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Coronavirus
Claim:
चीन के विशेषज्ञों ने पाया कि मक्खी से कोरोना वायरस फैलता है।
जानिए क्या है वायरल दावा:
व्हाट्सएप एक यूज़र ने अभिनेता अमिताभ बच्चन द्वारा किए जा रहे दावे की सत्यता जानने की अपील की। दरअसल इस वीडियो में बिग बी दावा कर रहे हैं कि चीन के विशेषज्ञों ने पाया कि मक्खियों से कोरोना वायरस फैलता है। 2 मिनट 43 सेकंड की इस वीडियो में वो कह रहे है कि “हमारा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है और इस लड़ाई में सबको मिलकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। वीडियो में बिग-बी कह रहे हैं कि चीन के विशेषज्ञों ने पाया कि COVID-19 मानव मल में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। यदि किसी व्यक्ति के मल पर मक्खी बैठ जाए या किसी फल और सब्ज़ी पर तो बीमारी फैल सकती है। इससे लड़ने के लिए उसी तरह एक जन आंदोलन बनायें। जैसे पीएम के नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान से भारत को शौच मुक्त कराया था। दो बूंद जिंदगी अभियान से भारत को पोलियो मुक्त किया था।
Verification:
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले साल दिसंबर में चीन के वुहान से फैला यह वायरस थमने का नाम तक नहीं ले रहा है। 17 मई तक जारी तीसरे लॉकडाउन के बावजूद कोरोना से अभी तक 59 हजार लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, करीब 2000 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही वीडियो को हमने खंगालना शुरू किया।इस दौरान पता चला कि कई लोगों ने इस दावे को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है।
कुछ अन्य कीवर्ड्स के साथ की गई पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से संबंधित कई परिणाम मिले।
सबसे पहले अमिताभ बच्चन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उनके द्वारा किया गया ट्वीट खंगाला। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि 25 मार्च को अमिताभ बच्चन ने इस वीडियो को ट्वीट किया था। लेकिन अब उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया है। लेकिन आप ट्वीट के Archived Version को यहां देख सकते हैं।
इंस्टाग्राम पर भी अमिताभ बच्चन ने अपने अकाउंट पर इस वीडियो को शेयर किया था।
अमिताभ बच्चन ने अपने ट्वीट में The Lancet के अध्ययन का ज़िक्र किया है जिसका शीर्षक ‘Prolonged presence of SARS-CoV-2 viral RNA in Faecal samples है। चीनी वैज्ञानिकों ने The Lancet Journal में कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट छापी थी। इसमें दावा किया गया था कि कोरोना वायरस इंसानी मल में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है। संक्रमित व्यक्ति यदि ठीक भी हो जाए तो उसके मल में यह वायरस कई दिनों तक मौजूद रह सकता है। अगर कोई मक्खी इस पर बैठ जाए तो वो वाहक का काम कर सकती है।
दरअसल चीन में जो रिसर्च हुई थी वो कोरोना वायरस फैमिली के पुरानी व्यवहार के तौर पर हुई थी। चीनी वैज्ञानिकों ने कोरोना परिवार के SARS और MARS जैसे वायरस के संक्रमण के प्रभाव का आकलन किया था। रिपोर्ट के अनुसार, 2002 में जब SARS का संक्रमण हुआ तो मरीज़ों के मल में 5 दिन बाद भी यह वायरस पाया गया। बीजिंग के 2 अस्पतालों में सीवेज वॉटर की जांच में इसकी पुष्टि हुई। 2012 में MARS के संक्रमण के दौरान मरीज़ों के 14.6% सैंपल में यह वायरस मिला। यह वायरस भी कम तापमान और नमी में जिंदा रह सकता है और मल के ज़रिए फैल सकता है। रिसर्च के अनुसार MARS इंसान के शरीर में पहुंचकर अपनी संख्या भी बढ़ा सकता है। चीन में ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें मरीज़ की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन मल में यह वायरस पाया गया। अभी तक की रिसर्च में इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि मक्खियां कोरोना वायरस को फैलाने में वाहक का काम कर रही हैं। वायरस के व्यवहार और प्रसार के तरीकों में बहुत विभिन्नता होती है कुछ हवा से फैलते हैं, कुछ पानी से, कुछ छूने से और कुछ ठंडे मौसम में तेज़ी से फैलते हैं। लेकिन अभी तक की रिसर्च में यह साबित नहीं नहीं हुआ है कि मक्खियों से कोरोना संक्रमण फैल रहा है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने वायरल वीडियो में किए जा रहे दावे को खंगालना आरंभ किया। सबसे पहले हमने World Health Organization की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। यहां पढ़ा जा सकता है कि जांच से पता चलता है कि वायरस कुछ मामलों में मल पर मौजूद रह सकता है। लेकिन अभी तक COVID-19 के Faecal-Oral-Transmission (मल मौखिक संकरण) की कोई रिपोर्ट नहीं है।
हाउसफ्लाइज (मक्खियों) के बारे में, WHO ने पहले ही मिथक को Debunk किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अभी तक कोई सबूत या सूचना नहीं है कि COVID-19 वायरस मक्खियों के माध्यम से प्रसारित होता है। यह वायरस मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर उत्पन्न बूंदों से फैलता है।
ट्विटर खोजने पर हमें भारत सरकार द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। भारत सरकार ने वायरल दावे को फर्ज़ी बताया है।
YouTube खंगालने पर हमें ABP News के आधिकारिक चैनल पर 26 मार्च, 2020 को अपलोड की गई एक वीडियो मिली। इस वीडियो में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल द्वारा बताया गया है कि मक्खी से कोरोना वायरस संक्रमण नहीं फैलता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि मक्खियों से COVID-19 नहीं फैलता है। पड़ताल में हमने पाया कि बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन द्वारा किया गया दावा बिल्कुल फर्ज़ी है।
Tools Used:
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Result: False
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Neha Verma
April 18, 2020
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