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दिल्ली स्टेशन पर नमाज़ के लिए मुस्लिमों ने किया है कब्जा? पढ़िए वायरल दावे पर हमारी EXCLUSIVE पड़ताल

Claim

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 5 के बीच 50 गज़ जगह में मुसलमानों ने रस्सी बांध कब्ज़ा कर रखा है। जिसके अंदर कोई नहीं जा सकता है, ये जगह नमाज़ पढ़ने के लिए आरक्षित की गई है और 2-3 बक्से रखे हैं। जहां लिखा है इनके अंदर नमाज़ का सामान रखा है। इस के ऊपर बैठना मना है

Fact-Checking/Verification

हिंदू एक्टीविस्ट पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने ट्विटर पर दो तस्वीरें शेयर की हैं। तस्वीरें किसी रेलवे प्लेटफॉर्म की लग रही है। तस्वीरों में बक्से रखे नज़र आ रहे हैं और रस्सी से उस जगह को बांधकर ब्लॉक भी किया हुआ है। साथ ही वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन में प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 5 पर के बीच 50 गज़ जगह में मुसलमानों ने रस्सी बांध कब्ज़ा कर रखा है। जिसके अंदर कोई नहीं जा सकता है, ये जगह नमाज़ पढ़ने के लिए आरक्षित की गई है और 2-3 बक्से रखे हैं। जहां लिखा है इनके अंदर नमाज़ का सामान रखा है। इसके ऊपर बैठना मना है

ट्विटर पर वायरल तस्वीर को अब तक 3300 यूजर्स द्वारा शेयर किया जा चुका है और 4400 लोगों ने इस पोस्ट को लाइक भी किया है।

कुछ टूल्स की मदद से हमने वायरल तस्वीरों को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमने जाना कि ट्विटर पर 2 साल पहले यानि नवंबर, 2017 में भी यह तस्वीरें बहुत ज्यादा वायरल हुई थी। देखा जा सकता है कि नवंबर, 2017 में भी पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का दावा करते हुए यह तस्वीरें साझा की जा रही थी।

 

वायरल तस्वीरों की सत्यता जानने के लिए हमने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के SHO और Nitin Chaudhary PRO North Railways से संपर्क किया। उनसे बात करके हमने जाना कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही तस्वीरों में कोई सच्चाई नहीं है। जबकि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 5 पर मुस्लिमों द्वारा नामाज़ पढ़ने के लिए कोई कब्ज़ा नहीं किया गया है।

वायरल तस्वीरों की तह तक जाने के लिए हमने ग्राउंड वैरिफिकेशन किया। हमने पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन जाकर प्लेटफॉर्म नंबर 4 और 5 को बारीकी से देखा। जहां हमें वायरल तस्वीरों से संबंधित कोई परिणाम नहीं मिले। प्लेटफॉर्म और स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों से भी हमने बातचीत में जाना कि यह सालों पुरानी तस्वीर हैं। लेकिन वायरल तस्वीरों में दावा किया जा रहा है कि प्लेटफॉर्म पर नज़र आ रहे बक्सों में नमाज़ पढ़ने का सामान नहीं हुआ करता था।

हमारी पड़ताल में हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों को तकरीबन 3 से 4 साल पुराना पाया है। जबकि लोगों को भ्रमित करने के लिए सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मुस्लिमों ने नमाज़ पढ़ने के लिए कुछ जगह को ब्लॉक कर रखा है।

Our Sources

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Result: Misleading 

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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