Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ लड़ाई में घायल हुए भारतीय सैनिक बच्चों की तरह रो रहे हैं।
जानिए वायरल दावा
सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। जहां कुछ घायल भारतीय सेना के जवानों को अस्त-व्यस्त अवस्था में जमीन पर पड़े हुए देखा जा सकता है। दावा है कि लद्दाख की सीमा पर हुए इंडो-चाइना विवाद में चीन ने भारतीय सेना के जवानों की ये हालत कर दी है।
ट्वीट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखा जा सकता।
Verification
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद मीडिया में इंडो-चाइना विवाद की खबरों का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में सोशल मीडिया पर वीडियोज़ के साथ कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। वायरल हो रही वीडियो की पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान invid के माध्यम से वीडियो को कई की-फ्रेम में तोड़ा। गूगल रिवर्स के माध्यम से खोजने के दौरान मिले परिणामों से हमें वीडियो की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।
अब हमने वीडियो को एक बार फिर गौर से देखा और पाया कि घायल सैनिकों के साथ कुछ आम नागरिक भी घायल पड़े हैं। साथ ही वीडियो में पीछे से कुछ गाड़ियों की आवाजें भी सुनाई दे रही हैं।
इसके बाद हमने वीडियो को स्क्रीनशॉट व कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल पर दोबारा खोजने का प्रयास किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से मेल खाता एक वीडियो यूट्यूब पर मिला, जिसे नवंबर साल 2019 को अपलोड किया गया था।
यूट्यूब पर प्राप्त वीडियो में वायरल वीडियो वाले दृश्य के साथ एक क्षतिग्रस्त बस को भी साफ़ देखा जा सकता है। उपरोक्त प्राप्त वीडियो से जानकारी मिली कि वायरल वीडियो साल 2019 में हुई एक सड़क दुर्घटना का है।
वीडियो की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने वीडियो को कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से एक बार फिर से खोजा। इस दौरान हमें North East Today नाम की एक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख से वायरल वीडियो वाली घटना की पूरी जानकारी प्राप्त हुई। जहां यह बताया गया है कि अक्टूबर साल 2019 को मेघालय में एक बस 100 फ़ीट गहरी खाई में गिर गई थी। जिसके चलते 20 बीएसएफ़ जवानों सहित एक गैर सैनिक ड्राइवर के घायल होने तथा एक व्यक्ति के मरने की खबर दी गयी है।
इसके अलावा हमें यूट्यूब के UNN नामक समाचार चैनल पर भी उक्त घटना का वीडियो प्राप्त हुआ।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर यह पता चलता है कि भारतीय सेना के घायल जवानों का वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुए विवाद का नहीं बल्कि अक्टूबर साल 2019 को मेघालय में हुई एक सड़क दुर्घटना का है।
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.