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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
समाचार एजेंसी ANI तथा NDTV ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली मेट्रो की मैजंटा लाइन रूट पर पहली बार, बिना ड्राइवर ट्रेन के उद्घाटन के मौके पर कहा कि भारत में पहली मेट्रो सेवा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा शुरू की गई थी.
NDTV, एक भारतीय न्यूज़ चैनल जो अपनी रिपोर्टिंग को लेकर अक्सर दक्षिणपंथी विचारधारा को मानने वाले लोगों के निशाने पर रहता है. एनडीटीवी हिंदी के प्रमुख चेहरे रवीश कुमार को लेकर भी तमाम तरह के दावे होते रहते हैं. इनमें से कुछ दावे सच होते हैं तो वहीं कुछ भ्रामक भी होते हैं.
ANI ने एक ट्वीट के जरिये तो वहीं NDTV ने एक ट्वीट और लेख के माध्यम से यह दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा है कि भारत में पहली मेट्रो ट्रेन का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है.
क्या भारत में मेट्रो ट्रेन की शुरुआत पूर्व पीएम अटल बिहारी वायपेयी द्वारा की गई थी?
NDTV द्वारा किये गए इस दावे को पूरी तरह से समझने के लिए हमने सबसे पहले यह जानने का प्रयास किया कि आखिर पूरा मामला क्या है. कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें यह जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री मोदी ने 28 दिसंबर यानि सोमवार को दिल्ली मेट्रो के मैजंटा लाइन रूट पर पहली ड्राइवर रहित ट्रेन का शुभारंभ किया. NDTV के मुताबिक इसी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बयान दिया कि देश में मेट्रो सुविधा शुरू करने का श्रेय देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है. आपको बता दें कि 25 दिसंबर यानि क्रिसमस के दिन ही देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म हुआ था.
NDTV द्वारा इस दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले उनके द्वारा प्रकाशित और प्रसारित असल ख़बर के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया. इस विषय पर एनडीटीवी द्वारा प्रकाशित लेख के कई वर्जन हैं.
ब्रेकिंग न्यूज़ से करेक्शन तक
जिस ख़बर को NDTV ने ब्रेकिंग न्यूज़ से शुरू किया उसे आखिरकार उन्हें करेक्शन कर लोगों के सामने रखना पड़ा.
NDTV द्वारा ब्रेकिंग न्यूज़ के तौर पर प्रकाशित इस खबर को यहां देखा जा सकता है.
NDTV द्वारा एक पूर्ण ख़बर के तौर पर प्रकाशित इस खबर को यहां पढ़ा जा सकता है.
NDTV द्वारा प्रकाशित इस खबर का मौजूदा वर्जन यहां पढ़ा जा सकता है.
NDTV द्वारा प्रकाशित इस खबर में संस्था द्वारा किये गए परिवर्तनों के बारे में बात करें तो शुरूआती दौर में संस्था ने इस खबर को 11 बजकर 26 मिनट पर एक ब्रेकिंग न्यूज़ के तौर पर प्रसारित किया था. जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा भारत की प्रथम ड्राइवर रहित ट्रेन के उद्घाटन की जानकारी दी गई थी. समस्या तब शुरू हुई जब एनडीटीवी ने 11 बजकर 41 मिनट पर इस ख़बर को लेकर अन्य अपडेट प्रकाशित किया. NDTV ने उपरोक्त ब्रेकिंग न्यूज़ को तमाम जानकारियों के साथ एक रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित किया. इसी अपडेट के दौरान NDTV ने यह दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उक्त समारोह के दौरान कहा कि भारत में पहली मेट्रो ट्रेन का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को जाता है.
NDTV की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक संस्था ने 1 बजकर 31 मिनट पर लेख में एक और बड़ा परिवर्तन किया और प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य “भारत में मेट्रो सेवा शुरू करने का श्रेय अटल बिहारी बाजपेयी को जाता है” को “दिल्ली में मेट्रो सेवा शुरू करने का श्रेय अटल बिहारी बाजपेयी को जाता है.” से बदल दिया गया. हमने NDTV द्वारा प्रकाशित इस लेख के मौजूदा वर्जन को खंगाला तो हमें यह जानकारी मिली कि संस्था ने अपने लेख में कहीं भी यह साफ नहीं किया है कि उक्त लेख में क्या परिवर्न किये गए हैं.
समाचार एजेंसी ANI ने 1 बजकर 1 मिनट पर ट्वीट कर इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया तो वहीं NDTV ने 4 बजकर 11 मिनट पर एक ट्वीट के माध्यम से इसी विषय पर किये गए सुधार की जानकारी दी.
PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) ने अपने फैक्ट चेक विंग के माध्यम से यह जानकारी दी कि NDTV द्वारा प्रकाशित यह खबर भ्रामक है.
PIB फैक्ट चेक ने अपने ट्वीट में उक्त उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री के भाषण को टेक्स्ट फॉर्मेट में शेयर किया है जहां से यह जानकारी मिलती है कि प्रधानमंत्री ने असल में क्या कहा था. PIB द्वारा प्रकाशित प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का ट्रांसक्रिप्ट यहां पढ़ा जा सकता है.
हमने प्रधानमंत्री मोदी के पूरे भाषण को YouTube पर ढूंढा, जहां हमें प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक चैनल पर इस समारोह में PM द्वारा दिए गए भाषण का वीडियो मिला. 19 मिनट के इस वीडियो को देखने पर हमें यह जानकारी मिली कि PIB द्वारा किया जा रहा दावा सही है. NDTV ने इस विषय पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को लेकर भ्रामक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसे बाद में उन्होंने सही किया.
ज्यादा असरदार क्या? NDTV की भ्रामक रिपोर्ट या उसका सुधार
NDTV द्वारा पहले प्रकाशित की गई इस भ्रामक ख़बर को ‘The Hindu’, ‘Hindustan Times’ और कई अन्य प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ कार्यरत पत्रकारों, भारत में विपक्ष के समर्थक ट्विटर इन्फ्लुएंसर्स ने भी शेयर किया.
NDTV द्वारा पहले प्रकाशित भ्रामक ख़बर को यह लेख लिखे जाने तक जहां 655 Like, 52 Retweets और 202 Quote Tweets मिले तो वहीं इसमें किए गए सुधार वाले ट्वीट को केवल 75 Likes, 7 Retweets और 7 Quote Tweets मिले.
भारत में पहली मेट्रो: कब और कहां?
भारत में सबसे पहले मेट्रो सेवा को लेकर मचे घमासान के बीच हमने यह पता लगाने का प्रयास किया कि देश में सबसे पहले मेट्रो सेवा की शुरुआत कब और कहां से हुई थी? इस बारे में कुछ कीवर्ड्स की सहायता से किये गए गूगल सर्च के परिणामस्वरूप हमें कोलकाता मेट्रो की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद इतिहास से यह जानकारी मिली कि देश में पहली मेट्रो सुविधा कोलकाता में शुरू हुई थी. वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार 29 दिसंबर 1972 को ‘मेट्रो रेलवे, कोलकाता’ की शुरुआत हुई थी.
भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की बुरी हालत और मेन स्ट्रीम मीडिया का यह रवैया
RSF द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत 142वें स्थान पर है. मौजूदा हालात के मद्देनजर मीडियकर्मियों से देश की जनता यह उम्मीद करती है कि वे अपने पेशे के साथ इंसाफ करेंगे। लेकिन मीडिया और समाचार एजेंसियों द्वारा भ्रामक खबरें और फेक न्यूज़ देखने के बाद भारतीयों के एक बड़े तबके में मेन स्ट्रीम मीडिया को लेकर निराशा ही नजर आती है.
हमनें Media Bias/Fact Check नामक संस्था द्वारा तथ्यपरक रिपोर्टिंग के लिए मशहूर बताये गए NDTV द्वारा प्रकाशित भ्रामक खबरों की एक सूची तैयार की है जिसे आप नीचे देख सकते हैं:
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
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