शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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क्या अफगानिस्तान का है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो?

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी के चंद महीनों के अंदर ही तालिबान ने देश पर कब्ज़ा कर लिया है। ये सब इतनी जल्दी हुआ कि पूरी दुनिया देखती रह गई। बताते चलें कि तालिबान एक ऐसा संगठन है, जिसने पूर्व में भी अफगानिस्तान पर 1996 से 2001 के बीच राज किया था। उस दौरान तालिबान की बर्बरता देख चुके अफगानिस्तान के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। महिलाएं सबसे अधिक चिंतित हैं, जिन्हें तालिबान ने अपने शासनकाल के दौरान घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया था। अब जब तालिबान ने देश पर एक बार फिर कब्जा कर लिया है, तब देश की एक बड़ी आबादी वहां से पलायन करना चाहती है। ऐसे में पलायन की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर देखे गए हैं।  

इसी घटनाक्रम को लेकर इन दिनों इंटरनेट पर एक वीडियो खूब वायरल है। वीडियो में बुर्का पहनी हुई कुछ महिलाओं को एक कतार में बैठे हुए देखा जा सकता है, इन्हीं महिलाओं पर कुछ लोग चीखते हुए दिखाई दे रहे हैं। दावे के मुताबिक, इन महिलाओं को बेचा जा रहा है। वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूज़र्स द्वारा लिखा गया है, ‘वक़्त बदलते देर नहीं लगती। जो लोग बोल रहे थे कि हिन्दुओ की बहन, बेटी और बहू 2-2 दीनार में बेची जाती थी। अब उन लोगों की खुद की औरतें उसी बाज़ार में बिक रही हैं और वो खुद बेच रहे हैं उसी बाज़ार में। यह वीडियो अफगानिस्तान का बताकर शेयर किया जा रहा है।

वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।  

लेख लिखे जाने तक उपरोक्त वायरल पोस्ट को 88 रिट्वीट तथा 100 से भी अधिक लाइक मिल चुके हैं, इसके साथ ही कई अन्य यूज़र्स ने भी इसे शेयर किया है।   

https://twitter.com/Narendr33166209/status/1427672521952817154

https://twitter.com/agrawa_praveen/status/1427492443331600385

Fact Check / Verification 

क्या यह वीडियो अफगानिस्तान का है, जहां महिलाओं को यूँ बेचा जा रहा है। इस बात का सच जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमने वीडियो को InVid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में बदला और फिर गूगल पर एक फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च टूल की सहायता से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो vk.com नामक वेबसाइट पर मिला, जहां वीडियो को साल 2020 में अपलोड किया गया था।  

उपरोक्त रिपोर्ट से यह पता चला कि इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो, हालिया दिनों का नहीं बल्कि कई वर्ष पुराना है, लिहाजा वीडियो की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए, हमने गूगल पर अन्य कीफ्रेम के साथ-साथ कुछ कीवर्ड्स की भी सहायता से खोजना शुरू किया। इस प्रक्रिया में हमें BBC न्यूज़ की वेबसाइट पर 20 अक्टूबर, साल 2014 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मेल खाता एक और वीडियो मिला। 

तुलना 

रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो 14 अक्टूबर, 2014 को लंदन के लीसेस्टर चौक पर रिकॉर्ड किया गया था। बताया गया है कि यह वीडियो कुर्द प्रदर्शनकारियों द्वारा सेक्स स्लेव नीलामी के नाटक (ड्रामा) का है। जिसे इराक में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों द्वारा की गयी बर्बरता पर प्रकाश डालने के लिए किया गया था। इस नाटक का आयोजन कम्पैशन फ़ॉर कुर्दिस्तान (compassion for kurdistan) नामक एक कुर्दी प्रवासियों के ग्रुप द्वारा किया गया था।   

BBC की वेबसाइट पर मिली जानकारी की पुष्टि के लिए, हमने गूगल पर और बारीकी से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें news week.com नामक वेबसाइट पर अक्टूबर साल 2014 को ही प्रकाशित एक लेख मिला, जहां वायरल वीडियो से ली गयी एक तस्वीर अपलोड की गयी है। 

प्राप्त रिपोर्ट में भी जानकारी दी गयी है कि कुर्द प्रदर्शनकारियों ने साल 2014 में इराक और सीरिया जैसे इस्लामिक स्टेट में महिलाओं से साथ कथित तौर पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करने के लिए, एक नाटक का आयोजन किया था, जहां उन्होंने महिलाओं को किस तरह गुलाम बनाया जाता है इसे लेकर नाटक किया था।  

Conclusion 

वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमें पता चला कि यह वीडियो अफगानिस्तान के हालिया हालातों का नहीं है। दरअसल यह वीडियो कुर्द प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए एक नाटक का है, इस नाटक को कुछ इस्लामिक देशों में महिलाओं के साथ कथित तौर पर हो रहे अत्याचारों का विरोध करने के लिए, साल 2014 में लंदन में आयोजित किया गया था।   

Result- Misleading 

Our Source

https://www.newsweek.com/kurdish-activists-stage-isis-slave-market-central-london-277696?utm_content=bufferaf6d2&utm_medium=social&utm_source=twitter.com&utm_campaign=buffer

https://www.bbc.com/news/blogs-trending-29691764

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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