Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
Claim
आज गुवाहाटी में जो हो रहा है यह उसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। मीडिया को रिपोर्ट करने नहीं दिया जा रहा है। नरेंद्र मोदी, क्या इसीलिए आपने हमसे वोट मांगा था और हमें आपके ऊपर भरोसा करने को कहा था?
Verification
भारत में नागरिकता संसोधन बिल 2019 पारित होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये प्रदर्शन कहीं पर हिंसक तो कहीं पर शांतिपूर्ण तरीके से हो रहें हैं। आमतौर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के मामले में प्रदर्शनकारियों द्वारा नियम या कानून के उल्लंघन ना करने की स्थिति में पुलिस बल प्रयोग करने से बचती है लेकिन हिंसक प्रदर्शन के मामले में पुलिस को शांति कायम रखने की स्थिति में बल प्रयोग या अन्य कानूनी तरीके अपनाने पड़ते हैं। असम में एक ऐसे ही हिंसक प्रदर्शन के विरोध में पुलिस द्वारा प्रदर्शनकरियों पर गोली चलाए जाने का दावा सोशल मीडिया में काफी तेजी से वायरल हो रहा है। दावा शेयर करने वाले अधिकतर लोगो को ऐसा लग रहा है या यूँ कहें कि ऐसा पूर्वानुमान है कि पुलिस इस तरह के तरीके अपनाने से पीछे नहीं हटती इसीलिए यह दावा बिना किसी प्राथमिक पड़ताल के धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इस दावे की मौजूदगी नीचे देखी जा सकती है।
This is what is happening in Guwahati. Media has been stopped from reporting anything from there. Is this what you mean @narendramodi, when you asked for votes and you asked to have faith in you? #CABBill2019 #assamprotests @UNHumanRights @UN
@USCIRF @BBCWorld pic.twitter.com/51E0jioe9I— Sk Jikriya Hossain (@jikrya) December 13, 2019
झारखंड पुलिस की मॉक ड्रिल का वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल
बता दें कि हमने इस दावे की पड़ताल 22 नवंबर 2019 को ही की थी. हमारी पिछली पड़ताल में यही वीडियो झारखंड में पुलिस के अत्याचार के नाम पर वायरल हुई थी. असल में यह झारखंड पुलिस द्वारा नवंबर 2017 में की गई एक मॉक ड्रिल का वीडियो है जिसे बार-बार अलग-अलग दावों के साथ वायरल किया जाता रहा है.
पहले भी भ्रामक दावे के साथ वायरल हो चुका है यह वीडियो
इस वीडियो के बारे में अधिक जानकारी के लिए पूर्व में इसी विषय पर की गई हमारी यह पड़ताल पढ़ें
झारखण्ड पुलिस द्वारा मॉकड्रिल की वर्षों पुरानी क्लिप कश्मीर में सेना की बर्बरता बताकर किया गया शेयर
Abdul Wajid नामक ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में सड़क पर प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों पर पुलिस वाले बंदूक से गोली चलाते दिख रहे हैं। – झारखण्ड पुलिस द्वारा मॉकड्रिल की वर्षों पुरानी क्लिप कश्मीर में सेना की बर्बरता बताकर किया गया शेयर
Tools Used
- Google Search
- Reverse Image Search
Result: Misleading
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044)
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.