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उत्तराखंड की मौजूदा आपदा में लोगों की मदद के लिए नहीं पहुंचे RSS के ये कार्यकर्ता, साल 2013 की तस्वीर गलत दावे के साथ हुई वायरल

उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी की सुबह नंदादेवी के ग्लेशियर का हिस्सा टूट गया। जिसके बाद हिमस्खलन शुरू हो गया और तबाही मच गई। इस तबाही में हाइड्रोइलेक्ट्रिक स्टेशन समेत कई घर बह गए। ग्लेशियर टूटने की इस घटना में कम से कम 35 लोग मारे गए हैं और 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। इस घटना के राहत बचाव कार्य में सरकार अभी तक जुटी हुई है। 

इसी बीच सोशल मीडिया पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में आरएसएस के कार्यकर्ता भारी-भरकम बोरियों को कंधे पर उठाकर पहाड़ों से नीचे जाते हुए नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि आरएसएस के कार्यकर्ता उत्तराखंड में आई आपदा में लोगों की मदद के लिए पहुंचे हैं।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह और अभिनेता परेश रावल ने भी इस तस्वीर को ट्वीट करते को शेयर किया है। परेश रावल न सिर्फ अभिनेता हैं, बल्कि वो बीजेपी के नेता भी हैं।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पोस्ट से जुड़ा आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस प्रक्रिया के दौरान हमें वायरल तस्वीर Samvada organisation द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। जिसे करीब 8 साल पहले यानि साल 2013 में प्रकाशित किया गया था।

इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में साल 2013 में आई आपदा के दौरान इस फोटो को शूट किया गया था। जब आरएसएस के 5000 स्वयं सेवक लोगों की मदद के लिए वहां पहुंचे थे। उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों को भोजन और चिकित्सा जैसी सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए कुल 15 केंद्र बनाये थे। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें बताया गया था कि 2013 की उत्तराखंड आपदा के समय आरएसएस के स्वयंसेवक मदद के लिए आगे आए थे। हमें आरएसएस के स्वयं सेवकों की कई तस्वीरें भी मिली। जिसमें वो लोगों की मदद करते हुए नजर आ रहे हैं। आरएसएस की वेबसाइट पर भी लोगों की मदद करते हुए स्वयं सेवकों की कई तस्वीरें मौजूद हैं।

छानबीन के समय हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट भी मिला। जिसमें स्वयं सेवकों की वायरल तस्वीरें मौजूद हैं। डाक्यूमेंट के मुताबिक भारतीय सेना के बाद यदि उत्तराखंड आपदा में किसी ने सबसे ज्यादा मदद की थी, तो वो RSS का ग्रुप था। लेकिन सर्च के दौरान हमें ऐसी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई जिसमें ये बताया गया हो कि हालिया घटना में आरएसएस के स्वयंसेवक उत्तराखंड में लोगों की मदद कर रहे हैं।

Conclusion

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक उत्तराखंड में लोगों की मदद करते हुए आरएसएस के स्वयं सेवकों की तस्वीर साल 2013 की है। जिसे हालिया घटना से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। फिलहाल उत्तराखंड में सिर्फ सरकार ही राहत बचाव के काम में लगी हुई है।

Result: False

Our Sources

Samvada organisation – https://samvada.org/2013/news/day-12-rss-relief-works-at-uttarankhand-a-brief-report/

RSS – https://www.rss.org/UttarakhandFloodRelief2013.html


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