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Fact Check: प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना और कांग्रेस को वोट देने की अपील करते आमिर खान का यह वीडियो एडिटेड है

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
आमिर खान ने की प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना.

Fact
नहीं, वायरल वीडियो एडिटेड है.

सोशल मीडिया पर बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह प्रधानमंत्री मोदी के पुराने 15 लाख वाले बयान को जुमला बताते हुए उनकी आलोचना करते नज़र आ रहे हैं. 

हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह वायरल वीडियो फ़र्ज़ी है और आमिर खान के पुराने सत्यमेव जयते वाले एपिसोड में अलग से ऑडियो जोड़ा गया है.

वायरल हो रहे 30 सेकेंड के इस वीडियो में आमिर खान को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “दोस्तों, अगर आप सोचते हैं कि भारत एक गरीब देश है तो आप बिलकुल गलत सोचते हैं, क्योंकि यहां का हरेक नागरिक लखपति है. हरेक के पास कम से कम 15 लाख होने चाहिए क्या कहा? आपके पास ये रकम नहीं है तो कहां गए आपके 15 लाख रुपये? जुमलेबाजों से रहो सावधान, नहीं तो होगा तुम्हारा नुकसान.” आगे वीडियो में कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की गई है.

एक्स पोस्ट का आर्काइव यहां देखें।

Courtesy: X/HarishMeenaINC

वायरल वीडियो वाले अन्य पोस्ट यहां और यहां देखें.  

Fact Check/ Verification

Newschecker ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा तो पाया कि आमिर खान की लिप्स मूवमेंट ऑडियो के साथ मेल नहीं खाती है. साथ ही हमें वीडियो के अंतिम हिस्से में “सत्यमेव जयते” भी सुनने को मिला.

इसी की मदद से हमने सत्यमेव जयते के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगाला तो हमें वायरल वीडियो में दिख रहे दृश्यों की तरह का ही वीडियो 30 अगस्त 2016 को अपलोड किया हुआ मिला. इस वीडियो का टाइटल अंग्रेजी में था, जिसका हिंदी अनुवाद है, “सत्यमेव जयते एपिसोड 4 प्रोमो – प्रत्येक भारतीय एक करोड़ का हकदार है!”.

   Courtesy: YT/Satyamev Jayate

अब हमने वायरल वीडियो और यूट्यूब वीडियो के दृश्यों का मिलान किया. हमने पाया कि दोनों वीडियो में एक ही दृश्य मौजूद हैं. आप इसे नीचे देख सकते हैं.

हालांकि, यूट्यूब वीडियो में मौजूद ऑडियो अलग है. इस ऑडियो में आमिर खान को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “दोस्तों अगर आप सोचते हैं कि भारत एक गरीब देश है, तो आप बिल्कुल गलत सोचते हैं क्योंकि यहां का हर एक नागरिक करोड़पति है. हर एक के पास कम से कम एक करोड़ रुपये होने चाहिए, क्या कहा? आपके पास ये रकम नहीं है? तो कहां गए आपके 1 करोड़ रुपये, जानिए इस संडे सुबह 11 बजे.” 

साथ ही हमने यह भी पाया कि सत्यमेव जयते के आधिकारिक X अकाउंट से भी 23 मार्च 2014 को एक यूट्यूब वीडियो का लिंक साझा किया गया था, जिसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद हैं. 

Courtesy: X/SatyamevJayate

खोजने पर हमने यह भी पाया कि इस प्रोमो से जुड़ा पूरा एपिसोड 23 मार्च 2014 को सत्यमेव जयते के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया था.

हमारी अभी तक की जांच में यह तो साफ़ हो गया कि वायरल क्लिप एडिटेड है और आमिर खान द्वारा पीएम मोदी की आलोचना करने का वायरल दावा फ़र्ज़ी है. 

जांच में हमें आमिर खान के आधिकारिक प्रवक्ता की तरफ से जारी किया गया बयान भी मिला, जिसमें उन्होंने कहा कि “हम हालिया वायरल वीडियो से चिंतित हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि आमिर खान एक विशेष राजनीतिक दल को बढ़ावा दे रहे हैं. वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह एक फर्जी वीडियो है और पूरी तरह से झूठ है. उन्होंने इसको लेकर संबंधित अधिकारियों को सूचना दी है और साथ में मुंबई पुलिस के साइबर अपराध सेल में एफआईआर भी दर्ज कराया है. आमिर खान सभी भारतीयों से आग्रह करना चाहते हैं कि वे बाहर आएं और मतदान करें और चुनावी प्रक्रिया का सक्रिय हिस्सा बनें”.

डीपफेक एनालिसिस यूनिट (डीएयू) ने भी आमिर खान के वायरल वीडियो की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि इसे फर्जी ऑडियो लगाया गया है. उन्होंने ट्रूमीडिया के डीपफेक डिटेक्टर का इस्तेमाल किया, जिसने वीडियो को “अत्यधिक संदिग्ध” बताया. इसने डीपफेक फेस डिटेक्शन में सात प्रतिशत कॉन्फिडेंस स्कोर दिया, जिसका मतलब है कि टूल को जेनरेटिव ए.आई. का उपयोग करके अभिनेता के चेहरे को फिर से बनाए जाने के बहुत कम सबूत मिले.

इसके अतिरिक्त, उन्होंने एआई या नॉट के ऑडियो डिटेक्शन टूल का भी उपयोग किया, जिससे निष्कर्ष निकला कि ऑडियो के एआई से बनाए जाने की संभावना 60 प्रतिशत है.

इसके अलावा, डीएयू ने वायरल फुटेज को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर डॉ.हैनी फरीद की टीम के साथ साझा किया. डॉ फ़रीद की टीम ने ऑडियो का विश्लेषण किया और पाया कि इस वीडियो में ऑडियो ट्रैक नकली है. उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा मामला है जहां ऑडियो ट्रैक को माउथ मूवमेंट के साथ सिंक करने की कोशिश किए बिना ही बदल दिया गया.

(इस आर्टिकल में डीएयू की तरफ से मिले साक्ष्यों को बाद में जोड़ा गया है.)

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो एडिटेड है और असल वीडियो में अलग से ऑडियो जोड़कर इसे बनाया गया है. 

Result: Altered Video

Sources
YouTube Video By Satyamev Jayate, Dated August 30, 2016

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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