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उत्तर प्रदेश के चंदौली में ईवीएम पकड़े जाने के दावे से पुराना वीडियो वायरल

Claim
उत्तर प्रदेश के चंदौली के स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे लगभग 300 से अधिक ईवीएम मशीनों को पकड़ा है.

Fact
वीडियो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक जगह पर ईवीएम (EVM) रखते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि “उत्तर प्रदेश के चंदौली में ईवीएम मशीन पकड़े गए हैं”.

हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो करीब पांच साल पुराना है, तब चुनाव आयोग (Election Commission) ने इस मामले में अपना स्पष्टीकरण भी दिया था.

वायरल वीडियो करीब 44 सेकेंड का है. वीडियो में कुछ लोग किसी स्थान पर रात के समय ईवीएम (EVM) रखते हुए दिखाई दे रहे हैं. साथ ही वहां मौजूद कई अन्य लोग अपने मोबाइल की मदद से वीडियो बनाते दिख रहे हैं.

उक्त वीडियो को सोशल मीडिया खासकर X (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र से खिलवाड़, चंदौली के स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे लगभग 300 से अधिक ईवीएम मशीन पकड़े. चुनाव ख़त्म होने के बाद ईवीएम यहाँ कैसे आये? इसका जबाब कौन देगा.”

 Courtesy: X/ManishCEO2

इसके अलावा, यह वीडियो X पर अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ भी वायरल है. 

Courtesy: X/bole_bharat

Fact Check/Verification

Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से X (Twitter) सर्च किया, तो हमें एक अकाउंट पर 21 मई 2019 को अपलोड किया हुआ यह वीडियो मिला. वीडियो के साथ मौजूद कैप्शन में इसे उत्तर प्रदेश के चंदौली का ही बताया गया था.

Courtesy: X/yasinSh05583606

कीवर्ड सर्च में हमें चंदौली वाले कैप्शन के साथ ही एक और वीडियो मिला. 20 मई 2019 को शेयर किए गए इस वीडियो में भी वायरल वीडियो में दिख रहे जगह वाले दृश्य मौजूद हैं. हालांकि, वायरल वीडियो रात के समय का है जबकि इस वीडियो में दिन के उजाले वाले दृश्य मौजूद हैं.

Courtesy: X/t_d_h_nair

इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाया तो हमें वायरल दावे वाले एक ट्वीट पर चंदौली जिले के डीएम के आधिकारिक X अकाउंट से 29 जनवरी 2024 को किया गया रिप्लाई मिला. जिसमें इस वीडियो को साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का बताया गया है.

डीएम चंदौली ने जवाब देते हुए लिखा, “यह वीडियो वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है. तत्समय VVPAT को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शिफ्ट किया गया था. किसी प्रकार से कोई अनियमित कार्य नहीं हुआ था.”

Courtesy: X/dmchandauli

ऊपर मिली जानकारी के आधार पर हमने फिर से कीवर्ड सर्च किया तो हमें इस मामले से जुड़ी एक रिपोर्ट लाइव हिंदुस्तान की वेबसाइट पर 20 मई 2019 को प्रकाशित मिली.

रिपोर्ट के अनुसार, 19 मई 2019 को चंदौली लोकसभा क्षेत्र में मतदान के एक दिन बाद 20 मई को नवीन कृषि मंडी में बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम (EVM) से लदा एक वाहन पहुंचा था. वाहन देखते ही वहां मौजूद तत्कालीन सपा-बसपा गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

हंगामे की सूचना मिलते ही तत्कालीन चंदौली जिले के डीएम व जिला निर्वाचन पदाधिकारी नवनीत सिंह चहल मौके पर पहुंच गए और हंगामा कर रहे नेताओं को समझाने की कोशिश की. जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस दौरान बताया कि मतदान के लिए सकलडीहा तहसील में रखे गए अतिरिक्त ईवीएम को यहां लाया गया है. हालांकि, गठबंधन के कार्यकर्ता यह मानने को तैयार नहीं थे और उनकी मांग थी की इन अतिरिक्त ईवीएम को मतगणना के दिन नहीं निकाला जाए. बाद में प्रशासन ने विपक्ष की मांग को देखते हुए उन सभी अतिरिक्त को ईवीएम को कलेक्ट्रेट भेज दिया.

पड़ताल के दौरान हमें चुनाव आयोग के प्रवक्ता के आधिकारिक X अकाउंट से 21 मई 2019 को इस संबंध में किया गया ट्वीट भी मिला. इस ट्वीट में जिला निर्वाचन अधिकारी चंदौली और समाजवादी पार्टी के लेटरहेड से दिया गया बयान भी मौजूद था. दोनों ही लेटरहेड में मौजूद बयान में किसी भी तरह की अनियमितता का ज़िक्र नहीं था.

Courtesy: X/SpokespersonECI

20 मई 2019 को जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से जारी किए गए लेटरहेड में लिखा था, “जनपद-चन्दौली में दिनांक 19 मई, 2019 को मतदान समाप्त हो जाने के पश्चात पोल्ड ई०वी०एम० एवं वी०वी०पैट को डबल लाक स्ट्रांग रूम में संरक्षित करने की कार्यवाही उपस्थित प्रत्याशी / उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति में पूर्ण की गयी. दिनांक 20-5-2019 को मतदान के पश्चात सकलडीहा तहसील मुख्यालय पर रिजर्व के रूप में रखी गई अतिरिक्त ई०वी०एम० एवं वी०वी०पैट को नवीन मण्डी समिति चन्दौली में अतिरिक्त बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखवाये जाने की कार्यवाही की जा रही थी. इसी दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा मशीनों को रखे जाने को लेकर संदेह व्यक्त किया गया. उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा इन मशीनों को वापस भेजे जाने की माँग की जाने लगी. जिसके बाद इन मशीनों को सुरक्षा की दृष्टि से कलेक्ट्रेट में रखवा दिया गया”.

वहीं समाजवादी पार्टी के लेटरहेड से जारी किए गए बयान में भी वही बातें कही गई थी, जो ऊपर मौजूद है.

हमारी जांच में अभी तक मिले साक्ष्यों से यह साफ़ हो गया कि वायरल विडियो साल 2019 का है.

पड़ताल के दौरान हमें चंदौली पुलिस की तरफ़ से किया गया एक ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस वीडियो को लेकर प्राथमिक पोस्ट करने वाले यूजर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

Courtesy: X/chandaulipolice

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि यह वीडियो करीब पांच साल पुराना है, तब चुनाव आयोग ने इस मामले में अपना स्पष्टीकरण भी दिया था.

Result: Missing Context

Our Sources
Tweet by a user Yasin Shaikh on 21st May 2019
Tweet by a user Ravi Nair on 20th May 2019
Tweet by ECI Spokesperson on 21st May 2019
Tweet by District Magistrate Chandauli on 29th Jan 2024
Article Published by Live Hindustan on 20th May 2019

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