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Fact Check
आज भारतीय मीडिया संस्थानों में TRP की होड़ इतनी बढ़ चुकी है कि कई बार इनके द्वारा गलत या फिर भ्रामक जानकारियां ब्रेक कर दी जाती हैं। इस बार भी यही जल्दबाजी दिखाते हुए मीडिया घरानों ने एयर इंडिया को लेकर एक खबर चला दी। देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों ने इस ख़बर में दावा किया कि भारत सरकार द्वारा एयर इंडिया का मालिकाना हक़, टाटा संस को दे दिया गया है। यह दावा करने वालों में आजतक, एबीपी, वन इंडिया, ऑर्गनाइज़र वीकली, दैनिक जागरण, बिजनेस टुडे, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और ब्लूमबर्ग सहित कई अन्य बड़े मीडिया संस्थान शामिल थे। समाचार एजेंसी ANI ने भी सूत्रों के हवाले से इस खबर को ब्रेक किया था। हालांकि, सरकार द्वारा इस मुद्दे पर आधिकारिक घोषणा किए जाने के बाद मीडिया संस्थानों द्वारा अपने आर्टिकल्स में संशोधन कर दिया गया है।









क्या भारत सरकार द्वारा घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया का मालिकाना हक़, टाटा संस को दे दिया गया है? इसका सच जानने के लिए सबसे पहले कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से Google सर्च किया। इस दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जहां कुछ आर्टिकल्स में यह जानकारी दी गई है कि सरकार द्वारा एयर इंडिया का मालिकाना हक़, टाटा संस को सौंप दिया गया है। बतौर नवभारत टाइम्स, ’67 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हुई है।’

पड़ताल के दौरान हमें भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन कार्यरत सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के ट्विटर अकाउंट से किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में यह साफ किया गया है कि एयर इंडिया का मालिकाना हक़ अभी तक किसी को नहीं सौंपा गया है।
सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा, एयर इंडिया के अधिग्रहण पर ट्वीट किए जाने के बाद यह साफ़ हो गया कि मीडिया संस्थानों ने फ़ेक न्यूज़ प्रकाशित/प्रसारित की थी।
एयर इंडिया की शुरुआत साल 1932 में ही हो गई थी। इस विमानन कंपनी के जनक उद्योगपति जेआर टाटा थे। जिस समय इसकी स्थापना हुई थी, उस समय इसका नाम टाटा एयरलाइंस रखा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेआर टाटा ने इस एयरलाइन्स का संचालन महज 2 जहाज़ों के साथ किया था। आज़ादी के बाद यानी साल 1947 में देश की तत्कालीन सरकार ने एयरलाइंस में करीब 49 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी। एक समय ऐसा भी था जब यह विमानन कंपनी देश के सबसे अग्रणी विमान सेवाओं के लिए जानी जाती थी। बीतते समय के साथ एक ऐसा समय भी आया, जब यह कंपनी घाटे में चली गई। साल 2017 में एक समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में देश के तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि यदि उन्हें मौका मिले तो वह घाटे में चल रही इस विमानन कंपनी को बेच भी सकते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो पता चलता है कि एयर इंडिया हालिया समय में करीब 58 हजार करोड़ के कर्ज तले दब गई है। इसी कर्ज की भरपाई के लिए सरकार द्वारा बोलियों के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया था। इसी कड़ी में स्पाइस जेट और टाटा संस ने बोलियां लगाईं और अब दावा किया गया कि एयर इंडिया का मालिकाना हक़ टाटा को दे दिया गया है।
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो जाता है कि देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर गलत समाचार प्रकाशित/प्रसारित किया गया। अभी तक सरकार ने एयर इंडिया का मालिकाना हक़ किसी को नहीं सौंपा है।
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JP Tripathi
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