शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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क्या स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी और चीन के डनयांग कुनशान पुल पर खर्च की गयी रकम एक समान है? यहां जानिये पूरा सच

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

 
Claim-   
 
फेसबुक के एक पेज पर एक तस्वीर के दो हिस्सों की तुलना कर के बताया जा रहा है बुद्धिमान और मूर्ख के बीच का अंतर।  
 
 
 
 
Verification
 
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को व्हाट्सअप और फेसबुक जैसे माध्यमों से शेयर किया जा रहा है। तस्वीर के एक हिस्से में सरदार पटेल की मूर्ति और प्रधानमंत्री मोदी का चित्र छापा है। दूसरी तरफ चीन के राष्ट्रपति जिंगपिंग के चित्र के साथ एक पुल की तस्वीर छपी है। 
 
तस्वीर के दोनों  हिस्सों में 3000 करोड़ रुपयों का जिक्र है। सोशल मीडिया में तस्वीर के साथ ‘बुद्धिमान और मूर्ख के बीच का अंतर।’ जैसा टेक्स्ट भी वायरल हो रहा है। यहाँ तस्वीर के माध्यम से यह दर्शाने का प्रयास हो रहा है कि भारत द्वारा सरदार पटेल की मूर्ति पर खर्च किये 3000 करोड़ आम जनता के किसी काम के नहीं। वहीं चीन जैसे राष्ट्र ने एक पुल पर 3000 करोड़ ख़र्च कर आम जनता के हित में कार्य किया है।
 
हमने वायरल दावे की सत्यता जानने के लिए गूगल को खंगालना आरम्भ किया। इस दौरान सबसे पहले सरदार पटेल की मूर्ति पर खर्च की गयी लागत का पता लगाया।   
 
 
 
  
इस दौरान economic times की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख से जानकारी प्राप्त हुई। जहां सरदार पटेल की मूर्ति पर 2989 करोड़ खर्च होने कि बात की गयी है। यह करीब 3000 करोड़ रुपये के आसपास ही है। इसके उपरान्त हमने चीन के पुल की पूरी जानकारी प्राप्त करना आरम्भ किया। इस दौरान स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से खोजने पर पुल का नाम डनयांग कुनशान प्राप्त हुआ।
   
 
 
दानयांग कुनशान पुल की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर खोजा। खोज के दौरान Oscrete construction product  नामक वेबसाइट पर प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुल की लागत में 8.5 billion डॉलर लगे हैं, जो कि करीब 80 हज़ार करोड़ रूपये के बराबर है।  
 
 
 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक चीन के पुल में 80 हज़ार करोड़ रुपये लागत आयी है जो कि सरदार पटेल की मूर्ति में आयी लागत से कई गुना अधिक है। 
 
 
 
 
बता दें कि, सरदार पटेल की मूर्ति से पहले विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा चीन में ही लाफिंग बुद्धा की थी, और news18 में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक उसकी लागत 37.1 मिलियन है।
 
 
 
 
मुद्रा कन्वर्टर के इस्तेमाल से पता लगा कि भारतीय रुपये के अनुसार उसकी कीमत 2 अरब 66 करोड़ रुपये है।
 
 
 
newschecker.in टीम की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।  
 
 
Tools Used 
 
  • Google Search 
 
Result- Misleading 
 
 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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