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शुक्र है हर किसी के हाथ में कैमरा वाला सेलफोन है। अब यह बताएगा कि हिंसा कैसे शुरू हुई और इसके पीछे का कारण क्या है।
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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इसने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। CAA विरोधी और समर्थक एक दूसरे से भिड़ गए थे। वहीं सोशल मीडिया पर इससे संबंधित अलग-अलग दावे वायरल हो रहे हैं। ऐसे में ट्विटर पर Madhu Purnima Kishwar ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर की है। वायरल वीडियो में कुछ मुस्लिम लोगों को डंडो के साथ देखा जा सकता है और यह समूह लोगों पर डंडे बरसा रहा है।
देखा जा सकता है कि वायरल वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Thanks to camera equipped phones in every second hand &thanks to CCTVs all over the city, we now have means to know the anatomy of riots as they happen. pic.twitter.com/xxkoE8uWHi
— राजेश कुमार सिंह (@singh2000r) March 3, 2020
Thanks to camera equipped phones in every second hand &thanks to CCTVs all over the city, we now have means to know the anatomy of riots as they happen. pic.twitter.com/Iz2Ge4Bv92
— सूर्या (@Suryakantpatel3) March 3, 2020
Thanks to camera equipped phones in every second hand &thanks to CCTVs all over the city, we now have means to know the anatomy of riots as they happen. pic.twitter.com/mGxcYkqG8t
— Manishasharma003 (@Manishasingh006) March 3, 2020
वायरल हो रही वीडियो को हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से YouTube पर खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें BBC News, Message TV और The Daily Star का वीडियो मिला। खोज में हमने वायरल वीडियो को 1 दिसंबर, 2018 का पाया है। यह उस दौरान की वीडियो है जब बांग्लादेश के तोंगई में तुराग नदी के तट पर एक विशाल इस्लामिक सभा का आयोजन खूनी संघर्ष में बदल गया था और इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हो गए थे।
फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रही वीडियो को हमने बांग्लादेश का पाया है। लोगों को भ्रमित करने के लिए 1 साल 3 महीने पुरानी वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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Result: Misleading
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