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सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है। इस तस्वीर में पटरी पर एक नई ट्रेन को देखा जा सकता है, जिसको फूलों की माला और पत्तों से सजाया गया है। प्लेटफॉर्म पर हजारों लोग इस ट्रेन को देखते हुए नज़र आ रहे हैं। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि पहली बार कोई ट्रेन मिज़ोरम पहुंची है और लोग इसे देखने के लिए पागल हो गए हैं। कई बुज़ुर्ग लोग ट्रेन देखकर बोले, “हमने जिंदगी में पहली बार ट्रेन देखी है। कांग्रेस ने इस देश में सत्तर साल तक राज किया है। पूर्वोत्तर राज्यों में हमेशा से कांग्रेस ही राज करती रही है। लेकिन कांग्रेस ने जानबूझकर देश को गरीब और पिछड़ा बनाए रखा, ताकि लोगों को मनरेगा में मज़दूर बनाकर वोट लिया जा सके। आज़ादी के 71 साल बाद पहली बार मिजोरम में आज ट्रेन पहुंची है। काम चीख-चीख कर बोलता है। विकास यात्रा- मोदी है, तो मुमकिन है।”
इस दावे को ट्विटर और फेसबुक पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Fact Check/Verification
मिज़ोरम में ट्रेन को लेकर किए जा रहे वायरल दावे की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें 21 मार्च 2016 को Indian Express और News18 द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक यह तस्वीर उस दौरान की है जब मिजोरम में पहली ब्रॉड गेज ट्रेन (Broad- Gauge Train) का उद्घाटन हुआ था। ब्रॉड गेज ट्रेन (Broad- Gauge Train) एक मालगाड़ी थी। यह ट्रेन असम के हैलाकांडी जिले के कटखल स्टेशन से शुरू होती है और मिज़ोरम में प्रवेश करने से पहले 84 किलोमीटर तक चलती है। इन दोनों रिपोर्ट्स से यह साबित होता है कि यह तस्वीर मिजोरम की पहली ब्रॉड गेज ट्रेन के उद्घाटन की है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने यह जानना चाहा कि क्या मिज़ोरम में इससे पहले कोई ट्रेन नहीं चलती थी? Google Keywords Search की मदद से खोजने पर North East Frontier Railway की आधिकारिक वेबसाइट पर मिली जानकारी से पता चला कि बैराबी रेलवे स्टेशन (Bairabi Railway Station) पर एक रेल लिंक है। लेकिन यह पूरी तरह से माल यातायात के लिए है।
गौरतलब है कि, बैराबी रेलवे स्टेशन (Bairabi Railway Station) भारतीय रेलवे के पूर्वोत्तर सीमा का एक हिस्सा है। बैराबी रेलवे स्टेशन से सरांग तक एक रेलवे लाइन है। बैराबी रेल लिंक का काम अभी भी निर्माणधीन है, जिसको पूरा करने के लिए रेल मंत्री द्वारा कहा गया है यह प्रोजेक्ट मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा।
अधिक खोजने पर हमें 19 जून 2016 को Wheels on Hills नामक YouTube चैनल पर अपलोड की गई वीडियो मिली। वीडियो का टाइटल यानि शीर्षक है, “ब्रॉड गेज रेल लिंक टू मिज़ोरम (BG Rail Link to Mizoram)।” इस वीडियो में मिजोरम में मीटर गेज से ब्रॉड गेज रेलवे लाइन बनते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में एक युवक मिज़ोरम में इस ट्रेन के आने का महत्व बता रहा है। इसके साथ-साथ 1 मिनट 25 सेकेंड पर इस प्रोजेक्ट के डिप्टी चीफ इंजिनियर पुष्कर श्रीवास्तव को कहते हुए सुना जा सकता है कि, “इसके पहले यहां मीटर गेज की व्यवस्था थी। लेकिन वह धीमी और कम क्षमता वाली ट्रेन हुआ करती थी।”
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने मैप्स ऑफ इंडिया (Maps of India) की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल के दौरान मिली जानकारी के मुताबिक मिजोरम में पहले से ही मीटर गेज रेलवे मौजूद है।
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YouTube खंगालने पर हमें Train & Travel Freak नामक चैनल पर 18 अक्टूबर 2020 को अपलोड की गई वीडियो मिली। वीडियो में मिली जानकारी के मुताबिक मिज़ोरम राज्य में केवल बैराबी रेलवे स्टेशन (Bairabi Railway Station) है। बैराबी रेलवे स्टेशन मिज़ोरम का इकलौता रेलवे स्टेशन है और यहां पर इस रेलवे स्टेशन के आगे रेलवे लाइन खत्म हो जाती है। इस रेलवे स्टेशन का कोड BHRB है और इस स्टेशन पर केवल तीन प्लेटफॉर्म हैं।
Conclusion
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि मिज़ोरम की पहली ट्रेन को लेकर किया जा रहा दावा फर्ज़ी है। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वायरल तस्वीर मिज़ोरम में ब्रॉड गेज ट्रेन के उद्घाटन की है। यह हालिया दिनों की तस्वीर नहीं है।
Result: False
Our Sources
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