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Fact Check: क्या केरल के स्कूल में मुस्लिम छात्रों को मंदिर में पुजारी बनने के लिए दी जा रही है संस्कृत भाषा की ट्रेनिंग? यहां जानें सच

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
केरल में मंदिर का पुजारी पद हासिल करने के लिए मुस्लिम शिक्षक मुसलमानों के एक वर्ग को संस्कृत सिखा रहे हैं।
Fact
केरल के एक इस्लामिक संस्थान में दूसरे धर्म के बारे में ज्ञान और जागरूकता पैदा करने के लिए मुस्लिम छात्रों को हिन्दू धर्म ग्रंथों के महत्वपूर्ण अंश संस्कृत में पढ़ाए जाते हैं।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केरल के मंदिरों में पुजारी पद हासिल करने के लिए मुस्लिम शिक्षक, मुसलमानों के एक वर्ग को संस्कृत सिखा रहे हैं।

Courtesy: X/ हम लोग We The People

वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि एक कक्षा में लंबे सफेद वस्त्र पहने और सिर पर जाली वाली टोपी लगाए छात्र बैठे हैं और संस्कृत के श्लोकों की आवाज आ रही है। फिर एक शिक्षक द्वारा एक छात्र से संस्कृत का श्लोक सुनाने के लिए कहा जाता है और वो छात्र श्लोक सुनाने लगता है। दूसरे शॉट में शिक्षक द्वारा संस्कृत में कुछ सिखाया जा रहा होता है और सभी छात्र उसके नोट्स बना रहे होते हैं। बाकी ज्यादातर वीडियो में मलयालम में बात हो रही है।

Fact Check/Verification

वीडियो के साथ The Fourth न्यूज का लोगो लगा है और वीडियो में The Fourth का नाम आता रहता है। खोजने पर पता चला कि The Fourth मलयालम भाषा का एक न्यूज़ पोर्टल है। वीडियो की सत्यता जानने के लिए सबसे पहले हमने The Fourth के डायरेक्टर बी. सृजन (B. Sreejan) से बात की।

उन्होंने हमें बताया कि ”हाँ, यह वीडियो हमारी ही रिपोर्ट से लिया गया है, लेकिन हमारी रिपोर्ट का सन्दर्भ एकदम अलग था। वीडियो के साथ साझा किया जा रहा दावा बिल्कुल गलत है। यह एक सकारात्मक स्टोरी थी। करीब एक साल पहले 1 नवंबर, 2022 को पोस्ट किए गए वीडियो में हमने दिखाया था कि किस तरह एक इस्लामिक संस्थान में, जहाँ मुस्लिम छात्रों को इमाम बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, वहां संस्कृत में भी एक कोर्स पढ़ाया जाता है, क्योंकि यह संस्थान भारत में काम कर रहा है तो हिन्दू धर्म ग्रंथों को जानने के लिए इन्होंने एक कोर्स संस्कृत में भी शुरू किया है।” उन्होंने हमें आगे बताया कि ”हमारा वीडियो इस बारे में था कि किस तरह एक संस्थान जो इमाम बनने की शिक्षा देता है, वह अपने पाठ्यक्रम में छात्रों की जागरूकता और ज्ञान के लिए संस्कृत और हिन्दू धर्म ग्रंथों से परिचित भी कराता है।” The Fourth के द्वारा साझा किए गए वीडियो को यहाँ देखा जा सकता है।

Courtesy: Facebook/The Fourth

अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल वीडियो में दिखाए गए कॉलेज, अकादमी ऑफ़ शरिया एंड एडवांस्ड स्टडीज (Academy of sharia and advanced studies) के प्राचार्य ओणमपिल्लै मुहम्मद फ़ैज़ी (Onampilly Muhammed Faizy) से बात की। उन्होंने वायरल दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया। उन्होंने हमें बताया कि ”हमारे पाठ्यक्रम में छात्रों को इस्लामी ज्ञान के साथ-साथ अन्य धर्मों और उनके ग्रंथों के बारे में जानने और भारतीय संस्कृति की महानता का अनुभव करने का अवसर मिलता है। यहाँ छात्र मलयालम, अरबी, अंग्रेजी, संस्कृत और उर्दू भाषाओं, कानूनी प्रणाली और सार्वजनिक प्रशासन में ज्ञान प्राप्त करते हैं। हमारे छात्र एक बेहतर कल के समर्थक बनेंगे। यह कोर्स उन्हें बेहतर इस्लामिक विद्वान बनाने के लिए है। यह दावा गलत है कि उन्हें मंदिर के पुजारी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।”

दावे में कहा जा रहा है कि एक मुस्लिम शिक्षक द्वारा मुस्लिम छात्रों को संस्कृत पढाई जा रही है, जबकि अपनी जांच में हमने पाया कि वीडियो में दिख रहे शिक्षक मुस्लिम नहीं हैं। उनका नाम रमेश है। वे इस संस्थान में छात्रों को संस्कृत पढ़ाते हैं।

Courtesy: RT India

साथ ही हमने पाया कि इस खबर पर कई सकारात्मक मीडिया रिपोर्ट्स भी छपी हैं। इनमें से कुछ रिपोर्ट्स को यहाँ, यहाँ और यहाँ पढ़ा जा सकता है। 13 नवंबर, 2022 को नवभारत टाइम्स ने लिखा था कि “केरल के इस इस्लामिक संस्थान में मुस्लिम छात्रों को पढ़ाई जाती है गीता, वेद, उपनिषद, संस्कृत में ही होती है बात।” 13 नवंबर 2022 को ही ‘द प्रिंट’ (The Print) ने लिखा था “केरल के इस्लामिक संस्थान ने संस्कृत पढ़ाकर कायम की मिसाल!”

Conclusion

अपनी जांच में हमने पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल हो रहा वीडियो एक साल पुराना है। यह वीडियो केरल के अकादमी ऑफ़ शरिया एंड एडवांस्ड स्टडीज का है। केरल के एक इस्लामिक संस्थान में दूसरे धर्म के बारे में ज्ञान और जागरूकता पैदा करने के लिए मुस्लिम छात्रों को भगवद गीता, उपनिषद, महाभारत, रामायण के महत्वपूर्ण अंश संस्कृत में पढ़ाए जाते हैं। उनकी कक्षा का वीडियो गलत सन्दर्भ में वायरल किया जा रहा है। इसके अलावा, छात्रों को संस्कृत पढ़ा रहे व्यक्ति मुस्लिम नहीं हैं।

Result: False

Our Sources
Original video shared by The forth dated November 1, 2022.
Conversation with Mr. B. Sreejan, Director of The Forth
Conversation with Mr.Onampilly Muhammed Faizy , Principal of Academy of sharia and advanced studies
Report by Indian Express dated November 13,2022
Report by The Print dated November 13,2022
Report by Navbharat Times dated November 13,2022

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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