Fact Check
क्या विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया? जानें, वायरल तस्वीर का सच
Claim
विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया
Fact
नहीं, वायरल तस्वीर पुरानी है.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर इस दावे से शेयर की जा रही है कि ब्राह्मण समाज पर विवादित टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर चार साल पुरानी है जब आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को फर्जी दस्तावेज बनाने से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
गौरतलब है कि बीते दिनों मध्यप्रदेश के सीनियर आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने अजाक्स के एक कार्यक्रम में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. उनके इस बयान का ब्राह्मण समाज से जुड़े लोगों ने विरोध किया और बर्खास्तगी एवं गिरफ़्तारी की मांग भी की. विवाद गहराने के बाद मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने आईएएस संतोष वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
वायरल तस्वीर में मास्क पहने एक शख्स दो पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में सिर झुकाए बैठा हुआ दिखाई दे रहा है. इस तस्वीर को फेसबुक पर वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “ये वही संतोष वर्मा है, जिसने ब्राह्मण समाज की बहन बेटी पर अभद्र टिप्पणी किया था. ग्वालियर वाले अनिल मिश्रा ने एसपी आफिस जाकर इसके खिलाफ एफआईआर कराये थे”.

यह तस्वीर इसी तरह के दावे से कई अन्य फेसबुक अकाउंट्स से भी शेयर की गई है.

Fact Check/Verification
मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किए जाने के दावे से वायरल इस तस्वीर की पड़ताल में सबसे पहले हमने यह पता करने की कोशिश की कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान हमें अधिकांश हालिया रिपोर्ट्स में यही जानकारी मिली कि टिप्पणी मामले में मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब देने को कहा है.

इसके बाद हमने वायरल तस्वीर की पड़ताल की तो हमें यह तस्वीर नई दुनिया की वेबसाइट पर 18 जुलाई 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट में मिली.

रिपोर्ट में बताया गया था कि साल 2021 में संतोष वर्मा को एक फर्जी न्यायालय आदेश तैयार करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. दरअसल 2016 में संतोष वर्मा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे और एक महिला ने उनपर आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था. इसी दौरान उनकी पदोन्नति आईएएस में होने वाली थी. चूंकि कोर्ट में चल रहा वह मामला इसमें आड़े आता, इसलिए उन्होंने इससे बचने के लिए फर्जी न्यायालय आदेश तैयार कर लिया.
आगे रिपोर्ट में लिखा हुआ था कि इसी मामले में 27 जून 2021 को इंदौर के एमजी रोड पुलिस स्टेशन ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था और बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया था.
जांच के दौरान हमें साल 2021 में इस संबंध में प्रकाशित कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया था कि साल 2016 में एक महिला ने इंदौर के लसूडिया थाने में अफसर संतोष वर्मा के खिलाफ शादी के बाद धोखा देने का आरोप लगाया था. साल 2020 में उनका नाम आईएएस प्रमोशन में आया था. चूंकि मामूली अपराध होने पर भी IAS प्रमोशन रुक जाता है. इसलिए 7 अक्टूबर 2020 को संतोष वर्मा ने जिला कोर्ट से बनी हुई एक सर्टिफाइड कॉपी भोपाल मुख्यालय में पेश की थी, जिसमें DPC (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) के लिए स्पेशल जज (CBI और व्यापमं) विजेंद्र रावत के फर्जी साइन मौजूद थे.

उक्त फर्जी रिपोर्ट में लिखा गया था कि लसूडिया थाने में जिस महिला ने उनके ऊपर शादी का झांसा देने की शिकायत की थी. उस केस का खात्मा हो चुका है. सर्टिफिकेट कॉपी की बदौलत ही उनका आईएएस प्रमोशन में नाम आ गया था. इसी मामले का खुलासा होने के बाद 27 जून को इंदौर के एमजी रोड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर 11 जुलाई को संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया था.

चूंकि वायरल तस्वीर में संतोष वर्मा का चेहरा नहीं दिखाई दे रहा था, इसलिए हमने यह पता करने की कोशिश की कि वर्तमान विवाद में शामिल संतोष वर्मा वही व्यक्ति हैं या कोई और.
इस दौरान हमें नवंबर 2020 में प्रकाशित कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया था कि राज्य प्रशासनिक सेवा के 18 अफसरों को आईएएस में पदोन्नत किया गया था. इसका नोटिफिकेशन कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने जारी किया था. रिपोर्ट में मौजूद नोटिफिकेशन में संतोष कुमार वर्मा का नाम भी मौजूद था और उनकी जन्म तिथि 3 जून 1970 बताई गई थी.

यही डिटेल्स हमें DOPT की तरफ से 10 फ़रवरी 2021 को किए गए एक अन्य नोटिफिकेशन में भी मिली, जो राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस में पदोन्नत होकर आए अधिकारियों की ट्रेनिंग से संबंधित थी. इसमें मौजूद लिस्ट में 132वें नंबर पर राज्य के तौर पर मध्यप्रदेश, नाम संतोष कुमार वर्मा, बैच 2019 और जन्म तिथि के तौर पर 3 जून 1970 लिखा हुआ था.

इतना ही नहीं हमें मध्यप्रदेश सरकार की वेबसाइट पर मौजूद आईएएस लिस्ट में भी वही डिटेल्स मिली, जो ऊपर मौजूद है.

Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश के आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किए जाने के दावे से वायरल यह तस्वीर पुरानी है और साल 2021 की है.
Our Sources
Article Published by Nai Duniya on 18th July 2021
Article Published by Dainik Bhaskar on 11th July 2021
Article Published by ETV on 16th July 2021
Details available on MP govt Website
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