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प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं किया इस पुल का उद्घाटन, सोशल मीडिया में फैलाई जा रही झूठी अफवाह

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim
गुजरात के जामनगर-जुनागढ़ हाईवे पर बना यह पुल अचानक ढहा जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन महीने पहले उद्घाटन किया था। 
Verification
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दावा किया जा रहा है कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्मंत्री थे तब इस पुल का निर्माण कार्य शुरु हुआ था। पीएम बनने के बाद उन्होंने इस पुल का उद्घाटन किया और तीन महीने के भीतर ही यह पुल ढह गया। बारीकी से ढूंढने पर हमें एक और ट्वीट मिला।
इस ट्वीट में सवाल किया गया था कि अब इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ट्विटर पर अपलोड की गई तस्वीरों को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया तो हमें देश गुजरात वेबसाइट पर यह खबर मिली। खबर के मुताबिक यह पुल राजकोट जिले के जाम कंडोराना में बना है। और यह अचानक ढह गया। लेकिन इस खबर में पूरी जानकारी नहीं थी।
हमें संदेश नामक वेबसाइट पर एक और खबर मिली जिसमें बताया गया कि यह पुराना पुल दोपहर के वक्त ढहा। इस दुर्घटना में किसी की मौत नही हुई। दोपहर के वक्त यातायात नही था इसलिए बड़ी हानि टल गई। पुल के ढहने के बाद मीडिया ने राजकोट के कलेक्टर राहुल गुप्ता से संपर्क किया था और इस दुर्घटना के बारे में जानकारी ली थी।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह पुल 45 साल पुराना है। इसका निर्माण स्टेट रोड एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने किया था। कुछ सालों बाद पुल की देखभाल और मरम्मत की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी को सौंपी गई। राहुल गुप्ता ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन नही किया था। पुल काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो चुका था इसलिए अचानक ढह गया।
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Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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