Authors
An enthusiastic journalist, researcher and fact-checker, Shubham believes in maintaining the sanctity of facts and wants to create awareness about misinformation and its perils. Shubham has studied Mathematics at the Banaras Hindu University and holds a diploma in Hindi Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. He has worked in The Print, UNI and Inshorts before joining Newschecker.
पत्रकार अशोक श्रीवास्तव सहित कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने एक तस्वीर शेयर कर दावा किया कि यूपी स्थित मेरठ की एक मस्जिद के बाहर बैनर टांगकर सड़क पर नमाज़ नहीं पढ़ने की अपील की गई है। दावे के मुताबिक, आगरा में सड़क पर बिना अनुमति के नामज पढ़ने पर 150 लोगों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद इस तरह की तस्वीर सामने आई है।
ट्वीट का आर्काइव लिंक।
इसके अलावा सुधीर मिश्रा नामक फेसबुक यूजर ने वायरल दावे के साथ इस तस्वीर को शेयर किया है।
दरअसल, बीते दिनों यूपी के आगरा में बिना अनुमति के सड़क पर नमाज पढ़ने पर पुलिस ने तीन नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आगरा में बीते दिनों बिना अनुमति के लोगों ने सड़क पर नमाज़ पढ़ी थी, जिसके चलते सड़क पर यातायात बाधित हुआ था। लाइव हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में अखिल भारत हिंदू महासभा ने आपत्ति जताई थी, जिसके बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आधी सड़क खाली कराई थी।
इसके बाद अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया है कि यूपी स्थित मेरठ की एक मस्जिद के बाहर बैनर टांगकर सड़क पर नमाज़ नहीं पढ़ने की अपील की गई है।
Fact Check/Verification
क्या यूपी स्थित मेरठ की एक मस्जिद के बाहर बैनर टांगकर सड़क पर नमाज़ नहीं पढ़ने की अपील की गई है? दावे का सच जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स सर्च की मदद से खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें अमर उजाला द्वारा 16 अगस्त 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के मेरठ शहर में जुमे की नमाज कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क छोड़कर पढ़ी गई। बतौर रिपोर्ट, मेरठ में हापुड़ रोड स्थित पटेल मंडप के सामने धार्मिक स्थल के मुतवल्ली ने पोस्टर लगवा दिया था। पोस्टर पर लिखा था, ‘मेहरबानी करके कोई भी नमाजी मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज न पढ़े।’ अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में इस तस्वीर को प्रकाशित किया है।
फेसबुक पर कुछ कीवर्ड की मदद से सर्च करने पर हमें आईपीएस अजय साहनी द्वारा 16 अगस्त 2019 को किया गया एक पोस्ट प्राप्त हुआ। अजय साहनी द्वारा किए गए फेसबुक पोस्ट में संलग्न तस्वीर और सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर दोनों एक ही है। साहनी ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने बैनर लगाए।”
इसके अलावा मेरठ पुलिस द्वारा 16 अगस्त 2019 को किया गया एक ट्वीट पोस्ट प्राप्त हुआ। ट्वीट में वायरल तस्वीर संलग्न है। तस्वीर के कैप्शन के मुताबिक, ‘पटेल मण्डप वाली मस्जिद पर इमाम हाजी अख्तर ने बैनर लगाए।’
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Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में स्पष्ट है कि मेरठ की एक मस्जिद के बाहर बैनर टांगकर सड़क पर नमाज़ नहीं पढ़ने वाली वायरल तस्वीर अगस्त 2019 की है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Result: False Context/Missing Context
Our Sources
Report Published by Amar Ujala on 16 August 2019
Facebook Post of IPS Ajay Sahini on 16 August 2019
Tweet by Meerut Police on 16 August 2019
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