सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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फिरोजाबाद से लेकर नोएडा तक कोरोना वायरस और जमात को लेकर वायरल हुए कई फेक दावे

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

फ़िरोज़ाबाद में 4 ज़माती कोरोना पॉजिटिव, कार्रवाई के दौरान पुलिस पर किया पथराव।

 देश भर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच तब्लीगी जमात के लोगों ने मुश्किलें ओर भी बढ़ा दी हैं। पूरे देश में अबतक संक्रमण के जितने भी मामले सामने आये हैं उनमे से बड़ी संख्या तब्लीगी जमात के लोगों की है। मीडिया में लगातार आ रही ख़बरों में देखा जा रहा है कि क्वारंटीन किये गए जमाती मेडिकल स्टाफ से बदसलूकी कर रहे हैं। इसी बीच यूपी के फिरोजबाद से खबर आयी कि तब्लीगी जमात से जुड़े 4 लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया जिन्हें लेने पहुंची पुलिस पर पथराव किया गया। इस खबर को ज़ी यूपी-उत्तराखंड नामक एक क्षेत्रीय समाचार चैनल के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया था। जिसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है।

  Fact Check:

एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना के संक्रमण से बेहाल है तो वहीँ देश में जमातियों ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एक आंकड़े के मुताबिक़ अबतक देश में जितने भी मामले पाए गए हैं उनमे जमात में शिरकत करने वालों की संख्या काफी है। यूपी जैसे बड़े राज्य में कोरोना ने अपने पाँव तेजी से पसारने शुरू किये हैं। यूपी का नोयडा शहर कोरोना का एक बड़ा सेंटर बनता जा रहा है। बीती रात 7 अप्रैल को नोएडा के सेक्टर 8 की झुग्गियों से करीब 200 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जैसा दावा वायरल हो गया। इसको लेकर सोशल मीडिया में कई दावे तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक स्थानीय समाचार चैनल के ट्वीटर हैंडल से इस बात का दावा किया गया कि फिरोजाबाद में पकड़े गए 4 जमाती कोरोना पॉजिटिव पाए गए जिन्हे लेने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया गया। दावे का सच जानने के लिए कुछ कीवर्ड्स के सहारे खोजने पर कई ख़बरों के लिंक सामने आये।    

 खोज के दौरान नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण सहित पत्रिका के कुछ लेखों में सहारनपुर के जमातियों का जिक्र किया गया है। NBT की खबर में कुछ दिन पहले जमातियों पर उठे सवाल का जिक्र करते हुए पुलिस की जांच का जिक्र किया गया है। असल में सोशल मीडिया में खबर आग की तरह फ़ैल गयी थी कि सहारनपुर में क्वारंटीन किए गए जमातियों ने खाने में प्रसाशन से नॉनवेज सहित बिरियानी की मांग करते हुए बदतमीजी की थी। सोशल मीडिया में यह मामला सामने आने पर पुलिस द्वारा विवेचना की गई थी। विवेचना में साफ़ हो गया कि वायरल दावा फेक था। अलावा अमर उजाला के लेख का आर्काइव वर्जन यहाँ देखा जा सकता है। पूरे मामले पर पुलिस द्वारा प्रेस नोट जारी कर दावे को झूठा बताया गया है।   

   दैनिक जागरण के मुताबिक़ कोरोना पॉजिटिव केस आने के बाद जिले के दो गांवों को सील किया गया है।  

जमातियों ने बढ़ाई टेंशन, दो गांवों को किया सील

सहारनपुर, जेएनएन। अब तक अपनी सतर्कता से बचते आ रहे सहारनपुर को निजामुद्दीन मरकज से निकली जमात ने कोरोना का वायरस लगा दिया। सहारनपुर में कोरोना का पहला मरीज सामने आ चुका है, जो कि आसाम का रहने वाला है। अब उसकी ट्रेवल हिस्ट्री को खंगालकर पुलिस प्रशासन कोरोना की  इन ख़बरों में कहीं भी इस बात की तस्दीक नहीं हो पाई कि फ़िरोज़ाबाद में जमातियों ने पुलिस टीम पर पथराव किया है। कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से फ़िरोज़ाबाद की इस खबर को खोजना शुरू किया। इस दौरान कई ख़बरों के लिंक सामने आये।   

  लाइव हिन्दुस्तान के मुताबिक़ सहारनपुर पुलिस पर उस समय पथराव हुआ जब वह नमाजियों को इकठ्ठा होने से रोक रही थी। लेकिन इस बात की तस्दीक कहीं नहीं हो पाई कि फ़िरोज़ाबाद में जमातियों ने पुलिस पर पथराव किया है। दावे की पुष्टि के लिए वायरल हो रहे ट्वीटर हैंडल का रुख किया। हैंडल को बारीकी से खंगालने पर कहीं भी वायरल दावे का ना मिलना हैरान करने वाला था। ट्वीट के डिलीट किये जाने की शंका हुई। मन में यह प्रश्न भी उठा कि आखिर ट्वीट क्यों डिलीट किया गया? या फिर किसी ने फोटोशॉप्ड स्क्रीनशॉट वायरल किया है। इसकी तस्दीक के लिए फ़िरोज़ाबाद के पुलिस कप्तान से सीधा फोन पर संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने साफ़ किया कि समाचार चैनल द्वारा भ्रामक दावा ट्वीट किया गया था जिसे बाद में पुलिस ने डिलीट करा दिया।   

 दावे की सत्यता जानने लिए फ़िरोज़ाबाद पुलिस का ट्विटर हैंडल खंगालना आरम्भ किया। इस दौरान हैंडल के रिप्लाई सेक्शन में जाकर पोस्ट को बारीकी से खोजा। रिप्लाई में पता चला कि पुलिस ने मामले को पूरी तरफ से फेक बताया है।   

पुलिस कप्तान से फोन पर वार्ता करने और ट्वीटर हैंडल को खंगालने के बाद साफ़ हो गया कि फ़िरोज़ाबाद में किसी भी जमाती ने पुलिस की गाड़ी या उनपर पथराव नहीं किया था।  इसी दौरान बीती रात 7 अप्रैल को नोएडा के सेक्टर 8 से खबर आई कि वहां करीब 200 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यह खबर जंगल में आग की तरह फ़ैल गयी। एक तो पहले से नोएडा कोरोना संक्रमण का केंद्र बना हुआ है इसी बीच यह दावा बेहद भयावह था।  

https://twitter.com/DainikHint/status/1246375637507403776

जनसत्ता के मुताबिक़ नोएडा स्थित सेक्टर 8 की स्लम बस्ती से करीब 200 संदिग्धों को एहतियातन क्वारंटीन किया गया है।   

नोएडा के सेक्टर 8 स्लम में 200 कोरोना संदिग्ध, क्वारेंटाइन करने प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची

Hindi News राष्ट्रीय उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 314 हो गई है, जिनमें से 166 तबलीगी जमात के हैं। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का संकट गहराता जा रहा है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 8 में 200  इसी खबर को आजतक ने भी प्रकाशित करते हुए गौतमबुद्ध नगर के डीएम सुहास एल वाई के बयान का हवाला देते हुए लिखा है कि सेक्टर 8 में कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं है एहतियात के तौर पर करीब 200 लोगों को क्वारंटीन किया गया है।   

नोएडा की झुग्गी में 200 लोग कोरोना संदिग्ध, DM बोले- एहतियात के तौर सभी होंगे क्वारनटीन

सभी को एहतियातन क्वारनटीन किया जाएगा नोएडा में 200 लोगों का होगा कोरोना का टेस्ट उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेक्टर-8 की झुग्गी में 200 लोग कोरोना संदिग्ध हैं. मामले की जानकारी पाते ही स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची.  खबर की पुष्टि के लिए नोएडा जिलाधिकारी के ट्विटर हैंडल की तरफ रुख किया। इस दौरान पता चला कि जिलाधिकारी के हैंडल से ट्वीट करते हुए अफवाह ना फैलाने की अपील के साथ पूरे मामले को बताया गया है।  

  पुलिस अधिकारी ने ANI के ट्वीट का रिप्लाई करते हुए इसे फेक बताया है। इसके बाद समाचार एजेंसी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।    

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में अलग-अलग हो रहे कई दावों का बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला कि इन दिनों सोशल मीडिया में फेक ख़बरें तेजी से शेयर की जा रही हैं। हमारी टीम अपने पाठकों से यही अपील करती है कि इस महामारी के समय में अफवाहों से बचें और आसपास के लोगों को भी जागरूक करें।  

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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