सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि 1917 में 1 रुपये की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी.

वर्तमान में 1 डॉलर की कीमत 74-75 रुपये के बीच है. डॉलर का भाव चढ़ने-उतरने की खबरों को लेकर भारत में सोशल मीडिया पर चलने वाली चर्चाएं आम बात हैं. भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स का एक धड़ा जहां डॉलर की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार की आलोचना करता है, तो वहीं दूसरा धड़ा इसे लेकर सरकार का बचाव करते नजर आता है.
प्राचीन भारत जहाँ धन-सम्पदा से परिपूर्ण सोने की चिड़ियां कहलाता था तो वहीं तमाम आक्रमणों के बाद पिछले कई दशकों से देश एक उभरती हुई विकासशील अर्थव्यवस्था के तौर पर वैश्विक मंच पर अपनी उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराने के लिए संघर्षरत रहा है. भारतीय जनमानस के अंदर अपने प्राचीन वैभव को लेकर एक श्रेष्ठता का भाव भी देखने को मिलता है.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि 1917 में 1 रुपये की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर के बराबर थी.

Fact Check/Verification
1917 में 1 रुपये की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर के बराबर होने के नाम पर शेयर किये जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने ‘value of Indian currency in 1917’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें Indian Express द्वारा 3 जनवरी, 2018 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ. लेख में यह जानकारी दी गई है कि 1917-1918 में 2.5 रुपये के नोट जारी किये गए थे, जिनकी कीमत तत्कालीन 1 डॉलर के बराबर थी. इसके साथ ही Indian Express में यह भी जानकारी दी गई है कि 1914 में शुरू होकर 1918 में ख़त्म हुए प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान धातुओं की कमी के कारण चांदी की कीमतों में अचानक उछाल आ गई थी. यह उछाल इतनी ज्यादा थी कि चांदी से बने 1 रुपये के सिक्के में प्रयुक्त चांदी की कीमत रुपये की कीमत के बराबर हो गई थी.

1917 में भारतीय रुपये की कीमत का पता लगाने के लिए हमने कुछ अन्य कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें RBI (Reserve Bank of India) द्वारा ‘Currency, Exchange and Banking Prior to 1935’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें 1935 में RBI की स्थापना के पूर्व भारत में मुद्रा, मुद्रा की छपाई, बैंकिंग और विनिमय व्यवस्था को लेकर विस्तार से बात की गई है.
RBI द्वारा प्रकाशित उक्त लेख के अनुसार, प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान 1915 में सिक्कों के धातु की कीमत 27 ¼ d थी जो कि 1917 के अगस्त महीने में बढ़कर 43d हो गई. 1917 में धातुओं, विशेषकर चांदी की इतनी किल्लत हो गई थी कि 1Sd (S=शिलिंग d=पैसे) भारतीय रुपये की कीमत उसे बनाने में प्रयुक्त धातु की कीमत के बराबर हो गई थी. इसके बाद 1917 के सितंबर महीने में चांदी की कीमत 55d हो गई तथा 1919 के दिसंबर माह में चांदी की कीमत 79d हो चुकी थी.
चांदी की कीमतों में 2015 से 2017 के बीच हुई बेतहाशा वृद्धि के बाद 1917 के अगस्त माह में तत्कालीन ब्रिटिश इंडियन सरकार ने पुरानी कीमतों को छोड़कर नई नीति बनाई, जिसके अंतर्गत यह निर्णय लिया गया कि Council Draft के बेचे जाने की कीमत चांदी के भाव के हिसाब से निर्धारित होगी.

1 पाउंड में 20 शिलिंग होते हैं और 1 शिलिंग में 12 Pennies, इस प्रकार 1 पाउंड में 240 पैसे (Pennies) होते हैं. जबकि 1917 में भारतीय रूपया 1s 4d यानि 16 Pennies था. इस प्रकार 1917 में भारतीय रूपया 0.066 पाउंड के बराबर था. आसान भाषा में कहें तो 1917 में 1 पाउंड की कीमत 15 रुपये के बराबर थी.
Measuring Worth नामक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, 1917 में 1 पाउंड की कीमत 4.76 डॉलर थी. इस प्रकार तत्कालीन भारतीय रुपये की कीमत 0.314 डॉलर थी. आसान भाषा में कहें तो 1917 में 1 डॉलर की कीमत लगभग 3.2 रुपये थी.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि 1917 में 1 रुपये की कीमत 13 अमेरिकी डॉलर के बराबर होने के नाम पर शेयर किये जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में 1917 में 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 3.2 रुपये थी.
Result: Misleading
Our Sources
RBI
Measuring Worth
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