Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कतरन के जरिए दावा किया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सभी बैंकों को पासबुक के आखिरी पन्ने पर गीता का सार प्रिंट करवाने का निर्देश दिया है.
पोस्ट में गीता का सार कुछ इस तरह बताया गया है, “तुम क्या ले के आए थे, क्या ले के जाओगे। क्यों रोते हो, तुम्हारा क्या था जो खो गया। जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं दिया। जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का था। परसों किसी और का हो जाएगा।”.
फेसबुक और ट्विटर पर यह पोस्ट काफी वायरल हो रहा है. कुछ यूजर्स पोस्ट को लेकर आरबीआई का मजाक उड़ा रहे हैं, कुछ का कहना है कि अडानी एंड कंपनी की वजह से बैंकों के पास जनता को लौटाने के लिए पैसा नहीं बचा, इसलिए गीता का सार पढ़ाया जा रहा है.
Fact Check/Verification
वायरल पोस्ट को लेकर सर्च करने पर हमें भारत सरकार के प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो का एक ट्वीट मिला. 23 दिसंबर 2020 को किए गए इस ट्वीट में वायरल दावे को फर्जी बताया गया है. पीआईबी ने लिखा है कि आरबीआई ने बैंकों को ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है.
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इससे पता चलता है कि यह पोस्ट 2020 में भी वायरल हुआ था. खोजने पर हमें भी कुछ पुराने सोशल मीडिया पोस्ट मिले, जिनमें अखबार की इस कतरन को देखा जा सकता है. इस अखबार में आरबीआई के इस कथित निर्देश को यह लिखते हुए छापा गया था कि “बैंकों की दशा को लेकर सोशल मीडिया पर यह कविता वायरल हो रही है”. लेकिन अभी वायरल हो रहे पोस्ट में इस हिस्से को हटा दिया गया है.
Conclusion
यहां यह बात स्पष्ट हो जाती है कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है. सरकार, प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो के माध्यम से इस बात को साफ कर चुकी है कि आरबीआई ने गीता के सार को लेकर बैंकों को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है.
Result: False
Our Sources
Tweet of Press Information Bureau, posted on December 23, 2020
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An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.