Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक खुले मैदान में सैकड़ों बोरियां रखी हुई हैं। इन्हीं बोरियों के पास खड़े हुए एक व्यक्ति को उनपर पानी डालते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि खुले मैदान में रखी सैकड़ों बोरियां गेहूं की है, जिस पर पानी डालकर गेहूं को सड़ाया जा रहा ताकि इसे शराब बनाने वाली फ़ैक्टरियों को बेचा जा सके और यह सब पंजाब-हरियाणा के बड़े किसानों द्वारा किया जाता है। आगे बताया गया है कि उन्हें इससे एक साल में करीब 6000 से 7000 करोड़ तक का मुनाफा होता है।
वायरल पोस्ट का लिंक और आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स भी शेयर किया है
Fact Check / Verification
नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 2 महीने से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर वायरल हुए इस वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल की। जहां हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVid टूल की मदद से कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की सहायता से खोजना शुरू किया।
खोज के दौरान हमें एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसे साल 2018 में अपलोड किया गया था। इस पोस्ट में वायरल वीडियो को भी देखा जा सकता है। हालांकि प्राप्त पोस्ट में वायरल वीडियो के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन इस पोस्ट से हमें यह पता चला कि वायरल वीडियो मौजूदा दिनों की नहीं बल्कि कुछ वर्ष पुरानी है।
वीडियो की सटीक जानकारी के लिए हमने गूगल पर कीफ्रेम्स के साथ कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से भी खोजना शुरू किया। जिसके बाद हमें ABP sanjha के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो मिला। यूट्यूब पर इसे 8 मई साल 2018 को अपलोड किया गया था।
चैनल पर वायरल वीडियो की जानकारी देते हुए बताया गया है कि यह वीडियो हरियाणा के फतेहाबाद जिले की अनाज मंडी में दुकान नंबर 124 B का है। जहां एक व्यापारी ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए गेहूं की बोरियों को पानी से भिगा देता था ताकि बोरी का वज़न तौल में ज्यादा आए।
इसके पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और खोजा। जिसके बाद हमें उक्त वीडियो न्यूज़18 की वेबसाइट पर 28 अप्रैल साल 2018 को छपे एक लेख में मिला।
लेख में दी गई जानकारी के मुताबिक इस वीडियो को साल 2018 में हरियाणा के फतेहाबाद जिले की अनाज मंडी में बनाया गया था। जहां इंडियन नैशनल लोकदल के प्रदेश कार्यकरिणी के सदस्य, कुलजीत कुलड़िया अपनी गेहूं की बोरियों का वजन बढ़ाने के लिए उनपर पानी का छिड़काव कराते थे।
इसके साथ ही हमें वायरल वीडियो की जानकारी पंजाब केसरी हरियाणा के यूट्यूब चैनल पर साल 2018 में अपलोड हुए एक वीडियो में भी मिली। यहाँ भी इस वीडियो को हरियाणा के फतेहाबाद जिले का बताया गया है।
Conclusion
इस पूरी प्रक्रिया में उपरोक्त मिले परिणामों से हमें पता चला कि इस वीडियो का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। दरअसल यह वीडियो साल 2018 का है, जहां फतेहाबाद का एक व्यापारी कुलजीत कुलड़िया अधिक मुनाफा कमाने के लिए गेहूं की बोरियों पर पानी का छिड़काव करता था, ताकि बोरियों का वजन तौल में ज्यादा आए।
Result – Misleading
Our Sources
https://www.youtube.com/watch?v=CgxId21o4gY
https://www.youtube.com/watch?v=6FnvJWPtfxo
https://hindi.news18.com/videos/haryana/fatehabad-spraying-water-on-wheat-sacks-1359478.html
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.