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यूएन के महासचिव ने भारतीय मुसलमानों को लेकर नहीं कही कोई बात, सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया फेक दावा

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

सोशल मीडिया पर यूएन के महासचिव की तस्वीर के साथ एक पोस्ट शेयर किया जा रहा। दावा किया जा रहा है कि यूएन ने इस बात को स्वीकार किया है कि कोरोना वायरस के दौरान भारत में मुस्लिमों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। खासकर जमातियों को लेकर भारत में काफी घृणा फैलाई गयी है। जिसके कारण भारत में मुस्लिमों का बहिष्कार किया जा रहा है।

ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

Fact check / Verification

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर में मौजूद व्यक्ति को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खंगाला शुरू किया। इस दौरान zoom news नाम की वेबसाइट पर छपे लेख से इस बात की पुष्टि हुई कि वायरल तस्वीर में दिखने वाले शख्स संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ‘अंटोनिओ गूटेर्रेस’ हैं।

यूएन भारत मुस्लिम अंटोनिओ गूटेर्रेस

इसके बाद हमने गूगल पर यह खोजना शुरू किया कि क्या यूएन के महासचिव ने कोरोनावायरस के दौरान भारत में मुस्लिम प्रताड़ना को लेकर कोई बात कही है।

इस दौरान हमें 14 अप्रैल 2020 को arabnews.com नाम की वेबसाइट पर वायरल तस्वीर के साथ प्रकाशित एक लेख मिला। लेख के मुताबिक यूएन के महासचिव ने महामारी को लेकर वायरल हो रही भ्रामक खबरों के खतरों से चेताया था।

यूएन भारत मुस्लिम अंटोनिओ गूटेर्रेस

इसके बाद हमने वायरल दावे की पुष्टि के लिए यह खोजने का प्रयास किया कि क्या यूएन के चीफ ने मुस्लिम समुदाय की प्रताड़ना को लेकर कोई बयान दिया है। जिसके बाद हमें hindustan times की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख मिला। जहां यूएन के महासचिव द्वारा हाल ही में दिया गया एक बयान छपा है।

लेख के मुताबिक अंटोनिओ गूटेर्रेस ने यह कहा था कि कोरोना वायरस के चलते नफरत तथा विदेशी लोगों के लिए घृणा का भाव विश्व स्तर पर बढ़ रहा है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वास्थकर्मी, पत्रकार और मानवाधिकार का बचाव करने वाले लोगों को भी इस घृणा का निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए अब इस घृणा का अंत करना होगा। लेकिन अपने पूरे बयान के दौरान उन्होंने किसी भी देश या किसी धर्म का नाम नहीं लिया।

इसके बाद हमने इस मामले पर उनके द्वारा दिए गए बयान को यूट्यूब पर भी खंगाला। इस दौरान हमें united nation के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यूएन के महासचिव का एक वीडियो मिला। जिसे 8 मई साल 2020 को अपलोड किया गया था। जहां उन्होंने वायरल दावे जैसा कुछ नहीं बोला है।

इस वीडियो में भी वह किसी भी देश या धर्म का नाम नहीं ले रहे हैं। इसके साथ हमने यूएन के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को भी खंगाला। लेकिन यहाँ भी हमें वायरल दावे का कोई जिक्र नहीं मिला।

Conclusion

हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि यूएन के महासचिव अंटोनिओ गूटेर्रेस ने भारत के मुस्लिमों को लेकर कोई बयान नहीं दिया। सोशल मीडिया पर यूएन के नाम पर भारत की निंदा करने वाला बयान भ्रामक है। उन्होंने विश्व स्तर पर फ़ैल रही घृणाभाव की चर्चा की थी। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे किये जा रहे हैं।

Result- Misleading

Our sources

https://www.hindustantimes.com/world-news/end-tsunami-of-hate-and-xenophobia-sparked-by-covid-19-says-un-chief/story-K2Mvobkvo0YAnN1zsBQGqN.html

https://www.arabnews.com/node/1658871/world

https://www.zoomnews.in/en/news-detail/un-announces-first-2-deaths-of-un-peacekeepers-from-coronavirus.html

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें:9999499044या ई-मेल करें:checkthis@newschecker.in


 

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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