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सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की एडिटेड वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में हुई वायरल

Claim:

सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों पर भड़काऊ टिप्पणी की। मंदर ने कहा SC मानवता, समानता और Secularism की रक्षा नहीं करती। 

जानिए क्या है वायरल दावा:

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की 55 सैकेंड की एक वीडियो ट्वीट की है। वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट मानवता, समानता और Secularism की रक्षा नहीं करती है, इसलिए इसका फैसला न सुप्रीम कोर्ट में होगा न संसद में होगा। सोनिया गांधी के करीबी हर्ष मंदर का कहना है कि अब फैसला सड़क पर होगा। मंदर के बयान पर संबित पात्रा ने कहा “ये हैं असल दंगाई जो सड़क पर हिंसा के लिए लोंगों को उकसा रहे हैं।”

देखा जा सकता है कि ट्विटर पर वायरल वीडियो को कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा रहा है। 

Verification:

सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की एक वीडियो बहुत वायरल हो रही है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। इन लोगों द्वारा दावा किया जा रहा है कि मंदर ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान हिंसा भड़काई। अमित मालवीय ने कहा कि मंदर को निम्नलिखित शब्दों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।

वीडियो में मंदर को कहते हुए सुना जा सकता है। यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं जीती जाएगी। हम पिछले कुछ समय से एनआरसी, अयोध्या और कश्मीर के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने मानवता, समानता और Secularism की रक्षा नहीं की है। हम सर्वोच्च न्यायालय में प्रयास करते रहेंगे, यह हमारा सुप्रीम कोर्ट है। लेकिन फैसला न तो संसद में होगा और न ही सर्वोच्च न्यायालय में होगा। इस देश का क्या भविष्य होगा- आप सभी नौजवान हैं, आप अपने बच्चों को किस तरह का देश देना चाहते हैं- यह फैसला कहां होगा? एक सड़कों पर होगा, हम सब लोग सड़कों पर निकले हैं। 

ट्विटर पर वायरल हो रही वीडियो का सच जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद ली। पड़ताल के दौरान हमें News18, India TV और Free Press Journal का लेख मिला। लेख से हमने जाना कि वीडियो में सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों के खिलाफ टिप्पणी करने वाले हर्ष मंदर अपनी एक याचिका को लेकर सीजेआई के सामने खड़े हुए थे। कोर्ट ने हर्ष के वीडियो की ट्रांस्क्रिप्ट मांगी है, साथ ही कोर्ट ने मंदर को इस वीडियो के चलते नोटिस भी थमा दिया है। सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेताओं के खिलाफ हेट स्पीच मामले में याचिका दायर करने वाले हर्ष मंदर खुद विवादों में घिर गए हैं। बीजेपी नेता संबित पात्रा और बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने हर्ष मंदर पर हेट स्पीच का आरोप लगाया है।

दिल्ली हिंसा : सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान को लेकर घिरे हर्ष मंदर, CJI ने मांगा जवाब

दिल्ली हिंसा मामले के पीड़ितों के साथ हर्ष मंदर (Harsh Mander) भी एक याचिकाकर्ता है. उन्होंने हाल ही में बयान दिया था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पर भरोसा नहीं रहा. फिर भी हम बीजेपी नेताओं के खिलाफ कोर्ट जा रहे हैं. सीजेआई बोबडे ने मंदर के भाषण का ट्रांसक्रिप्ट मांगा है.

जानिए कौन हैं हर्ष मंदर, जिनका सीएए के विरोध में सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी का वीडियो हो रहा है वायरल

दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो आजकल वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पूर्व आईएएस अधिकारी और सोनिया गांधी के करीबी हर्ष मंदर दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में वे सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों पर टिप्पणी करते दिख रहे

YouTube खंगालने पर हमें सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की वायरल वीडियो मिली। यह वीडियो 16 दिसंबर, 2019 की है, जब दिल्ली की जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ था।  

वीडियो में 3:40 मिनट पर मंदर ने कहा, “जो लोग आपके अधिकारों को आपसे दूर करने का दावा करते हैं, उनके जवाब में, देश में विरोध की लहर शुरू हो गई है, और ये विरोध हमारे संविधान को बचाने के लिए हैं, और संविधान की आत्मा जो प्यार और दोस्ती है, और उसको बचाने के लिए हम सभी लोग सड़कों पर उतरे हैं और ऐसा करते रहेंगे। यह लड़ाई संसद में नहीं जीती जाएगी क्योंकि हमारे राजनीतिक दल जो खुद को Secular कहते हैं, उनमें लड़ने के लिए उस तरह का कोई नैतिक साहस नहीं है। यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं जीती जाएगी…”

पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने वायरल तथ्यों को बारीकी से खंगाला। इस दौरान पता चला कि सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की पुरानी वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। जामिया विरोध प्रदर्शन की वीडियो का कुछ अंश निकालकर भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर इसे वायरल किया जा रहा है।

Tools Used:

Google Keywords Search

Twitter Search

You Tube Search

Result: Misleading 

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