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Fact Check: घरों में घुसकर फायरिंग करते इजराइली जवानों का वीडियो उत्तराखंड के हल्द्वानी से जोड़कर किया गया शेयर

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
उत्तराखंड के हल्द्वानी में पुलिस आम नागरिकों के घरों में घुसकर फायरिंग कर रही है.
Fact
यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल वीडियो इसराइली सेना के 202वीं बटालियन के जवानों का है जो सातवें ब्रिगेड के तहत खान यूनिस शहर में तैनात हैं.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि हल्द्वानी में पुलिस आम नागरिकों के घरों में घुसकर फायरिंग कर रही है.

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा में मदरसे को तोड़ने के दौरान पुलिस तथा स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प के बाद से ही क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है. झड़प के दौरान हुई आगजनी तथा पत्थरबाजी के सैकड़ों वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स एक वीडियो शेयर कर यह दावा कर रहे हैं कि हल्द्वानी में पुलिस आम नागरिकों के घरों में घुसकर फायरिंग कर रही है.

Fact Check/Verification

हल्द्वानी में पुलिस द्वारा आम नागरिकों के घरों में घुसकर फायरिंग करने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इसके एक की-फ्रेम को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारीं मिली कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि इसराइल का है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

Israel Hayom (ישראל היום) द्वारा 31 जनवरी 2024 को प्रकाशित लेख के अनुसार, यह वीडियो इसराइली सेना की सातवीं ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के जवानों द्वारा गाजा के खान यूनिस शहर में लड़ाई का है. संस्था ने लेख में IDF (Israel Defense Forces) को वीडियो का स्रोत बताया है.

Israel Hayom (ישראל היום) द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

उक्त जानकारी के आधार पर “Activity of the 202nd Battalion operating under the 7th Military Police in Khan Yunis” तथा “לוחמי צוות הקרב של חטיבה 7 נלחמים בחאן יונס // צילום: דובר צה”ל” कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर हमें इसराइल के रक्षा मंत्रालय द्वारा अंग्रेजी तथा हिब्रू भाषाओं में प्रकाशित लेख प्राप्त हुए, जिनमें वीडियो को इसराइली सेना 202वीं बटालियन के जवानों का बताया गया है जो सातवें ब्रिगेड के तहत खान यूनिस शहर में तैनात हैं.

इसराइल के रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

बता दें कि मंत्रालय द्वारा प्रकाशित लेखों में यूट्यूब वीडियो भी मौजूद हैं, जिनमें वायरल क्लिप को देखा जा सकता है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि हल्द्वानी में पुलिस द्वारा आम नागरिकों के घरों में घुसकर फायरिंग करने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल वीडियो इसराइली सेना 202वीं बटालियन के जवानों का है, जो सातवें ब्रिगेड के तहत खान यूनिस शहर में तैनात हैं.

Result: False

Our Sources
Articles and YouTube videos published by Ministry of Defense of Israel on 31 January 2024
Article published by Israel Hayom (ישראל היום) on 31 January 2024


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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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