Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश के इटावा में हिन्दू मंदिर में एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने के दौरान मोहम्मद दानिश नामक एक मुस्लिम को लोहे की रॉड से बांधकर पीटा गया।
विविधताओं से भरे भारत में लगभग हर धर्म के मानने वाले लोग रहते हैं। पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया के बढ़ते चलन के कारण आये दिन हमें धार्मिक आधार पर वैमनस्य के कई मामलों के बारे में जानने को मिलता है। इनमे से कुछ दावे सच होते हैं तो वहीं तमाम दावे गलत भी होते हैं।
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के इटावा में हिन्दू मंदिर में एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने के दौरान मोहम्मद दानिश नामक एक मुस्लिम को लोहे की रॉड से बांधकर पीटा गया। जब हमने CrowdTangle नामक टूल की सहायता से वायरल दावे को लेकर शेयर किये गए पोस्ट्स के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाही तो हमने पाया कि इसी दावे के साथ अब तक कुल 39 फेसबुक पोस्ट्स शेयर किये जा चुके हैं जिनको यह रिपोर्ट लिखे जाने तक 14,531 इंटरेक्शन प्राप्त हो चुका है।
इस पोस्ट को अन्य कई फेसबुक ग्रुप्स में तेजी से शेयर किया जा रहा है।
Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर उत्तर प्रदेश के इटावा में हिन्दू मंदिर में कार्यरत किसी मजदूर की है या इसका सच कुछ और ही है, यह पता लगाने के लिए हमने वायरल तस्वीर को Google पर ढूंढा। इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर पुरानी है। हमें The Guardian में प्रकाशित एक लेख भी प्राप्त हुआ जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद है।
The Guardian में प्रकाशित इस लेख के मुताबिक यह तस्वीर दिल्ली में हुए दंगो की है तथा वायरल तस्वीर में दिख रहे शख्श का नाम मोहम्मद ज़ुबैर है जिनकी हिन्दू समुदाय के लोगों ने पिटाई कर दी थी।
इसके बाद हमें इसी विषय पर BBC Hindi द्वारा प्रकाशित लेख भी प्राप्त हुआ जिसमें दिल्ली दंगों के दौरान हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों द्वारा मोहम्मद ज़ुबैर की पिटाई की जानकारी के साथ-साथ उनका इंटरव्यू भी मौजूद है।
इसके बाद हमें BBC द्वारा प्रकाशित एक YouTube वीडियो भी प्राप्त हुआ जिसमें मोहम्मद ज़ुबैर का इंटरव्यू प्रकाशित किया गया है। उक्त YouTube वीडियो को देखने के बाद यह साफ हो जाता है कि वायरल तस्वीर में दिख रहा शख्स उत्तर प्रदेश के इटावा में हिन्दू मंदिर में एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम नहीं करता है बल्कि यह तस्वीर दिल्ली दंगों के दौरान हिन्दू समुदाय से जुड़े कुछ अराजकतत्वों द्वारा प्रताड़ना के शिकार मोहम्मद ज़ुबैर की हैं।
इसके बाद हमें इसी विषय पर दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट भी प्राप्त हुई जिसमें वायरल तस्वीर में दिख रहे शख्स को दिल्ली दंगों के पीड़ित मोहम्मद ज़ुबैर बताया गया है।
इस दावे की पड़ताल हमारी टीम द्वारा उर्दू में भी की गई है जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति उत्तर प्रदेश के इटावा में हिन्दू मंदिर में काम कर रहे दिहाड़ी मजदूर की नहीं है। जिसे कथित रूप से काम करने के दौरान लोहे की रॉड से बांधकर पीटा गया। बल्कि तस्वीर में दिख रहा शख्स 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का पीड़ित है।
Result: Misleading
Claim Review: उत्तर प्रदेश के इटावा में हिन्दू मंदिर में मुस्लिम युवक को पीटा गया। Claimed By: Viral Social Media Post Fact Check: Misleading |
Our Sources
The Guardian: https://www.theguardian.com/world/2020/mar/01/india-delhi-after-hindu-mob-riot-religious-hatred-nationalists
BBC: https://www.bbc.com/hindi/india-51682341
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.