Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
सोशल मीडिया पर मीडिया संस्था जनसत्ता की एक खबर का स्क्रीनशॉट काफी शेयर किया जा रहा है. स्क्रीनशॉट में हेडलाइन लिखी गई है कि वर्ल्ड बैंक ने भारत के विकासशील देश का टैग हटा दिया है और अब भारत, पाकिस्तान और जांबिया जैसे देशों की श्रेणी में आ गया है.
इस स्क्रीनशॉट के जरिए मोदी सरकार की आलोचना की जा रही है कि भारत के बर्बादी के दिन अब शुरू हो चुके हैं. लोग तंज करते हुए लिख रहे हैं कि यही है सरकार के आठ सालों का विकास.
राष्ट्रीय जनता दल के आधिकारिक हैंडल, रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह, कांग्रेस नेता पंकज पुनिया जैसे कई वेरीफाईड यूजर्स ने इस पोस्ट को सरकार पर तंज करते हुए शेयर किया है. फेसबुक और ट्विटर पर यह पोस्ट काफी वायरल हो रहा है.
Fact Check/Verification
सबसे पहले हमने कीवर्ड्स की मदद से जनसत्ता की इस इस खबर को खोजा. सामने आया कि यह खबर 5 जून 2016 को प्रकाशित हुई थी, ना की हाल फिलहाल में. खबर के मुताबिक, उस समय वर्ल्ड बैंक ने अर्थव्यवस्था के बंटवारे की श्रेणियों के नामों में बदलाव किया था. इससे पहले तक लो और मिडिल इनकम वाले देशों को ‘विकासशील’ और हाई इनकम वाले देशों को ‘विकसित’ देशों में गिना जाता था. इस तरह वर्ल्ड बैंक भारत का उल्लेख ‘विकासशील’ देशों में करता था.
इसके बाद साल 2016 में वर्ल्ड बैंक ने देशों का उल्लेख प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करना शुरू कर दिया. श्रेणियों के नामों में बदलाव के बाद भारत को लोअर-मिडल इनकम देश या अर्थव्यवस्था कहा जाने लगा. इस बारे में ‘द इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर में विस्तार से बताया गया है. कई दशकों से देशों की अर्थव्यवस्था को ‘विकसित’ और ‘विकासशील’ के नाम से जाना जाता था. कौन सा देश किस श्रेणी में रहेगा, ये उस समय भी देश की प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों पर निर्भर होता था. लेकिन देशों या अर्थव्यवस्था का विवरण ‘विकसित’ या ‘विकासशील’ से होता था.
2016 में वर्ल्ड बैंक ने इसके विवरण में बदलाव कर दिया. इसके बाद से देशों को उनकी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय के आधार पर बांटा जाने लगा. इस पर वर्ल्ड बैंक ने तर्क दिया था कि दो देश, जिनकी प्रति व्यक्ति आय में अच्छा खासा अंतर है, एक ही श्रेणी में नहीं गिने जा सकते. उदाहरण के तौर पर मलावी देश की प्रति व्यक्ति आय $250 है और मेक्सिको की प्रति व्यक्ति $9860 है. लेकिन पुरानी प्रणाली में दोनों को विकासशील देशों में गिना जाता था. इसके कुछ और कारण भी थे, जिन्हें ‘द इकॉनोमिक टाइम्स’ की इसी खबर में पढ़ा जा सकता है.
इसके चलते वर्ल्ड बैंक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देशों को अलग-अलग श्रेणियो में बांट दिया. इस बारे में 2015 में वर्ल्ड बैंक की वेबसाइट पर एक ब्लॉग भी प्रकाशित हुआ था. ब्लॉग में एक्सपर्ट्स ने विस्तार से बताया गया था कि ‘विकासशील देश’ या ‘विकासशील अर्थव्यवस्था’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने में क्या समस्या है.
इस लेख में यह साफ-साफ लिखा है कि ‘विकासशील देश’ या दुनिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना पेचीदा है. साथ ही ब्लॉग में स्पष्ट किया गया है कि इन शब्दों का इस्तेमाल होने का मतलब यह नहीं है कि किसी देश के विकास स्तर पर सवाल खड़ा किया जा रहा हो.
इसके बाद वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए ‘वर्ल्ड डेवलपमेंट इंडिकेटर्स’ के 2016 के संस्करण में देशों को ‘विकासशील’ या ‘विकसित’ शब्दों से सूचित नहीं किया गया. इस बात की जानकारी वर्ल्ड बैंक ने एक ब्लॉग के जरिए भी दी है.
नए फार्मूले के तहत देशों को चार श्रेणियों में बांट दिया गया. यह श्रेणियां हैं- लो इनकम इकॉनमी , लोअर मिडल इनकम इकॉनमी , अपर मिडल इनकम इकॉनमी और हाई इनकम इकॉनमी .
लो इनकम इकॉनमी में उन देशों को रखा गया, जिनकी 2014 में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय $1045 या इससे कम थी. $1046 से $4,125 प्रति व्यक्ति आय वाले देशों को लोअर मिडल इनकम इकॉनमी में सूचित किया गया. 2,014 में जिन देशों की प्रति व्यक्ति आय $4,126 से $12,735 डॉलर थी, वह अपर मिडल इनकम इकॉनमी में गिने गए. हाई इनकम इकॉनमी में उन देशों को रखा गया, जिनकी प्रति व्यक्ति आय $12,736 या उससे ज्यादा थी.
वर्ल्ड बैंक के अनुसार, भारत वित्तीय वर्ष 2022 में भी लोअर मिडल इनकम वाली श्रेणी में ही है. पड़ोसी चीन अपर मिडल इनकम की श्रेणी में है. वर्ल्ड बैंक के 2020 के आंकड़ों में भारत की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय $1920 बताई गई है.
Conclusion
निष्कर्ष यह निकलता है कि पहली बात तो वायरल हो रहा यह स्क्रीनशॉट छह साल पुरानी एक खबर से लिया गया है, जिसको ताजा रिपोर्ट बताकर शेयर किया जा रहा है. इसके साथ ही, उस समय वर्ल्ड बैंक की तरफ से अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणियों के विवरण में किए गए बदलाव की वजह से भारत का ‘विकासशील’ देश का टैग हट गया था. ऐसा सिर्फ भारत के साथ नहीं और भी कई देशों के साथ हुआ था.
Result: False Context/Missing Context
Our Sources
Report of Jansatta and The Economic Times
Multiple Reports of World Bank
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An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.