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Claim:
यूनाइटेड किंगडम में जिस महिला पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया गया उसकी मौत हो गई।
जानिए क्या है वायरल दावा:
पिछले साल चीन से शुरू हुई वैश्विक महामारी (COVID-19) आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में ट्विटर पर News NT नामक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट वायरल हो रही है। इस लेख में Elisa Granato नामक वैज्ञानिक द्वारा दावा किया गया है कि यूनाइटेड किंगडम में जिस इंसान पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल किया गया था उसकी मौत हो गई है।
Verification:
कथित रूप से चीन के वुहान स्थित जानवरों के मार्केट से फैला कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है। इस दौरान अमेरिका, चीन और भारत जैसे कई देश कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन विकसित कर रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन में सीधे इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। चीनी वैज्ञानिक पहले से ही जानवरों, चूहों और बंदरों पर ट्रायल कर रहे हैं। उसके बाद इंसानों पर ट्रायल कर रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे को हमने खोजना शुरू किया।
नीचे देखा जा सकता है कि वायरल हो रहा दावा फेसबुक और ट्विटर पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
देखा जा सकता है कि हमारे आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर भी एक यूज़र द्वारा वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
कुछ टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से हमने वायरल हो रहे दावे को खंगाला। इस दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स खुलकर सामने आई।
पड़ताल के दौरान मिले परिणाम में हमें Daily Mirror का एक लेख मिला। लेख को पढ़ने के बाद हमने जाना कि यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफ़ोर्ड स्थित जूलॉजी के एक विशेषज्ञ ने (COVID-19) वैक्सीन की एक डोज़ बनाई है। यह यूरोप के पहले ऐसे मनुष्यों में से एक हैं जिन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीन की डोज़ बनाकर एक महिला पर इसका ट्रायल किया। प्रकाशित लेख में बताया गया है कि इस ट्रायल को लेकर फर्ज़ी खबर वायरल हो रही है कि जिस महिला पर कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल किया गया है उसकी मृत्यु हो गई है, जबकि वह महिला बिल्कुल सुरक्षित है।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि यूके में एक मरीज़ को कोरोना वायरस वैक्सीन दी गई है। 80 प्रतिशत विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैक्सीन मरीज़ों पर सही से काम करेगी। इस वैक्सीन को ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की एक टीम ने तीन महीने में विकसित किया है।
अधिक जानकारी के लिए हमने ट्विटर को खंगालना शुरू किया। पड़ताल के दौरान हमें Department of Health and Social Care द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। यह ट्वीट 26 अप्रैल, 2020 को किया गया था। ट्वीट में दावा किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही खबर फर्ज़ी है।
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने कोरोना वायरस की वैक्सीन से संबंधित जानकारी को खोजा। पड़ताल के दौरान हमें आज तक द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली। लेख पढ़ने के बाद हमने जाना कि ब्रिटेन की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पांच हज़ार से ज़्यादा लोगों पर वैक्सीन टेस्टिंग शुरू कर दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि यूनाइटेड किंगडम में वैक्सीन का ट्रायल तो हुआ है लेकिन जिस महिला पर इसका ट्रायल हुआ है वह मरी नहीं बल्कि जीवित है।
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