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केरल में हुई हथिनी की हत्या में नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल, वायरल हुआ फेक दावा

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim-

मोहम्मद अमजद अली और थामीम शेख को केरल में हाथी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वे मदरसा से पढ़े-लिखे हैं। केरल को साक्षर राज्य कहा जाता है। आईएसआईएस के ज्यादातर आतंकी केरल से शामिल हुए थे। अगर आप सच बोलते हैं, तो आप सांप्रदायिक कहलाएंगे।

जानिए वायरल दावा-

ट्वीटर के एक वेरिफाइड यूज़र प्रशांत पटेल उमराव ने एक पोस्ट शेयर किया है जहां उन्होंने केरल में एक हथिनी की हुई हत्या के आरोपियों के गिरफ्तार होने की बात कही है। उन्होंने गिरफ़्तार हुए लोगों का मुस्लिम समुदाय के होने का दावा कर उनके नाम मोहम्मद अमजद अली और थामीम शेख बताया है।

ट्वीट का आर्काइव लिंक यहाँ देखा जा सकता है।     

Verification-

कुछ दिन पहले केरल में एक गर्भवती हथिनी की बर्बरता पूर्वक हुई हत्या के बाद से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी। फ़िल्मी दुनिया के सितारों से लेकर राजनीति के कई बड़े दिग्गजों सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी मामले पर गंभीर रोष जताया। सोशल मीडिया में सभी केरल की घटना पर गुस्सा जताकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच ट्विटर के एक वैरिफाइएड यूज़र ‘प्रशांत पटेल उमराव’ ने दावा किया गया है कि हथिनी की हत्या के आरोप में दो दोषियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। प्रशांत के इस दावे को ट्विटर के कई अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है।

वायरल दावे की जानकारी के लिए हमने गूगल पर मामले से जुड़ी ख़बरों को खंगालना शुरू किया।इस दौरान Hindustan times द्वारा 5 जून 2020 को प्रकाशित किये गए एक लेख से इस बात की जानकारी दी गयी है कि हथिनी की हत्या के आरोप में एक दोषी को गिरफ्तार किया गया है। लेख में दोषी का नाम ‘पी.विल्सन’ बताया गया है। 

लेख में आगे बताया गया है कि दो लोगों ने पूछताछ में यह जानकारी दी कि अक्सर उनके खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ जंगली सूअरों को डराने के लिए उन्होंने एक फल में पटाखों को भर कर रखा था।  

साथ ही केरल की घटना पर व्यक्ति की गिरफ्तारी वाले तथ्य के लिए हमें Republic bharat के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड प्राप्त हुआ। जहां गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की जानकारी दी जा रही है।  

इसके अलावा हमें ट्विटर पर ‘मलयालम दूर्दशन न्यूज़’ द्वारा किया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जहां दोषी का नाम ‘विल्सन’ बताया गया है।

इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित लेख में जानकारी दी गयी है कि केरल के आईएफएस ‘सुरेंद्र कुमार’ ने बताया है कि हथिनी को जान-बूझकर पटाखों से भरा फल नहीं खिलाया गया था। उन्होंने कहा कि हाथी एक बड़ा जंगली जानवर है, जिसे कोई भी उसके पास जाकर कुछ खिलाने का साहस नहीं करेगा।

प्राप्त जानकारियों की पुष्टि के लिए हमने ट्विटर पर केरल वन विभाग के अधिकारियों के हैंडल्स को खंगाला।  जहां हमें Kerala forest department के ट्विटर हैंडल द्वारा किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट के मुताबिक उक्त घटना में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।

उपरोक्त ट्वीट के साथ ही हमें CNN18 न्यूज़ का एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां केरल जंगलों के आईएफएस सुरेंद्र कुमार से सीधी बात की जा रही है। सुरेंद्र कुमार ने बताया कि हथिनी के मुँह के अंदर कुछ गहरे घाव थे। लेकिन यह कह पाना अभी मुश्किल है कि उन घावों का कारण क्या है। 

इसके साथ ही हमें KFD का एक और ट्वीट प्राप्त हुआ। जहां बताया जा रहा है कि अभी तक कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो पाए कि हथिनी के मुँह के घाव किसी फल के अंदर रखे पटाखों के विस्फोट से हुआ है। हालाँकि यह एक संभावना हो सकती है लेकिन अभी इसकी कोई प्रमाणिकता साबित नही हुई है।

इसके बाद मामले की पुष्टि के लिए हमने Kerala forest department के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से इस नंबर पर 9447979009 सीधा संपर्क किया। जहां उन्होंने बताया कि घटना में कोई भी कम्युनल एंगल नहीं है साथ ही उक्त घटना पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसका नाम ‘पी.विल्सन’ है। उन्होंने हथिनी को जान-बूझकर अनानास में पटाख़े भरकर खिलाने वाली बात को भी सिरे से नकार दिया।

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए हमने वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन किया इस दौरान हमने पाया कि केरल में हुई हथिनी की निर्मम हत्या के आरोपियों के मुस्लिम होने का दावा गलत है।

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Result: False

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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