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Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.
महाराष्ट्र में इन दिनों जो हुआ वो किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। अख़बारों में शिवसेना के उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे। टीवी से मालूम चला कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन चुके हैं और शिवसेना के हाथ कुछ भी नहीं आया। रातों–रात ऐसा क्या हो गया कि कल तक जो डील पक्की हो चुकी थी, सुबह होते–होते वो सील नहीं हो पाई।
पिछले एक महीने में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर कई समीकरण बनें और बिगड़े, क्या था पूरा घटनाक्रम?
24 अक्टूबर
चुनाव के नतीजे भाजपा–शिवसेना के हक़ में थे। गठबंधन को बहुमत मिल गया था। भाजपा को कुल 105 सीटें मिली थीं और शिवसेना को 56। कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं तो NCP के पास 54 सीटें आई थीं। नतीजे साफ थे और माना जा रहा था कि इस बार भी राज्य में गठबंधन की सरकार ही बनेगी।
29 अक्टूबर
भाजपा–शिवसेना मिलकर तय करेंगे कि सत्ता में किसकी कितनी भागीदारी होगी। शिवसेना जहां 50-50 फॉर्मुला और 2.6 साल के CM पद की बाद कर रही है वहीं भाजपा ने साफ किया कि CM पद को लेकर किसी भी तरह की कोई बात नहीं हुई है।
8 नवंबर
शिवसेना ने भाजपा पर धोखा देने का आरोप लगाया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा अपने वादे से मुकर रही है, दोनों पार्टियों के बीच ये तय हुआ था कि सरकार 50-50 फॉर्मुला पर चलेगी और सीएम पद भी शिवसेना को मिलेगा लेकिन नतीजे आने के बाद भाजपा ने ऐसे किसी भी दावे से इनकार कर दिया है।
10 नवंबर
भाजपा ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने से ये कहकर इनकार कर दिया कि शिवसेना उनके साथ नहीं आना चाहती और उनके पास अकेले सरकार बनाने का बहुमत नहीं है।
11 नवंबर
सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और NCP से बात की।
12 नवंबर
किसी भी पार्टी के सरकार बनाने का दावा न पेश करने के बाद गवर्नर भगत सिंह कोशियारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया।
18 नवंबर
NCP नेता शरद पवार ने ऐलान किया कि वैचारिक मतभेद के बावजूद शिवसेना, कांग्रेस और NCP साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे।
22 नवंबर
6 PM– शिवसेना-NCP-कांग्रेस ने सरकार बनाने का फॉर्मुला तय करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद दिए जाने पर सहमति जताई।
11:45 PM– अजित पवार और बीजेपी के बीच डील फाइनल हुई।
11:55 PM– देवेंद्र फडणवीस ने पार्टी से बात कर अजित–बीजेपी की डील का खुलासा होने से पहले शपथग्रहण कराने का आग्रह किया।
23 नवंबर
12:30 AM– गवर्नर भगत सिंह कोशियारी ने अपनी दिल्ली यात्रा स्थगित की।
5:30 AM– देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार राज भवन पहुंचे।
5:47 AM– महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाया गया। जिसकी घोषणा सुबह 9 बजे की गई।
8 AM– देवेंद्र फडणवीस ने बतौर मुख्यमंत्री और अजित पवार ने बतौर उप मुख्यमंत्री शपथ ली।
टेलिविजन पर यह ख़बर आते ही हंगामा हो गया। जिसके बाद NCP में दरार आ गई है। शिवसेना-NCP ने इसे विश्वासघात बताया है। साथ शरद पवार ने ये कहा कि अजित पवार को इसकी सज़ा जरूर दी जाएगी।
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Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.