After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
भाजपा नेता मनोज तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिल्ली चुनाव को लेकर सुझाव देनेवाला लिखा पत्र।
Verifcation–
सोशल मीडिया में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी द्वारा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा एक पत्र वायरल हो रहा है। दिल्ली भाजपा के लेटर हेड पर लिखे इस पत्र में मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सूचना दी है। इसमें उन्होंने कहा है कि सर्वे को मद्देनजर रखते हुए मेरा यह सुझाव है कि दिल्ली के चुनावी परिदृश्य से पार्टी के शीर्ष नेताओं को ( माननीय प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री जी) को बाहर रखना उचित कदम होगा क्योंकि मैं नही चाहता कि चुनाव के परिणाम हमारे अनुकूल नही आने पर शीर्ष नेतृत्व पर कोई आंच या सवाल उठे।
हमनें इस बारे में पड़ताल शुरू की। गूगल में खोज की तो मनोज तिवारी द्वारा पार्टी अध्यक्ष को लिखे गए पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली लेकिन खोज के दौरान
आज तक की एक खबर में दो महीने पहले मनोज तिवारी द्वारा लिखा गया एक पत्र मिला। यह पत्र जिस लेटरहेड पर लिखा गया है वह वायरल लेटरहेड से अलग है।
हमनें दोनों लेटर का मिलान किया तो दोनों में कई विसंगतियां नजर आई।
वायरल लेटर में कमल के चिह्न का रंग केसरिया है जबकि खबर में शेयर किए गए लेटर में कमल का रंग सफेद है। वही वायरल लेटर में चिन्ह के एक साइड में केसरिया और हरे रंग की पट्टी नहीं है। ओरिजनल लेटर में भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश यह नाम हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया है लेकिन वायरल लेटर में सिर्फ हिंदी मे लिखा हुआ है। ओरिजनल लेटर पर 14 पंडित मार्ग स्टेट आॅफिस का पता है तो वायरल लेटर में भाजपा मुख्यालय का पता लिखा गया है।
दिल्ली भाजपा के मीडिया मामलों के प्रभारी नीलकंठ बख्शी ने मीडिया से कहा है कि सोशल मीडिया में वायरल हो रहा पत्र फर्जी है।
इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा नेता मनोज तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष को कोई लेटर नहीं लिखा है। सोशल मीडिया में फर्जी लेटर वायरल कर चुनाव के दौरान भ्रामकता पैदा की जा रही है।
Sources
Google Search
Result- False
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.