शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

HomeFact CheckFact Check: बागेश्वर धाम की तरफ से नागरिकों के खाते में मुफ्त...

Fact Check: बागेश्वर धाम की तरफ से नागरिकों के खाते में मुफ्त पैसे भेजे जाने का दावा करने वाला यह पोस्ट फर्जी है

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

सोशल मीडिया पर एक लिंक शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि बागेश्वर धाम की तरफ से सबको मुफ्त में 999 रुपए दिए जा रहे हैं.

Fact

बागेश्वर धाम की तरफ से सबको मुफ्त में 999 रुपए दिए जाने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल पोस्ट में मौजूद लिंक पर क्लिक किया. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि लिंक पर क्लिक करने के बाद एक फर्जी वेबसाइट खुलती है, जहां एक स्क्रैच कार्ड को खुरचने के लिए कहा गया है. हालांकि, स्क्रैच कार्ड को खुरचने के बाद नीचे जिस लिंक पर क्लिक कर पैसे पाने के निर्देश दिए गए हैं, उस पर क्लिक करने पर कोई क्रिया नहीं होती.

वायरल पोस्ट में मौजूद लिंक का स्क्रीनशॉट

गौरतलब है कि दावे को शेयर किए जाने वाले पेज को खंगालने पर हमें यह जानकारी मिली कि यह एक फर्जी पेज है, जिसके पूर्व नाम ‘Sức Khỏe 24h +’ को 20 अगस्त, 2023 को बदलकर ‘Bageshwar dham’ किया गया है.

बागेश्वर धाम के नाम पर बनें फर्जी पेज का स्क्रीनशॉट

बता दें कि Newschecker ने पूर्व में अपनी कई पड़तालों में इस बात की जानकारी दी है कि इस तरह की फर्जी वेबसाइट्स का इस्तेमाल अक्सर लोगों को ठगने, उनकी निजी जानकारी चुराने या ट्रैफिक बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.

वायरल दावे के बारे में अधिक जानकारी के लिए Newschecker ने बागेश्वर धाम के जनसंपर्क अधिकारी कमल अवस्थी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि यह दावा पूरी तरह से गलत है. किसी धार्मिक संस्था द्वारा इस तरह की योजना चलाने का कोई मतलब नहीं है. यह पेज किसी शरारती तत्व द्वारा बनाया गया है, जो संस्था की लोकप्रियता के नाम पर लोगों को ठग रहा है. इस मामले में संस्था कानूनी कार्रवाई का भी विचार कर रही है. हमारे द्वारा संस्था की आधिकारिक वेबसाइट के बारे में पूछे जाने पर कमल अवस्थी ने कहा कि संस्था ने एक वेबसाइट बनवाई थी, लेकिन पर्याप्त संसाधन ना होने की वजह से वेबसाइट अभी उपलब्ध नहीं है.

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि बागेश्वर धाम की तरफ से सबको मुफ्त में 999 रुपए दिए जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा गलत है. असल में यह दावा बागेश्वर धाम के नाम पर बनें एक फर्जी पेज द्वारा शेयर किया गया है. पोस्ट में शेयर की गई लिंक भी एक फर्जी वेबसाइट की है.

Result: False

Our Sources
Newschecker’s analysis
Newschecker’s conversation with Kamal Awasthi, Media Coordinator, Bageshwar Dham

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Most Popular