Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Claim
क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के झंडे का डिजाइन किसने तैयार किया? जी हाँ, ये वही मुस्लिम महिला हैं जिनका नाम सुरैय्या तैय्यब जी है और इन्होने तिरंगे झंडे का डिजाइन तैयार किया था।
कुछ इस तरह के कई मैसेज काफी दिनों से सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में हैं।
Verification
सुरैया तैयबजी ने भारतीय तिरंगे का आकार डिजाइन किया था यह बात इस समय सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। वायरल हो रही एक खबर को जब हमने इमेज रिवर्स सर्च किया तो हमारे सामने कुछ ऐसे वेबसाइट लिंक खुलकर आये जिन्होंने लगभग इसकी प्रमाणिकता साबित ही कर दी है। ‘हिंदी द बेटर इण्डिया’ नाम की एक वेबसाइट ने एक लेख लिखा है जिसमें उसने एक इतिहासकार के हवाले से यह बात कही है कि, एक अंग्रेज़ इतिहासकार ट्रेवर रोयेल ने अपनी किताब ‘द लास्ट डेज़ ऑफ़ राज’ में लिखा है कि भारत का अंतिम राष्ट्रीय ध्वज सुरैया तैयबजी ने बनाया था। ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक को क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अगले पड़ाव पर बारीकी से रिसर्च के बाद हमें संविधान सभा द्वारा तिरंगे पर बनाई गई उस कमेटी का प्रस्ताव भी प्राप्त हो गया जिसकी महिला समिति में इंदिरा गाँधी के नीचे सुरैया तैयबजी का भी नाम 69वें नंबर पर अंकित है लेकिन इस प्रस्ताव में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि झंडे के डिजाइन का कार्य सुरैया ने ही किया था। ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक किया जा सकता है।
अब हमने गूगल में ‘who is the designer of india flag’ डालकर सर्च किया तो हमें सुरैय्या की जगह ‘पिंगली वेंकैय्या’ का नाम दिखाई दिया जिन्हें तिरंगे के डिजाइन का श्रेय दिया गया है। स्क्रीनशॉट नीचे लिंक कर देख सकते हैं।
हमने इस बाबत कई इतिहासकारों से भी बात की लेकिन अलग अलग मतों के कारण मामला विवादास्पद ही रहा। कुछ इतिहासकार पिंगली को इसका श्रेय देते हैं तो कुछ का साफ़ मानना है कि सुरैया ने ही तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था। काफी अरसे से इस तरह के विवाद सामने आते रहे हैं लेकिन आधिकारिक रूप से यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई।
Result: Misleading
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.