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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
जब तक 2 बच्चों वालों से टेक्स लेकर, 12 बच्चों वालों को मुफ्त में पालेंगे तो इस देश में ऐसा ही होता रहेगा- रंजन गोगोई
एक तरफ जहाँ पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से बचाव का तरीका ढूंढ रही है तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया में कई धार्मिक उन्माद उत्पन्न करने वाले सन्देश भी तेजी से वायरल होते देखे जा सकते हैं। सोशल मीडिया एप्प शेयर चैट पर एक ऐसा ही दावा करने वाला सन्देश प्राप्त हुआ। सन्देश में कहा गया है कि ‘दो बच्चे पैदा करने वाले लोगों द्वारा सरकार को जो टैक्स दिया जाता है कहीं ना कहीं वही पैसा 4 बीबियों और 40 बच्चे वाले परिवार में बांटा जाता है।’ सन्देश में कहा गया है कि जब तक यह प्रक्रिया बंद नहीं होती है तब तक देश का भला नहीं हो सकता है। सबसे ख़ास बात है कि यह दावा देश पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के हवाले से किया गया है।
फैक्ट चेक:
कोरोना संक्रमण के बीच देश में लॉकडाउन का तीसरा दौर आज से शुरू हुआ है तो वहीं कई राज्यों द्वारा पहले से लागू कई तरह की पाबंदियों में ढील भी दी गई है। क्या देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इस तरह का कोई बयान दिया है इसकी पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान पता चला कि वायरल दावे से मिलते-जुलते कई दावे तेजी से कई यूजर्स ने सोशल मीडिया में शेयर किये हैं।
देश के इतने बड़े संवैधानिक पद पर आसीन रहे ऐसे व्यक्ति द्वारा क्या इस तरह का बयान दिया भी गया है जिससे सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचे, इसकी पड़ताल के दौरान कुछ कीवर्ड का प्रयोग किया। इस दौरान कुछ ख़बरों के लिंक सामने आये।
प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स में कही भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि रंजन गोगोई ने ऐसा कोई वक्तव्य भी दिया है। अब रंजन गोगोई का ट्विटर अकाउंट खोजना शुरू किया। इस दौरान गूगल में खोजने पर उनके नाम से कई अकाउंट प्राप्त हुए। लेकिन कोई भी अकाउंट वेरिफाइड नहीं था। काफी खोजने पर भी उनके आधिकारिक अकाउंट की जानकारी प्राप्त नही हो पाई।
पड़ताल के दौरान यह पता चला कि रंजन गोगोई ने अपने पद पर रहते हुए देश के कई अनसुलझे मामलों पर भी ऐतिहासिक आदेश दिया था जिनमें अयोध्या राममंदिर निर्माण का विषय भी शामिल है।
Ayodhya Case: अयोध्या पर फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जजों ने की CJI रंजन गोगोई की तारीफ
न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, ‘मैं स्वयं को न्यायमूर्ति गोगोई के साथ काम करने का अवसर मिलने के लिए सौभाग्यशली मानता हूं, जिनका धैर्य, साहस और चरित्र इतना मजबूत है कि कुछ भी गलत होना मुश्किल है.’ उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र सभी नागरिकों के कल्याण के लिए बनाया गया है और एक स्वतंत्र न्यायपालिका इस उद्देश्य को पूरा करने वाले उपकरणों में से एक है.’ खोज के दौरान आजतक का लेख पढ़ने पर पता चला कि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई उस समय चर्चा में आये थे जब उन्होंने देश के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ सार्वजनिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। यह देश की अपने तरह की पहली ऐसी मीडिया कॉन्फ्रेंस थी जो सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा सार्वजनिक रूप से पहली बार की गई थी।
CJI के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चर्चा में आए थे रंजन गोगोई, राम मंदिर समेत इन केस में दिए थे फैसले
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. इसके बाद अब साफ है कि गोगोई अब सियासी पारी का आगाज करेंगे. हालांकि 2018 में चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेस करके सवाल खड़े किए थे. पड़ताल के दौरान पता चला कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया है। उनकी सदस्यता पर कई पार्टियों के नेताओं ने सवाल भी उठाया है।
रंजन गोगोई राज्यसभा के लिए नामित, ओवैसी ने उठाए सवाल
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई नेताओं ने राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. वायरल चित्र में ट्विटर की जिस यूजर आईडी का जिक्र किया गया है उस आईडी को खोजने पर पता चला कि उस नाम से कोई भी यूजर मौजूद नहीं है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स पढ़ने और गोगोई द्वारा हाल में दिए कुछ स्पीच सुनने के बाद कहीं भी उनके द्वारा इस तरह का कोई वक्तव्य नहीं मिलता जैसा वायरल चित्र में दावा किया जा रहा है। खोजने के बाद यह भी पता चला कि रंजन गोगोई का कोई भी आधिकारिक अकाउंट ट्विटर पर मौजूद नहीं है। हमारी पड़ताल से साफ़ हो गया कि सोशल मीडिया में इस तरह के दावे सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए किये जा रहे हैं।
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