhtar @Mohsinrazabjpup https://t.co/62yMiqBMWW
— Arman ahmed (@Armanah49319266) July 8, 2019
वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि के लिए सबसे पहले वीडियो को इंटरनेट पर खोजा। इस दौरान ट्विटर का एक लिंक मिला।
Alın size medeniyet!!
Tüm müslümanların vebalı bu…
İslam aleminin tesbih tanesi gibi dağılmasına sebep olanların eseri bu.. #AnnelerGünü pic.twitter.com/P6CYrtVr2p— Halil İbrahim Bozdoğan (@halilibozdogan) May 12, 2019
इस वीडियो को किसी दूसरी भाषा में पोस्ट किया गया था। पोस्ट की भाषा को समझने के लिए गूगल ट्रांसलेटर की मदद ली जिससे ट्वीट में लिखी भाषा के बारे में पता चला। दरअसल यह सन्देश तुर्की भाषा में लिखा गया है।
बारीकी से गूगल खंगालने पर एक वेबसाइट का लिंक प्राप्त हुआ। Star.com नामक एक समाचार पोर्टल पर तुर्की भाषा में लिखे लेख के साथ वायरल होता वीडियो प्राप्त हुआ। इस लेख में वीडियो को मोरक्को शहर के राबट का होने का दावा किया गया है।
खबर की तह तक जाने के लिए खोज जारी रखी। इस दौरान मोरक्को की एक आधिकारिक समाचार वेबसाइट Morocco world news का लिंक मिला। समाचार माध्यम ने वायरल हो रही वीडियो को मोरक्को के होने की पुष्टि की है। खबर के मुताबिक यह वीडियो अक्टूबर साल 2015 का है। वीडियो में महिला से छेड़छाड़ करते दिख रहे युवक असल में मुस्लिम धर्म में मुहर्रम के 10वें दिन होने वाले उत्सव ‘अशुरा’ को मना रहे थे।
हमारी पड़ताल से साफ हो गया कि वायरल हो रहा वीडियो भारत का नहीं है।
Tools Used
- Google search
- Reverse image search
- Twitter advanced search
- Invid tool
Result
False
Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.