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Claim
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद मुस्लिमों ने जैन मुनि पर किया हमला.
Fact
ये तस्वीरें सालों पुरानी हैं, इनका कर्नाटक चुनाव नतीजों से कोई लेना-देना नहीं है.
कांग्रेस पर अक्सर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहते हैं. कर्नाटक चुनावों में भी बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस पर कई बार हमला किया. अब कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस की सरकार बनने वाली है.
इसी बीच एक फोटो कोलाज के साथ दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस के आते ही कर्नाटक में मुसलमान अपना रूप दिखाने लगे हैं. दावे में कहा गया है कि कर्नाटक में मुस्लिमों ने एक जैन मुनि को ‘कांग्रेस जिंदाबाद’ का नारा नहीं लगाने पर पीट दिया.
वायरल पोस्ट में तीन फोटो हैं. पहली दो तस्वीरों में खून से लथपथ एक महिला और आदमी को देखा जा सकता है. तीसरी फोटो में बिना कपड़ों के एक बुजुर्ग व्यक्ति बैठे नजर आ रहे हैं. कर्नाटक चुनाव के बीच ट्विटर और फेसबुक पर ये पोस्ट काफी वायरल हो रहा है.
यह दावा हमारी वाट्सऐप टिपलाइन पर भी एक यूजर ने भेजा है.
Fact Check/Verification
पहली फोटो
खून में लथपथ रोती महिला की फोटो को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि ये फोटो 2018 से इंटरनेट पर मौजूद है. ये फोटो पहले भी कई दावों के साथ वायरल हो चुकी है. इस फोटो सहित कुछ अन्य फोटोज को 30 मार्च 2018 को एक यूजर ने पश्चिम बंगाल का बताकर शेयर किया था.
हालांकि, ये फोटो हमें किसी विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट पर नहीं मिली इसलिए ये कहना मुश्किल है कि फोटो कहां की है. लेकिन ये बात स्पष्ट है कि फोटो पांच साल से ज्यादा पुरानी है.
दूसरी फोटो
खून से लहूलुहान आदमी की ये फोटो भी सालों पुरानी है. मई 2018 में कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी और आप नेता संजय सिंह ने इस फोटो को शेयर कर यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा था. दोनों ने दावा किया था कि फोटो में दिख रहा आदमी एक अभ्यर्थी है, जो बी.एड और टी.ई.टी परीक्षा को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज में घायल हो गया.
SM Hoax Slayer नाम की एक वेबसाइट ने अपने फैक्ट चेक में बताया था कि यह तस्वीर 2017 की यूपी के मुजफ्फरनगर की है. SM Hoax Slayer ने अपनी वेबसाइट में एक खबर का स्क्रीनशॉट भी लगाया था, जिसमें इस व्यक्ति की फोटो नजर आ रही है. खबर की हेडलाइन के अनुसार, यह व्यक्ति अपनी पत्नी और उसके प्रेमी के प्रेम संबंध में बाधक बन रहा था, जिसके चलते पत्नी-प्रेमी ने उसे बुरी तरह पीट दिया था.
यह स्क्रीनशॉट रॉयल बुलेटिन नाम की एक वेबसाइट का है. हालांकि, अब स्क्रीनशॉट वाली खबर वेबसाइट पर मौजूद नहीं है. SM Hoax Slayer ने अपनी खबर में लिखा है कि उन्होंने इस वेबसाइट के एडिटर से बात की थी, जिसने बताया था कि फोटो उन्हीं के एक पत्रकार ने खींची है. यह फोटो रॉयल बुलेटिन अखबार में भी छपी थी.
तीसरी फोटो
तीसरी फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें मीडिया संस्था डेक्कन क्रॉनिकल की एक खबर मिली. 31 मार्च 2018 को प्रकाशित हुई इस खबर में बताया गया है कि फोटो जैन मुनि उपाध्याय मयंक सागर महाराज की है, जिसे पोस्टकार्ड न्यूज़ नाम की एक वेबसाइट चला रहे महेश विक्रम हेगड़े ने भ्रामक दावे के साथ शेयर कर दिया था.
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मयंक सागर कर्नाटक में एक एक्सीडेंट में घायल हुए थे, जबकि हेगड़े ने सोशल मीडिया पर लिख दिया था कि जैन मुनि पर मुस्लिमों ने हमला किया. फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप में पुलिस ने हेगड़े को गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले को लेकर ‘द हिंदू’ में भी खबर छपी थी.
Conclusion
कुल मिलाकर निष्कर्ष निकलता है कि वायरल पोस्ट में झूठा सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है. ये तस्वीरें सालों पुरानी हैं, इनका कर्नाटक चुनाव नतीजों से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही, पोस्ट में दिख रहे जैन मुनि एक एक्सीडेंट में घायल हुए थे, न कि किसी हमले में.
Result: False
Our Sources
Twitter post of March 30, 2018
Report of SM Hoax Slayer
Report of Deccan Chronicle and The Hindu
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