Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर कर किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनरत किसानों पर पुलिस का अत्याचार दिखाया गया.
केंद्र सरकार द्वारा नया कृषि कानून लाये जाने के बाद से ही पंजाब एवं हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इसका विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाये गाये ये कानून किसानों के हित में नहीं हैं, तो वहीं केंद्र सरकार का दावा है कि ये कानून किसानों के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे. इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में कांग्रेस का अहम रोल है क्योंकि किसानों के प्रदर्शन का गढ़ बने पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. सरकार के विरुद्ध इतने बड़े मुद्दे को भुनाने में कांग्रेस नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर कर यह दावा किया गया कि हरियाणा पुलिस ने किसानों पर अत्याचार किया है. इन तस्वीरों को शेयर करने वाले नेताओं, पत्रकारों एवं मीडिया संस्थानों की एक लंबी फेहरिस्त नीचे देखी जा सकती है.
पत्रकार रोहिनी सिंह तथा योगेंद्र यादव ने भी वायरल दावे को लेकर किये गए कुछ ट्वीट्स को रिट्वीट कर दावे को अपनी सहमति दी है.
Fact Check/Verification
सोशल मीडिया पर वायरल पहली तस्वीर की पड़ताल:
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पहली तस्वीर को हमने सबसे पहले गूगल पर ढूंढा जहां हमें ‘The Hindu’ द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला। रिपोर्ट्स से हमें यह जानकारी मिली कि यह तस्वीर 2018 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.
‘The Hindu’ द्वारा प्रकाशित लेख पढ़ने पर हमें यह जानकारी प्राप्त हुई कि यह तस्वीर साल 2018 के अक्टूबर महीने में भारतीय किसान यूनियन द्वारा आयोजित किसान प्रदर्शन के दौरान ली गई थी. गौरतलब है कि ‘The Hindu’ द्वारा उक्त लेख को 2 अक्टूबर, 2018 को प्रकाशित किया गया था.
इसके अतिरिक्त हमें कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी मिली जो ‘The Hindu’ द्वारा प्रकाशित उक्त लेख में दी गई जानकारी का समर्थन करती हैं.
https://www.outlookindia.com/website/story/police-fire-tear-gas-as-farmers-pelt-stones/317548
https://gulfnews.com/world/asia/india/farmers-protest-turns-violent-on-delhi-border-1.2285259
https://telanganatoday.com/farmers-protest-turns-violent-on-delhi-border
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वर्तमान किसान आंदोलन पर पुलिस का अत्याचार दिखाने के लिए प्रयुक्त यह तस्वीर पुरानी है तथा किसी भी मायने में वर्तमान प्रदर्शनों से संबंधित नहीं है.
सोशल मीडिया पर वायरल दूसरी तस्वीर की पड़ताल:
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही दूसरी तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने इसे गूगल पर ढूंढा। इस दौरान हमें जानकारी मिली कि यह तस्वीर भी पुरानी है तथा वर्तमान प्रदर्शनों से संबंधित नहीं है.
इस विषय पर ‘The Quint’ द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार यह तस्वीर 2018 के अक्टूबर माह में हुए किसान प्रदर्शन की है जहां ‘किसान क्रांति पदयात्रा’ के दौरान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों पर पुलिस द्वारा पानी की बौछार की गई थी.
https://www.thequint.com/news/india/farmers-rally-delhi-bku#read-more
इसके अतिरिक्त हमें इस विषय पर कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स भी प्राप्त हुई जो ‘The Quint’ द्वारा प्रकाशित उपरोक्त लेख में दी गई जानकारी का समर्थन करती हैं.
https://www.deccanherald.com/national/breaking-farmers-march-delhi-695709.html
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वर्तमान किसान आंदोलन पर पुलिस का अत्याचार दिखाने के लिए प्रयुक्त यह तस्वीर पुरानी है तथा किसी भी मायने में वर्तमान प्रदर्शनों से संबंधित नहीं है.
Result: Misleading
Sources:
The Quint: https://www.thequint.com/news/india/farmers-rally-delhi-bku
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