Authors
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के जरिए दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में दलितों और मुस्लिमों के बीच झड़प हुई है, जिसमें कुछ खुराफाती तत्वों ने बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ डाला.
वायरल फोटो में बाबासाहेब आंबेडकर की टूटी प्रतिमा नजर आ रही है. मूर्ति में चश्मा और नाक टूटी हुई है. फेसबुक और ट्विटर पर इस दावे के साथ तस्वीर को सैकड़ों लोग शेयर कर चुके हैं.
Fact Check/Verification
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें न्यूज़ वेबसाइट ‘The Free Press Journal’ की 15 मार्च 2022 को प्रकाशित हुई एक खबर मिली. इस खबर में वायरल तस्वीर मौजूद है. इसमें बताया गया है कि मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के मुस्करा गांव में कुछ अज्ञातों ने बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति खंडित कर दी. बताते चलें कि सीहोर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है.
उस समय इस मामले को लेकर न्यूज़ वेबसाइट The Quint, एबीपी न्यूज़ और अमर उजाला में भी खबरें छपी थीं. मामले में पुलिस ने अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. पुलिस ने आशंका जताई थी कि यह हरकत किसी नशेड़ी की हो सकती है.
साथ ही, पुलिस ने गांव वालों को आश्वासन दिया था कि मामले की जांच जल्द पूरी होगी और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें आरोपियों के गिरफ्तार होने का जिक्र हो.
इसके चलते आरोपियों के बारे में जानने के लिए हमने सीहोर पुलिस से संपर्क किया. खबर लिखे जाने तक हमें आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है. अगर इस बारे में कोई सूचना प्राप्त होती है तो उसे खबर में अपडेट कर दिया जाएगा.
हालांकि, इस मामले को लेकर मुस्करा गांव के सरपंच रामचंद्र वर्मा ने न्यूज़चेकर को बताया कि घटना के बाद यह पता नहीं लग पाया था कि बाबा साहेब की मूर्ति किसने तोड़ी है.
Conclusion
हमारी जांच में निष्कर्ष यह निकलता है कि बाबासाहेब आंबेडकर की टूटी प्रतिमा की ये फोटो पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की है. साथ ही, यह घटना भी आठ महीने पुरानी है. तस्वीर को झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
Result: False
Our Sources
Reports of The Free Press Journal, The Quint and ABP News, published on March 15, 2022
Quote of Sarpanch, Muskara village, MP
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An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.