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गरीबों से भी पैसे वसूलने में लगी है पुलिस। देखिये गुजरात पुलिस को यह प्रवासी मजदूरों से वसूली कर रही है। दावे का आर्काइव यहाँ
Gareebon. Majduron se bhi paisa usool rahi Hai Police
सी इन #Gujarat cops taking money from #MigrantWorkers women
5,27512:02 PM – May 12, 2020Twitter Ads info and privacy3,131 people are talking about this
कोरोना वायरस के खतरे की वजह से जहां पूरा देश लॉक डाउन के दौर से गुजर रहा है तो वहीं देश के कई हिस्सों में हजारों प्रवासी कामगार अपने गांव पहुँचने के लिए मीलों लंबा रास्ता नाप रहे हैं। कोई मुंबई से यूपी जाना चाहता है तो कोई गुजरात से बिहार। इनका हौसला ऐसा कि सड़कें छोटी पड़ चुकी हैं। ऐसा भी नहीं है कि सरकारों ने प्रवासी कामगारों को उनके गांव तक पहुंचाने के लिए मदद नहीं की है। लेकिन संख्या ज्यादा होने या फिर मूलभूत जरूरतों के अभाव की वजह से लोग जल्द ही अपने गृहनगर पहुंचना चाहते हैं। इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रही है। क्लिप में देखा जा सकता है कि पैदल सिर पर बोझ लिए रेलवे ट्रैक पर चलती कुछ महिलाओं से पुलिस पैसे ले रही है। कहा जा रहा है कि गुजरात से अपने घरों को पलायन करने वाले दिहाड़ी मजदूरों से भी पुलिस पैसे वसूल रही है। इस दावे को फेसबुक सहित कई सोशल मीडिया माध्यमों पर तेजी से शेयर किया जा रहा है।
Rahul Kanwal✔@rahulkanwal · May 13, 2020
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12:24 PM – May 13, 2020Twitter Ads info and privacySee DrKhur$hid’s other Tweetsabdulhameedfaizi@abdulhameedfa11
Gareebon. Majduron se bhi paisa usool rahi Hai Police
सी इन #Gujarat cops taking money from #MigrantWorkers women
7:28 AM – May 13, 2020Twitter Ads info and privacySee abdulhameedfaizi’s other Tweets
फैक्ट चेक:
लॉकडाउन के चलते जल्दी से शहर छोड़ अपने गांव पहुँचने की चाहत में लोग हजारों मील लम्बी सड़कों को भी पैदल नापने में जुट गए हैं। कामगार वर्ग का एक बड़ा तबका बंद पड़े कल कारखानों की वजह से जरूरी सुविधाओं, मसलन रहने और भोजन की कमी के चलते शहर से लगातार पलायन कर रहा है। सरकार ने मजदूरों के लिए कई ट्रेनों की भी व्यवस्था की है। लेकिन जरूरी चीजों के अभाव की वजह से लोग पैदल ही चलने को मजबूर हो रहे हैं। आये दिन देश के कई कोनों से दिल दहला देने वाली ख़बरें आती हैं। कई जगहों पर कई लोग रेल और सड़क हादसों का शिकार भी हो चुके हैं। लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं। वायरल वीडियो में महिलाओं से रेलवे ट्रैक पर पैसे वसूलने वाले पुलिसकर्मी को देखकर एक बार तो ऐसा लगा कि यह खबर बिल्कुल पक्की है। लेकिन इसकी सत्यता प्रमाणित करने के लिए invid टूल की मदद से कई कीफ्रेम बनाते हुए गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से खोजना शुरू किया। इस दौरान कई ख़बरों के लिंक खुलकर सामने आये।

खोज के दौरान मिले परिणामों में कहीं भी वायरल दावे से सम्बंधित खबर नहीं मिली जिससे यह साबित हो पाता कि गुजरात पुलिस रेलवे ट्रैक पर मजदूर महिलाओं से पैसे वसूल रही है। हालाँकि इस दौरान सूरत में मजदूरों द्वारा किये गए उग्र प्रदर्शन की खबरें जरूर प्राप्त हुईं। कुछ कीवर्ड की मदद से की गई खोज के दौरान देश गुजरात नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर मिली। खबर में साफ़ किया गया है कि घूस लेते पकड़े जाने पर RPF के एक जवान को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि यह वीडियो सूरत की है। हालांकि यह खबर आज से करीब एक साल पहले प्रकाशित हुई है उस समय कोरोना जैसा कोई भी संकट दूर-दूर तक नहीं था। खबर में कहा गया है कि रेलवे सुरक्षा बल के जवान ने शराब तस्करी करने वाली कुछ महिलाओं से वसूली की थी। मामला संज्ञान में आने के बाद जवान को निलंबित कर दिया गया था।

खबर के साथ देश गुजरात का ट्विटर हैंडल भी अटैच है जिसमें वायरल वीडियो को अटैच किया गया है।

RPF jawans in Surat dismissed from service after his video taking bribe from bootlegger women goes viral https://www.deshgujarat.com/2019/07/13/rpf-jawans-in-surat-dismissed-from-service-after-his-video-taking-bribe-goes-viral/ …
416:03 PM – Jul 13, 2019Twitter Ads info and privacy32 people are talking about this
खोज के दौरान पता लगाने की कोशिश किया कि क्या किसी समाचार चैनल पर खबर प्रसारित हुई है या नहीं। इसके लिए यूट्यूब में कुछ कीवर्ड्स के साथ खोज शुरू की। इस दौरान टीवी 9 गुजराती के यूट्यूब अकाउंट पर 10 महीने पहले अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो में कहा गया है कि शराब की अवैध तस्करी करने वाली महिलाओं से पुलिस के जवान ने पैसे वसूले थे।

खोज के दौरान ABP अस्मिता का भी एक वीडियो प्राप्त हुआ जिसमें बताया गया है कि शराब का अवैध कारोबार करने वाली महिलाओं से सूरत स्टेशन पर RPF के एक जवान ने पैसे वसूले थे। बाद में वीडियो वायरल होने के बाद उस पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया था।
दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला कि वायरल क्लिप का हालिया कोरोना संक्रमण काल से कोई लेना देना नहीं है। यह वीडियो उस समय की है जब दुनिया में कोरोना का नाम भी सामने नहीं आया था। सूरत रेलवे स्टेशन की करीब एक साल पुरानी वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया गया है।
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Snipping inVID
Result- Misleading
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