Authors
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim
सचिन पायलट जो अपनी धर्म पत्नी का नाम सारा खान से सारा पायलट नही करवा सके, क्या वो राजस्थान का विकास करवा सकते है।
Verification
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की पत्नी को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि सचिन पायलट की पत्नी का नाम सारा खान है।
इस बारे में पड़ताल शुरु की तो फेसबुक पर संदीप कुमार पांडेय नामक अकाउंट से राजस्थान कांग्रेस पार्टी के पेज पर यह पोस्ट पिछले साल 18 दिसंबर को अपलोड किए जाने की बात सामने आई। पोस्ट में कहा गया है कि सचिन पायलट अपनी धर्म पत्नी का नाम सारा खान से सारा पायलट नहीं करवा सके, फिर वे राजस्थान का विकास कैसे कर सकते हैं।
ट्विटर पर सचिन पायलट और सारा खान की वर्ड्स को सर्च किया तो संजीव शेरावत नामक अकाउंट पर वायरल पोस्ट दिखा।
जो #सचिन_पायलट अपनी #पत्नी का नाम #सारा_खान से #सारा_पायलट नही पलट सका, वो #राजस्थान का #घण्टा पल्टेगा?
— Sanjeev Sehrawat (@doneidea) December 13, 2018
गूगल पर सचिन पायलट की पत्नी को लेकर सर्च करने पर हमें जनसत्ता की वेबसाइट पर 14 दिसंबर 2018 की खबर दिखी। खबर में अशोक गहलोत को तीसरी बार मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को पहली बार उप मुख्यमंत्री बनने की जानकारी दी गई है। इस खबर में सचिन पायलट की लाइफ को लेकर फोकस किया है। लेख में बताया गया है कि सचिन पायलट की शादी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला की बेटी सारा अब्दुल्ला से हुई है।
इससे साफ हो गया कि पायलट की पत्नी का नाम सारा खान नहीं बल्कि सारा अब्दुल्ला है। लेकिन शादी के बाद उन्होंने अपना नाम चेंज किया था या नहीं इसकी पड़ताल अभी बाकी थी।
सचिन पायलट द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन के वक्त जो एफिडेविट दिया गया था उसे बारीकी से पढ़ा। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी का नाम सारा पायलट बताया है।
इससे स्पष्ट होता है कि सारा अब्दुल्ला ने शादी के बाद अपना सरनेम अब्दुल्ला से बदलकर पायलट किया है। फेसबुक और ट्विटर पर सचिन पायलट और उनकी पत्नी को लेकर किए जा रहे दावे पूरी तरह से गलत हैं।
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- Google Search
Result- False
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.