Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check
Contact Us: checkthis@newschecker.in
Coronavirus
देश में इस समय कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का तीसरे चरण चल रहा है। इस चरण में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों का टीकाकारण किया जा रहा है। साथ ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को भी वैक्सीन लगाई जा रही है। देश के एक बड़े वर्ग को जहां वैक्सीन आने के बाद इस महामारी के खत्म होने की उम्मीद है। तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। कई देशों की तरह भारत के भी कई कोनों से खबरें आ रही हैं कि लोग वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लगवाने से डर रहे हैं।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पर्चा वायरल हो रहा है। जिस पर कोरोना वैक्सीन को लेकर कुछ एडवाइजरी जारी की गई हैं। इसमें बताया गया है कि किन-किन लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। क्योंकि उन पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। पर्चे पर लिखा है:
इस पर्चे पर नीचे की तरफ Biswaroop Chaudhary और Tarun Kothari जैसे कुछ डॉक्टरों के नाम भी लिखे गए हैं। जो कि वैक्सीन से दूर रहने की ये हिदायत दे रहे हैं। साथ ही पर्चे पर लिखा गया है कि वैक्सीन कंपनियां सरकार से मोटी रिश्वत लेती हैं। जिसकी वजह से वो वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) से होने वाले साइड इफेक्ट को छुपाती हैं। आगे ये भी लिखा है कि किसान आंदोलन और नेताओं की रैलियों से ये बात साबित होती है कि कोरोना महामारी जैसी कोई चीज नहीं है।


पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए जब हमने अपनी पड़ताल की तो पाया कि इस पर्चे पर लिखे गए दावे गलत हैं, इनमें कोई सच्चाई नहीं है। भारत सरकार और वैक्सीन कंपनियां इन दावों का खंडन कर चुकी है। साथ ही वैक्सीन को लेकर गाइडलाइन्स भी जारी कर चुकी है।
दावा 1 – अविवाहित और संतानहीन औरतों को वैक्सीन नहीं लगवानी है। क्योंकि उन्हें संतानहीनता की समस्या हो सकती है।
सच्चाई – स्वास्थ्य मंत्रालय, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने किसे वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) नहीं लगवानी है इसकी एक फैक्ट शीट जारी की है। इन तीनों ही फैक्ट शीट में कहीं भी ये नहीं लिखा है कि अविवाहित और संतानहीन औरतों को वैक्सीन से बचना चाहिए। क्योंकि उन्हें प्रजनन की समस्याएं हो सकती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निदेशक Dr. VG Somani ने इन सभी दावों का खंडन किया था। उन्होंने वैक्सीन को लेकर कहा था कि कोरोना वैक्सीन से हल्के बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे छोटे-मोटे साइड इफेक्ट हो सकते हैं। मगर इससे प्रजनन की क्षमता प्रभावित नहीं होती है, ये दावा पूरी तरीके से गलत है।
दावा 2 – बच्चों को वैक्सीन लगवाने से मना किया गया है। क्योंकि वैक्सीन लगवाने से बच्चों को भविष्य में बीमारियां हो सकती हैं।
सच्चाई – स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंन में ये साफ तौर से लिखा हुआ है कि 18 से अधिक उम्र वाले लोगों को ही वैक्सीन लगाई जायेगी। इससे कम उम्र वाले लोगों का टीकाकारण फिलहाल नहीं किया जायेगा। AIIMS के निदेशक Dr. Randeep Guleria ने हाल ही में बताया था कि भारत बायोटेक कंपनी सरकार से स्प्रे वैक्सीन की अनुमति लेने की कोशिश में लगी हुई है। अगर सरकार द्वारा ये अनुमति दी जाती है, तो बच्चों का टीकाकारण संभव हो पायेगा। India Today की एक रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन कंपनियां बच्चों के क्लीनिकल ट्रायल पर भी काम कर रही है। इस साल के अंत तक बच्चों के लिए वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) आने की संभावनाएं हैं।
दावा 3 – जिन लोगों को निमोनिया, अस्थमा और ब्रोंकाईटीज जैसी बिमारियां हुई हैं। उन्हें टीका लगवाने से मना किया गया है। क्योंकि इनकी साइड इफेक्ट से मौत हो सकती है।
सच्चाई – न ही स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई एडवाइजरी जारी की गई है और न ही ऐसा कोई शोध सामने आया है। न ही वैक्सीन कंपनियों द्वारा ऐसी कोई बात कही गई है। पड़ताल के दौरान हमें British Lung Foundation की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि श्वसन तंत्र संबंधी बीमारियों के लिए वैक्सीन सुरक्षित है।
दावा 4 – शराब, सिगरेट, तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों को वैक्सीन से दूर रहने के लिए कहा है। ऐसे लोगों को कैंसर हो सकता है।
सच्चाई – रूस और ब्रिटेन के कई एक्सपर्ट द्वारा ये बयान दिया गया है कि कोरोना वैक्सीन लेने से कुछ समय पहले और बाद में शराब नहीं पीनी चाहिए। लेकिन इन एक्सपर्ट ने ये कहीं नहीं कहा कि शराब का सेवन करने वालों को वैक्सीन नहीं लगवानी है। हालांकि अभी तक ये बात किसी भी शोध में साबित नहीं हुई है और न ही भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ही ऐसी कोई एडवाइजरी जारी की गई है और न ही किसी डॉक्टर ने ऐसा कहा है। जबकि अमेरिका में तो धूम्रपान करने वाले लोगों को ही पहले वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) लगाई जा रही है।
दावा 5 – मानसिक और न्यूरल परेशानियों से जूझ रहे लोग वैक्सीन न लगवाये। क्योंकि वैक्सीन लगवाने से बीमारी और ज्यादा बढ़ सकती है।
सच्चाई – भारत में अभी तक 2 करोड़ 43 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। वैक्सीन ट्रायल के दौरान भी भारत में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया था जिससे ये साबित होता हो कि मानसिक और न्यूरल परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) खतरा है। न ही स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में ऐसा कोई जिक्र है। छानबीन के दौरान हमें दावे से जुड़ी Patrika की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें मेरठ जिला अस्पताल के डॉ प्रवीण से मानसिक रोगियों के लिए वैक्सीन कितनी जरूरी है इस पर बात कर रहे हैं?
डॉ प्रवीण का कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से 20 से ज्यादा गंभीर बीमारियों के मरीजों का टीकाकरण किया जा चुका है। जो कि अभी तक काफी सुरक्षित था। मानसिक रोगियों के लिए भी वैक्सीन लगवाना जरूरी है। क्योंकि ये उन्हें कोरोना से लड़ने की क्षमता देगा। सर्च के दौरान हमें Indian Express की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक कर्नाटक के मेंटल हेल्थ अथॉरिटी के एडवाइजर Dr H Chandrashekar का कहना है कि ये मानसिक रोगियों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। अभी तक ऐसा कोई शोध सामने नहीं आया है जिसमें ये कहा गया हो कि वैक्सीन मानसिक रोगियों के लिए खतरा है।
दावा 6 – डायबिटीज के मरीज वैक्सीन न लगवाए। क्योंकि वैक्सीन लगवाने के बाद हल्के साइड इफेक्ट से भी मौत हो सकती है।
सच्चाई – पड़ताल के दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली कि कोरोना वैक्सीन डायबिटीज मरीजों के लिए खतरनाक है। बल्कि हमें पड़ताल के दौरान ऐसी रिपोर्ट्स मिली जिनके अनुसार डायबिटीज मरीजों को कोरोना वैक्सीन लेनी चाहिए। ऐसा करने से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। सर्च के दौरान हमें India Tv द्वारा प्राकशित एक रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ऐसे मरीज जिनकों इस तरह की बीमारियां हैं, उन्हें वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) पहले दी जायेगी। क्योंकि ऐसे मरीजों को कोरोनावायरस से ज्यादा खतरा होता है।
पर्चे पर लिखे सारे दावों को चेक करने के बाद हमने इस पर्चे की सच्चाई के बारे में पता करना शुरू किया। पर्चे को ठीक से देखने पर हमने पाया कि इस पर एक लोगो बना है। जिस पर https://biswaroop.com/ नाम की वेबसाइट का जिक्र किया गया है। Google की मदद से हमें पता चला कि इस वेबसाइट पर कई वीडियो पहले से मौजूद हैं जिनमें COVID-19 को एक षडयंत्र करार दिया गया है। साथ ही बताया गया है कि कोरोना जैसी कोई चीज नहीं है। जबकि WHO द्वारा इसे दुनिया में फैली एक महामारी बताया गया है। जिसके कारण करोड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

इस वेबसाइट के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें पता चला कि डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी इस वेबसाइट को चलाते हैं। जिनका नाम पर्चे पर भी लिखा हुआ है। जब हमने डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी के बारे में सर्च करना शुरू किया तो पाया कि ये कोरोना और कोरोना वैक्सीन के बारे में लगातार गलत और भ्रामक जानकारियां फैला रहे हैं।
हमने डॉ बिस्वरूप रॉय चौधरी के फेसबुक और ट्विटर हैंडल को चैक किया तो पाया कि उन्होंने पहले भी कोरोना वैक्सीन को लेकर कई गलत जानकारियां शेयर की हैं।
उन्होंने लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में भी कोरोना को लेकर कई गलत दावे किए थे। जिन्हें उसी इंटरव्यू में मौजूद दूसरे डॉक्टर्स ने गलत बताया था।
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक पर्चे पर कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को लेकर किए जा रहे सभी दावे गलत हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों द्वारा ऐसी कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है कि कुंवारी लड़कियों, डायबिटीज के मरीजों और शराब-सिगरेट पीने वाले लोगों के लिए वैक्सीन खतरनाक है।
India TV: https://www.indiatvnews.com/news/india/coronavirus-vaccines-faqs-cancer-diabetes-hypertension-patients-covid19-vaccine-approval-675875
Health Minsitry: https://www.mohfw.gov.in/pdf/LetterfromAddlSecyMoHFWregContraindicationsandFactsheetforCOVID19vaccines.PDF
किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in
JP Tripathi
November 29, 2025
Raushan Thakur
November 12, 2025
JP Tripathi
November 11, 2025