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Fact Check
Claim
गर्भवती हथिनी की अंतिम विदाई की तस्वीर.. श्रद्धांजलि।
पोस्ट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
केरल में गर्भवती हथिनी की मौत के बाद कई पोस्ट सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में रहे। इस बार दावा किया गया है कि यह तस्वीर उसी हथिनी की है जिसे कथित रूप से विस्फोटक खिलाकर मार दिया गया था। तस्वीर में साफ़ देखा जा सकता है कि वैदिक पद्धति से हथिनी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
यह दावा सोशल मीडिया में तेजी से शेयर किया गया है।
ट्वीट का आर्काइव यहाँ देख सकते हैं।
तस्वीर का सच जानने के लिए हमें व्हाट्सएप पर भी निवेदन किया गया था।
फैक्ट चेक:
केरल में गर्भवती हथिनी की हत्या के बाद सोशल मीडिया में कई सन्देश वायरल होते देखे गए। सोशल मीडिया में कथित रूप से, हथिनी के अंतिम संस्कार की तस्वीर वायरल हो गई। यह तस्वीर लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनी हुई है। लोग सोशल मीडिया के तमाम माध्यमों पर हथिनी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इस बहुचर्चित तस्वीर का सच जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स की मदद ली। इस दौरान कुछ ऐसा हाथ नहीं लगा जिससे पता चलता कि वायरल तस्वीर केरल की मृत हथिनी की ही है।
जब हमने हाथी की तस्वीर को ज़ूम करके देखा तब पता चला कि उसके बाएं पैर में कुछ लिखा हुआ हुआ है। भाषा के एक जानकार से संपर्क करने पर पता चला कि यह कन्नड़ में है और यह Taralabalu लिखा है।
Taralabalu से सम्बंधित कुछ कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें एक फेसबुक पोस्ट प्राप्त हुआ जिसमें वायरल तस्वीर को देखा जा सकता है। इस तस्वीर को साल 2015 में अपलोड किया गया था। तस्वीर के सालों पहले सोशल मीडिया पर देखे जाने पर इतना तो तय हो गया कि वायरल तस्वीर का केरल की मृत हथिनी से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन फिर भी इस तस्वीर का सच जानना आवश्यक था लिहाजा अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया।
कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से खोजने पर पता चला कि Taralabalu कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले में स्थित एक मठ है।
तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए कुछ अन्य कीवर्ड्स के माध्यम से की गई खोज से पता चला कि साल 2015 में Oneindia ने एक लेख प्रकाशित किया था। यह लेख कन्नड़ भाषा में प्रकाशित हुआ था। लेख का ट्रांसलेशन करने पर पता चला कि मृतक हाथी का नाम गौरी था। उसने एक फिल्म ‘कल्लारी फूल’ में भी भूमिका निभाई थी।
हमारी पड़ताल से यह साफ़ हो गया कि जिस हथिनी के अंतिम संस्कार को केरल का बताया जा रहा है असल में वह सच नहीं है। वायरल तस्वीर कर्नाटक की है और करीब 5 साल पुरानी है।
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