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JUBI-R और COVIFOR दवा की तस्वीर गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल

सोशल मीडिया पर एक दवाई (Medicine) की तस्वीर वायरल हो रही है, जिस पर लिखा है यह यूएस, यूरोपियन यूनियन और कनाडा में इस्तेमाल के लिए नहीं है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह कोरोना वैक्सीन है और इसे अफ्रीका के लोगों को लैब के चूहों की तरह इस्तेमाल करने के लिए लाया गया है। 

https://www.facebook.com/44504839330/posts/10158161292854331

पोस्ट से जुड़ा आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

सबसे पहले हमने जुबी-आर और कोविफोर के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए गूगल पर जाकर सर्च किया। जिसके बाद हमें पता चला कि ये दोनों ही दवाइयां वैक्सीन नहीं हैं, ये जेनेरिक दवाएं (Medicine) हैं, जो कि रेमेडिसवीर में पाए जाने वाले मॉलिक्यूल से बनी है। 

हमें फार्म एक्सप्रेस का एक लेख मिला जिसके मुताबिक जुबी- आर को जुबिलेंट जेनेरिक ने बनाया है। ये एंटीवायरल दवा के तौर पर कोरोना संक्रमित के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। साथ ही हमें द हिंदू का एक लेख मिला जिसके मुताबिक हेटरो हेल्थकेयर कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा, रेमेडिसवीर एंटीवायरल को कोविफोर के नाम से भारत में सप्लाई करेगी।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि रेमेडिसवीर दवा (Medicine) को अमेरिकी ड्रग मैन्‍युफैक्‍चरर गिलीड साइंसेस ने विकसित किया है। यूनाइटेड स्टेट्स की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इस दवा से जुड़ी जानकारियां दी गई थी। वेबसाइट पर बताया गया था कि यह एंटीवायरल दवा (Medicine) है, जो कि शुरूआती दौर में कोरोना के मरीज को ठीक करने के लिए दी जाती थी।

गिलीड साइंसेस के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए हम कंपनी की वेबसाइट पर गए। जिसके बाद हमें पता चला कि 50 से ज्यादा देशों के लिए इस दवा (Medicine) को गिलीड साइंसेस वेक्लेरी नाम से बनाती और बेचती है। इन 50 देशों में यूएस, कनाडा और यूरोपियन यूनियन भी शामिल हैं।

गिलीड साइंसेस ने दुनिया भर में इस दवाई को सप्लाई करने के लिए कई कंपनियों के साथ समझौता किया है। जिनमें जुबी आर को बनाने वाली जुबिलेंट जेनेरिक और कोविफोर को बनाने वाली हेटरो हेल्थकेयर भारतीय दवाई कंपनियां भी शामिल हैं।

इन दोनों दवाइयों पर लगाए गए इस प्रतिबंध के बारे में जानने के लिए हमने एक बार फिर से गूगल पर सर्च करना शुरू किया, जिसके बाद हमें पता चला कि ये प्रतिबंध वित्तीय नियमों, लाइसेंस और मार्केटिंग कानूनों पर आधारित होते हैं। क्योंकि गिलीड साइंसेस ने कई कंपनियों के साथ समझौता किया है, ऐसे में हर देश में अलग-अलग कंपनियों को इस दवा को बेचने के लिए लाइसेंस दिया गया है।

Conclusion

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक सोशल मीडिया पर गलत तस्वीर को शेयर कर कोरोना वैक्सीन बताया जा रहा है। कोरोना के लक्षणों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा (Medicine) जुबी-आर और कोविफोर की तस्वीर को कोरोना वैक्सीन बताकर शेयर किया जा रहा है।

Result: Misleading


Our Sources

NIH – https://www.covid19treatmentguidelines.nih.gov/antiviral-therapy/remdesivir/

Gilead – – https://www.gilead.com/utility/search?q=remdesivir

Reuters – https://www.reuters.com/article/health-coronavirus-india-remdesivir/india-gives-hetero-labs-approval-to-make-gileads-covid-19-drug-idINKBN23S0EW?edition-redirect=in

Farm Express –https://www.expresspharma.in/covid19-updates/jubilant-life-sciences-launches-jubi-r-for-covid-19-treatment/

The Hindu – https://www.thehindu.com/news/national/hetero-healthcare-set-to-supply-its-generic-covid-19-drug-covifor-at-5400-per-vial-across-india/article31906010.ece


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