Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
कश्मीर में आज भी शांति नहीं है। लेकिन दलाल मीडिया यह सब दिखाता नहीं है। आंतकवादियों को पकड़े जाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है दावा किया गया है कि कश्मीर में अभी भी शांति नहीं है।
Verification
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि सुरक्षा जवानों ने पांच आतंकवादियों को मार्केट से पकड़ा है। दो आतंकवादियों को जवान ले गए और तीन को वहीं बंधक बनाया। वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह कश्मीर का है।
लेकिन इसको लेकर हमें शक हुआ तो पड़ताल को आगे बढ़ाया। गूगल में हमनें terrorists arrested in kashmir after revoking 370 इन कीवर्डस की मदद से खोज की तो इस वीडियो को लेकर कुछ खास हाथ नहीं लगा।
इन सारी खबरों मे कहीं भी हाल में आंतकवादी पकड़े जाने का जिक्र नहीं था। उपर बताया गए कीवर्ड्स इस्तेमाल कर युट्यूब में वायरल वीडियो खंगाला लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। इसके बाद टवीट को लेकर कमेंट्स पढे़ जिसमें एक यूजर ने लिखा था कि यह वीडियो महाराष्ट्र के अमरावती में पुलिस द्वारा की गई मॉक ड्रिल का है। हमनें ट्वीटर पर बारिकी से वीडियो को देखा तो जवान हिंदी नहीं बल्कि मराठी भाषा में बोलते नजर आ रहे थे वहीं उनकी वर्दी भी महाराष्ट्र पुलिस जैसी दिख रही थी।
युट्यूब में अमरावती में पकड़े गए आतंकवादी इस कीवर्डस की मदद से खोज की तो मुस्कान टीवी नामक चैनल पर यह वायरल वीडियो देखने को मिला। लेकिन इसमें डिटेल्स नहीं थी।
वहीं हमें VIDARBHA NEWS 365 की खबर का वीडियो मिला जिसमें पूरी जानकारी दी गई थी। वीडियो में बताया है कि गणेशोत्सव, नवरात्री जैसे त्याहौरो के पूर्व नियोजन, सुरक्षा तथा आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए पुलिस द्वारा अंबादेवी मंदिर में माॅक ड्रील की गई।
इससे साफ हो गया कि ट्वीटर पर वायरल हुआ वीडियो कश्मीर का नही बल्कि महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अमरावती के अंबादेवी मंदिर में की गई माॅक ड्रिल का है। बता दें कि यह वीडियो कुछ दिन पहले मंदिर में आतंकवादी घुसने के गलत दावे के साथ सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Google Keyword Search
- Youtube Search
Result–
False
Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.